मोहन यादव की मेहनत लायी रंग

राजनेता विदेश भ्रमण पर जाते हैं लेकिन ज्यादातर उनका मकसद पूरा नहीं होता है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा। मोहन यादव भी विदेशी निवेश संवर्द्धन के लिए यूरोप के दौरे पर गये थे। भारत में विदेशी कंपनियां निवेश करना चाहती हैं लेकिन वे पहले इस बात से आश्वस्त होना चाहती हैं कि उनको सुरक्षा और बेहतर सुविधा मिले। कोई भी निवेशक यूं ही अपना पैसा नहीं लगाएगा। मध्य प्रदेश मंे निवेश की संभावना देखने के लिए अब जर्मन की कंपनियां आयी हैं। मध्य प्रदेश ग्लोबल स्टार्टअप एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत 18 अगस्त से कंपनियों ने आना प्रारम्भ किया है। जर्मनी की अग्रणी तकनीकी कंपनियां राज्य में निवेश करेंगी तो राजस्व के साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा। राज्य में निवेशक कंपनियों का यह आयोजन इंक्यूबेशन मास्टर्स, जर्मनी-इंडिया इनोवेशन काॅरिडोर और एमपी आईडीसी के सहयोग से हो रहा है। अभी यह पता नहीं चला कि कौन कंपनी कितना निवेश करेगी लेकिन 2 दिन के भ्रमण और प्रजेन्टेशन मंे सकारात्मक रुख दिखाई दिया है। इससे मध्य प्रदेश के उद्यमियों और स्टार्ट-अप्स करने वाले युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पद्र्धा का अवसर भी मिलेगा। जर्मनी से जो कंपनियां आयी हैं, उनमंे एआई डोटा इंटीग्रेशन, वर्क लो आॅटोमेशन, आईओटी और कनेक्टिविटी साॅल्यूशंस, एंटर प्राइज साफ्टवेयर और डाक्यूमंेट प्रोसेसिंग एआई तकनीक में विशेषज्ञता रखने वाली कंपनियां शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विदेशी निवेश आकर्षित करने के प्रयासों के परिणाम आना शुरू हो गए हैं। विदेशी निवेश संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री के यूरोप दौरे के फलस्वरूप अब जर्मन की कंपनियों ने मध्य प्रदेश का रूख किया है। मध्यप्रदेश ग्लोबल स्टार्टअप एक्सचेंज कार्यक्रम के अंतर्गत 18 अगस्त से 22 अगस्त तक पांच अग्रणी जर्मन टेक कंपनियों का दौरा शुरू हो गया है। इसमें मध्य प्रदेश और जर्मनी के बीच व्यापार एवं नवाचार को मजबूती मिलेगी। मध्य प्रदेश के उद्यमों और जर्मन कंपनियों के बीच रणनीतिक साझेदारी बढ़ेंगी। साथ ही तकनीकी आदान-प्रदान और निवेश अवसरों में वृद्धि होगी। मध्य प्रदेश ग्लोबल स्टार्ट अप एक्सचेंज कार्यक्रम का उद्देश्य तकनीकी हस्तांतरण को प्रोत्साहित करना, एआई, डेटा एनालिटिक्स और आईटी उद्योग में श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों, नवाचारी प्रयासों का आदान-प्रदान करना है।जर्मन कम्पनियों का यह दौरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाओं का सेतु बनेगा। इससे प्रदेश में अनुसंधान एवं नवाचार की दिशा को नई ऊर्जा मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि इस तरह की वैश्विक तकनीकी साझेदारी से प्रदेश में नवाचार और रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ। यादव ने कहा कि “यह पहल केवल तकनीकी सहयोग का आरंभ नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के लिए एक व्यापक नवाचार यात्रा की नींव है। ग्लोबल नॉलेज एक्सचेंज और कटिंग-एज टेक्नोलॉजी से विकसित होने वाली ट्रांस्फॉर्मेटिव साझेदारियां प्रदेश के स्टार्ट-अप्स और उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने में सहायक होंगी।”यह आयोजन इंक्यूबेशन मास्टर्स , जर्मनी- इंडिया इनोवेशन कॉरिडोर और एमपीआईडीसी के सहयोग से हो रहा है। यह राज्य की प्राथमिकताओं “आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश” और “डिजिटल इंडिया” के अनुरूप है। भविष्य में अमेरिका, सिंगापुर, यूएई तथा अन्य तकनीकी अग्रणी देशों के साथ भी इसी तरह की सहयोग यात्राएं आयोजित की जाएंगी, जिससे मध्यप्रदेश को एक ग्लोबल टेक-हब के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य सुदृढ़ होगा।
जर्मन कंपनियां के प्रतिनिधिमंडल में टाइलर्स के स्टीवन रैनविक, टैलोनिक के निकोलस, स्टेएक्स के एलेक्सजेन्ड्रा के मिकीटयूक, क्यू-नेक्ट-एजी के मटियास प्रोग्चा और क्लाउड-स्क्विड के फिलिप रेजमूश शामिल हैं। ये कंपनियां वैश्विक स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डेटा इंटीग्रेशन, वर्कफ्लो ऑटोमेशन, आईओटी और कनेक्टिविटी सॉल्युशंस, एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर तथा डॉक्यूमेंट प्रोसेसिंग एआई तकनीक के क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए जानी जाती हैं। इन कंपनियों का अनुभव और तकनीकी क्षमता मध्यप्रदेश के उद्यमियों, स्टार्ट-अप्स और युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी। प्रतिनिधिमंडल इंदौर प्रवास के दौरान तकनीकी कार्यशालाओं और रणनीतिक चर्चाओं में शामिल हुआ।
माना जा रहा है कि कई तकनीकी साझेदारी के समझौते होंगे। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय निवेश और नई साझेदारियों के द्वार खुलेंगे। इस पहल से प्रदेश के उच्च कौशल वाले हजारों युवाओं के लिए रोजगार सृजित होगे। इससे प्रदेश के युवा वैश्विक प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जुड़ सकेंगे। साथ ही राज्य में नए ‘अनुसंधान और विकास’ केंद्रों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा। यह दौरा मध्यप्रदेश के लिए एक व्यापक नवाचार यात्रा की बुनियाद सिद्ध होगा। इस दौरे से वैश्विक नॉलेज और कटिंग एज टेक्नोलॉजी से ट्रांस्फोर्मेटिव साझेदारी विकसित होगी, जो प्रदेश के स्टार्ट-अप्स और उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त करेंगी। इस पहल से नवाचार हब के रूप में मध्यप्रदेश की स्थिति और सुदृढ़ होगी और आने वाले वर्षों में राज्य को भारत का टेक्नोलॉजी पॉवर हाउस बनाने की दिशा में निर्णायक गति मिलेगी।
जर्मन कम्पनियों का यह दौरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाओं का सेतु बनेगा। इससे प्रदेश में अनुसंधान एवं नवाचार की दिशा को नई ऊर्जा मिलेगी।
इस पहल से प्रदेश के उच्च कौशल वाले हजारों युवाओं के लिये रोजगार सृजित होगे। इससे प्रदेश के युवा वैश्विक प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जुड़ सकेंगे। साथ ही राज्य में नए अनुसंधान और विकास केंद्रों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा। यह दौरा मध्यप्रदेश के लिए एक व्यापक नवाचार यात्रा की बुनियाद सिद्ध होगा। इस दौरे से वैश्विक नॉलेज और कटिंग एज टेक्नोलॉजी से ट्रांस्फोर्मेटिव साझेदारी विकसित होगी, जो प्रदेश के स्टार्ट-अप्स और उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त करेंगी। इस पहल से नवाचार हब के रूप में मध्यप्रदेश की स्थिति और सुदृढ़ होगी और आने वाले वर्षों में राज्य को भारत का टेक्नोलॉजी पॉवर हाउस बनाने की दिशा में निर्णायक गति मिलेगी। जर्मनी की प्रमुख कंपनियों का प्रतिनिधिमंडल पांच दिवसीय दौरे पर आया। यह दल विभिन्न जिलों का भ्रमण कर निवेश की संभावनाएं तलाशेगा। सरकार का दावा है कि इन कंपनियों की तकनीकी विशेषज्ञता प्रदेश के स्टार्टअप, उद्यमियों और युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी। यह दौरा 18 से 22 अगस्त तक चलेगा, जिसमें व्यापार और नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर रहेगा। जर्मनी की नामी कंपनियों के प्रतिनिधि मध्य प्रदेश में 18 से 22 अगस्त तक मप्र ग्लोबल स्टार्टअप एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे। इनमें टाइलर्स, टैलोनिक, स्टेएक्स, क्यू-नेक्ट-एजी और क्लाउड-स्क्विड जैसी कंपनियां शामिल हैं, जो एआई डेटा इंटीग्रेशन, वर्कफ्लो ऑटोमेशन, आईओटी, कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस और
एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखती हैं। यह दौरा निवेश और तकनीकी साझेदारी के नए रास्ते खोलेगा।
प्रतिनिधिमंडल ने इंदौर में तकनीकी कार्यशालाओं और रणनीतिक बैठकों में हिस्सा लिया। यह दल आईआईटी इंदौर के इनक्यूबेशन सेंटर का दौरा करेगा और स्थानीय स्टार्टअप के साथ संवाद करेगा। इन चर्चाओं का उद्देश्य तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करना है। इसके जरिए स्थानीय उद्यमियों को वैश्विक स्तर की तकनीकों से जोड़ा जाएगा, जिससे उनके व्यवसाय को नई दिशा मिलेगी। (अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)