गाजा पर ट्रम्प की मंशा से बौखलाए मुस्लिम देश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गाजा को लेकर अपनी मंशा पहले ही जाहिर कर चुके हैं। ट्रंप ने 4 फरवरी को घोषणा की थी कि वह गाजा पर पूर्ण नियंत्रण चाहते हैं। इसके बाद मुस्लिम देश ट्रंप के इस बयान के खिलाफ रणनीति बनाने में जुट गए हैं। अरब देश अमेरिका के मंसूबों को नाकाम करने के लिए एक कूटनीतिक कदम पर सहमत होने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
कूटनीतिक चर्चाओं से परिचित सूत्रों के अनुसार वैकल्पिक योजना बनाने की कोशिश कर रहे अरब देशों को अभी भी महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटना है। जैसे कि गाजा के पुनर्निर्माण का खर्च कौन उठाएगा। या गाजा पट्टी को कैसे शासित किया जाएगा। लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बात की क्योंकि उन्हें मीडिया से बात करने का अधिकार नहीं था। गौतरलब है कि खाड़ी अरब देशों और मिस्र और जॉर्डन के नेताओं की रियाद में बैठक होने वाली है। इसके बारे में सऊदी अरब ने कहा कि यह घनिष्ठ भाईचारे के संबंधों के ढांचे के भीतर एक अनौपचारिक बैठक होगी। रियाद के बयान में गाजा के बारे में चर्चा का कोई आधिकारिक उल्लेख नहीं किया गया लेकिन सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि यह बैठक जो मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी के आगमन से पहले हुई थी, मुख्य रूप से मिस्र के प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए थी। जो गाजा से फिलिस्तीनियों को साफ करने और उनमें से अधिकांश को जॉर्डन और मिस्र में फिर से बसाने की ट्रंप की योजना का मुकाबला करने के लिए थी।
सिसी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से फिलिस्तीनियों को विस्थापित किए बिना गाजा के पुनर्निर्माण की योजना अपनाने का आह्वान किया। फिलिस्तीनी और क्षेत्र के अन्य लोग चिंतित हैं कि ट्रंप का प्रस्ताव क्षेत्र को अस्थिर कर देगा, जो 1948 के युद्ध में नकबा या तबाही को दोहराएगा, जो इजरायल के जन्म के समय हुआ था।