सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को लगाई कड़ी फटकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी घोषित किए गए लोगों को निर्वासित नहीं करने पर असम सरकार को कड़ी फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से पूछा कि क्या वह उन 63 विदेशी लोगों को निर्वासित करने के लिए किसी मुहूर्त (शुभ समय) का इंतजार कर रही है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने असम सरकार से राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को अपडेट करने की प्रक्रिया के दौरान विदेशी घोषित किए गए लोगों को निर्वासित करने को कहा।
न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि असम तथ्यों को दबा रहा है, जिस पर भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि उन्होंने सर्वोच्च प्राधिकारी से बात की है और ष्कुछ कमियोंष् के लिए माफी मांगी है। न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि हम आपको झूठी गवाही का नोटिस जारी करेंगे। आपको सफाई देनी होगी। हालाँकि राज्य के वकील ने कहा कि ष्छिपाने का कोई इरादा नहीं हैष्।
इसके बाद, न्यायमूर्ति भुइयां ने पूछा, “एक बार जब आप किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित कर देते हैं, तो आपको अगला तार्किक कदम उठाना चाहिए। आप उन्हें हमेशा के लिए हिरासत में नहीं रख सकते। असम में कई विदेशी हिरासत केंद्र हैं। आपने कितनों को निर्वासित किया है? इसके बाद पीठ ने असम सरकार को अवैध अप्रवासियों को तुरंत निर्वासित करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति ओका ने कहा, आप उनकी नागरिकता की स्थिति जानते हैं। फिर आप उनका पता मिलने तक कैसे इंतजार कर सकते हैं?