नईम कासिम सीजफायर को बता रहे बड़ी जीत

बेंजामिन नेतन्याहू कसम खाए बैठे थे कि वो हिजबुल्ला का नामोनिशान मिटाने तक चुप नहीं बैठेंगे। उधर, हिजबुल्ला की तरफ से ही इजरायल में हमले किए जा रहे थे। इसी बीच इजरायल और लेबनान ने 29 नवम्बर को संघर्ष विराम का ऐलान किया। अब हिजबुल्लाह प्रमुख नईम कासिम संघर्ष विराम को एक बड़ी जीत करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने इजरायल को हिजबुल्ला को मिटाने से रोक दिया है।
नईम कासिम यहीं नहीं रुके। आखिरी बार इजरायल और लेबनान के बीच जुलाई 2006 में युद्ध हुआ था। वो इस संघर्ष विराम को 2006 से भी बड़ी जीत बता रहे हैं। कासिम ने कहा, “मैंने आधिकारिक तौर पर और स्पष्ट रूप से यह घोषणा करने का फैसला किया है कि हमें एक बड़ी जीत मिली है, जो जुलाई 2006 से भी बड़ी है। हम जीत गए क्योंकि हमने दुश्मन को हिजबुल्ला को नष्ट करने से रोक लिया और प्रतिरोध को खत्म करने या कमजोर करने से रोका।” युद्ध विराम में यह शर्त है कि हिजबुल्ला लिटानी नदी के दक्षिण के क्षेत्रों से हट जाएगा, जो इजरायली सीमा से लगभग 30 किमी उत्तर में बहती है, और लेबनानी सेना इस बिंदु पर अपने सैनिकों को तैनात करेगी और इजरायली जमीनी सैनिक वापस चले जाएंगे। हिजबुल्लाह प्रमुख ने युद्ध विराम के कार्यान्वयन के लिए सेना के साथ समन्वय करने का वचन दिया हिजबुल्लाह प्रमुख कासिम ने इजरायल के साथ युद्ध विराम समझौते को सुनिश्चित करने के लिए लेबनानी सेना के साथ मिलकर काम करने की कसम खाई। इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध विराम समझौते में अमेरिका और फ्रांस ने अहम भूमिका निभाई। समझौते ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के बाद शुरू हुए एक साल से अधिक लंबे संघर्ष को समाप्त कर दिया है। युद्ध विराम समझौते के तहत, इजरायली सैनिक अपनी स्थिति बनाए रखेंगे। हालांकि, एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, 60 दिनों की अवधि शुरू होगी जिसमें लेबनानी सेना और सुरक्षा बल दक्षिण की ओर अपनी तैनाती शुरू करेंगे।