Uncategorized

जापान की मदद से मुनीर पाकिस्तान को करेंगे मालामाल

पाकिस्तान अपनी राजनीति और भारत से दुश्मनी के कारण कंगाल है लेकिन उसकी जमीन में मिनरल भरे हुए हैं, जो उसकी किस्मत बदल सकते हैं। पाकिस्तान में सब कुछ आर्मी चीफ के हाथ होता है और अब आर्मी चीफ असीम मुनीर की लॉट्री लगने वाली है। उसके रेको दिक कॉपर-गोल्ड माइन प्रोजेक्ट में जापान की गहरी दिलचस्पी है, जो आधिकारिक रूप ले रही है। जापान की सरकारी संस्था जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन (जेबीआईसी) ने इस परियोजना में 300 मिलियन डॉलर (करीब 2,500 करोड़) का ऋण निवेश करने की योजना बनाई है। तांबा आज दुनिया की ऊर्जा अर्थव्यवस्था का एक मुख्य तत्व है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी की मई रिपोर्ट के अनुसार, 2035 तक तांबे और लिथियम की भारी कमी देखने को मिल सकती है, क्योंकि नई परियोजनाओं से मिलने वाली आपूर्ति अनुमानित मांग से काफी पीछे रह जाएगी।
निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम जापान की उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत वह महत्वपूर्ण खनिजों की वैश्विक आपूर्ति सुनिश्चित करना चाहता है। ऐसे मिनरल्स जिनकी आने वाले वर्षों में भारी कमी होने की आशंका है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने हाल ही में वॉशिंगटन में जेबीआईसी के गवर्नर नोबुमित्सु हयाशी से मुलाकात की। बैठक के बाद औरंगजेब ने कहा, ‘जेबीआईसी का रेको दिक प्रोजेक्ट के लेंडर समूह में शामिल होना निवेशकों का भरोसा बढ़ाएगा और जापानी कंपनियों को पाकिस्तान में विस्तार के लिए प्रोत्साहित करेगा।’ जेबीआईसी का यह ऋण समझौता अगले वर्ष की शुरुआत तक फाइनल होने की उम्मीद है।रेको दिक, पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है और इसे दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी तांबा खदान माना जा रहा है। खनन विशेषज्ञों के मुताबिक, यह परियोजना दो चरणों में विकसित की जाएगी, जिनमें हर साल 45 मिलियन मीट्रिक टन अयस्क को प्रोसेस किया जाएगा और लगभग 8 लाख टन कॉपर कॉन्सन्ट्रेट तैयार होगा। खनन कार्य 2028 में शुरू होने की उम्मीद है और यह प्रोजेक्ट करीब 38 साल तक चलेगा। जेबीआईसी के अलावा जापान की एक और बड़ी कंपनी जो भारी खनन मशीनरी बनाती है, ने भी 440 मिलियन डॉलर का समझौता किया है। यह कंपनी खदान के लिए मशीनें उपलब्ध कराएगी और कराची में अपना एक यूनिट भी स्थापित करेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button