मोदी का डबल एआई का भारत

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक करिश्माई नेता हैं, इसमंे कोई दो राय नहीं है। इसके साथ ही उन्हांेने भारत को विश्व स्तर पर एक प्रेरणा के रूप मंे भी स्थापित करने का प्रयास किया है। इस दिशा मंे काफी कुछ किया जा चुका है और बहुत कुछ करना शेष भी है। पिछले दिनों एक न्यूज चैनल के विश्वस्तरीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वास के साथ यह बात कही। उन्हांेने कहा भारत में डबल एआई कार्य करती है। पहली आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस है और दूसरी एस्पिरेशनल इंडिया अर्थात् दुनिया को प्ररेणा देना। भारत ने तकनीक को लोकतांत्रिक रूप देकर डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का नया रास्ता दुनिया को दिखाया है। पीएम मोदी की इस बात का समर्थन यूनाइटेड किंगडम (यूके) के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरान ने किया। अर्थशास्त्री प्रोफेसर पाल रोजर ने भी नरेन्द्र मोदी सरकार के कुछ फैसलों को क्रांतिकारी बताया। उन्हांेने उसी कार्यक्रम में कहा कि भारत ने ‘आधार’ को लाने मे कोई हिचक नहीं दिखाई। पॉल रोजर कहते हैं कि भारत मंे आधार जैसे कदम ने लोगों को एक अस्तित्व दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में 125 दिनों का जो ब्यौरा दिया है, उससे भी उनकी बात की पुष्टि होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट को संबोधित करते हुए समझाया कि भारत के पास डबल एआई पावर है। पहली आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस और दूसरी एस्पिरेशनल इंडिया। पीएम मोदी ने कहा, हमारे लिए एआई सिर्फ एक टेक्नोलॉजी नहीं है बल्कि ये भारत के युवाओं के लिए अवसरों का नया द्वार है। पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का ये समय मानव इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण समय है। ऐसे में आज के युग की बड़ी जरूरतें हैं- स्थिरता, स्थायित्व और समाधान। ये मानवता के बेहतर भविष्य के लिए सबसे जरूरी शर्तें हैं और भारत आज यही प्रयास कर रहा है। इसमें भारत की जनता का एकनिष्ठ समर्थन है। पीएम मोदी ने कहा, हमारे रिश्ते की बुनियाद हमेशा विश्वास और विश्वसनीयता रही है और अब दुनिया भी इस बात को समझ रही है। उन्होंने कहा, भारत ने टेक्नोलॉजी को डेमोक्रटाइज करके डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का नया रास्ता दुनिया को दिखाया है। उन्होंने कहा, भारत ने दिखाया है कि डिजिटल इनोवेशन और डेमोक्रेटिक वैल्यू एक साथ काम कर सकती हैं। भारत ने दिखाया है कि टेक्नोलॉजी, इनक्लूजन, ट्रांसपेरेंसी और एम्पावरमेंट का टूल है, कंट्रोल और डिविजन का नहीं। पीएम मोदी ने कहा, ऐसा नहीं है कि ये सरकार ने तय कर लिया और टारगेट सेट हो गया। विकसित भारत के संकल्प में 140 करोड़ भारतीय जुटे हुए हैं। जब भारत ने विकसित भारत के संकल्प का विजन शुरू किया, तो हजारों लोगों ने अपने सुझाव हमें भेजे। स्कूल, कॉलेज, यूनिवसिर्टी में डिबेट हुए। जनता से जो सुझाव मिले, उससे भारत के 25 साल के लक्ष्य तैयार हुए। विकसित भारत पर डिबेट आज हमारे चैतन्य का हिस्सा बन गया है। पीएम मोदी ने कहा, अब सफलता का मापदंड ये नहीं है कि हमने क्या पाया, बल्कि हमारा आगे का लक्ष्य है कि हमें कहां पहुंचना है। हम उस ओर देख रहे हैं। कहां तक पहुंचे, कितना पहुंचे, कितना बाकी है, यानि एक नई अप्रोच के साथ मैं पूरी सरकारी मशीनरी के साथ काम ले रहा हूं। अब भारत फॉरवर्ड लुकिंग के साथ आगे बढ़ रहा है। 2027 तक विकसित भारत का संकल्प भी इसी सोच को दिखाता है। अब हम देखते हैं कि विकसित भारत का जो हमारा संकल्प है, उसकी कितनी राह हमने तय कर ली है।
देश के विकास को लेकर पीएम मोदी ने कहा, आज विकसित भारत के संकल्प से देश के 140 करोड़ लोग जुड़ गए हैं और वो खुद इसे ड्राइव कर रहे हैं। ये जन भागीदारी का अभियान ही नहीं बल्कि भारत में आत्मविश्वास का आंदोलन भी बन गया है। पीएम मोदी ने कहा, आज भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। इस युवा देश की क्षमता हमें आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। इसके लिए हमें अभी कुछ करना है। बहुत तेजी से करना है। आज भारत की सोच और अप्रोच में जो बदलाव आया है, उसे सभी अनुभव कर रहे होंगे। आम तौर पर जो परंपरा रही है और वो स्वभाविक भी है। हर सरकार पिछली सरकारों के कामों से तुलना करती है और इससे संतोष भी मान लेती है कि चलो हमने बेहतर किया। ये तुलना लगभग 10-15 सालों से होती है। हम भी इस परंपरा पर चलते थे, लेकिन हमें वो रास्ता भी रास नहीं आ रहा है। अब हम बीते हुए कल और आज की तुलना करके आराम फरमाने वाले लोग नहीं हैं। भारत दुनिया का सबसे युवा देश है और इस देश का पोटेंशियल हमें आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। भारत आज एक विकासशील देश भी है और उभरती हुई शक्ति भी। हम गरीबी की चुनौतियां भी जानते हैं और प्रगति का रास्ता बनाना भी जानते हैं।
समिट में यूके के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरान ने भारत की क्षमताओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारत यकीनन रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच मध्यस्थता कर सकता है। इससे पहले दुनिया की चिंताओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में मची उथल-पुथल के बीच भारत उम्मीद की एक किरण बना है। जब दुनिया चिंता में डूबी है तब भारत आशा का संचार कर रहा है। हमें फर्क पड़ता है। चुनौतियां भारत के सामने भी हैं, लेकिन एक सेंस ऑफ पॉजिटिविटी यहां है, जिसें हम फील कर रहे हैं, आज भारत हर सेक्टर और क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा है।
समिट में देश-दुनिया के बड़े चेहरे मौजूद थे। भूटान के पीएम दाशो शेरिंग तोबगे, बारबाडोस की प्रधानमंत्री मिया मोटली और ब्रिटेन के पूर्व पीएम लॉर्ड डेविड कैमरान के अलावा कई बड़े कारोबारी, फिल्म और साहित्य के जुड़े बड़े नाम भी समिट में शिरकत कर रहे थे।
अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता, विश्व बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री प्रोफेसर पॉल रोमर ने कहा कि भारत आधार को लाने में घबराया नहीं। भारत में आधार जैसे कदम ने लोगों को एक अस्तित्व दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, भारत में चर्चा हो रही है द इंडियन सेंचुरी, भारत की शताब्दी! भारत उम्मीद की एक किरण बना है, ऐसे समय पर जब दुनिया कई मुद्दों को लेकर चिंतित है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 125 दिन पूरे हुए हैं। पहले 125 दिनों में गरीबों के लिए 3 करोड़ घर बनाने को मंजूरी दी गई है 125 दिनों में 5 लाख घरों में सोलर पैनल लगाए गए। 125 दोनों में स्टॉक मार्केट में 6 प्रतिशत से 7 प्रतिशत तक ग्रोथ हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की उपलब्धियों की लिस्ट लंबी है। यह तो बस 125 दिन हैं। इन 125 दिन में दुनिया भारत में किन विषयों पर चर्चा करने आए हैं। भारत में डिजिटल फ्यूचर पर चर्चा करने के लिए इंटरनैशनल असेंबली हुई। भारत में ग्लोबल फिनटैक फेस्टिबल भी हुआ। (हिफी)