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देश ही नहीं दुनिया भर में होगी यूपी फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट की पहचान: सीएम योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान के प्रथम शैक्षणिक सत्र 2023-2024 के छात्रों से संवाद किया। उन्होंने गृह विभाग और यूपी पुलिस को इंस्टीट्यूट को वर्ल्ड क्लास बनाने की जिम्मेदारी दी।
कहीं कोई अपराध होता है तो उसकी जांच और रिपोर्ट पूरी होने में महीनों लग जाते हैं। बहुत बार पीड़ित न्याय पाने से वंचित हो जाता है या न्याय की आस में पूरा जीवन ही खत्म हो जाता है। आवश्यक है कि हम लोग आज अपराध की प्रकृति क्या है और समाज की डिमांड क्या है, उसके लिए खुद को तैयार करें। टेक्नोलॉजी के लिहाज से अगर हम खुद को तैयार नहीं करेंगे तो पिछड़ जाएंगे। हम आम लोगों के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे। इसीलिए प्रदेश सरकार ने तय किया है कि हम लोग उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान की स्थापना करेंगे।
प्रसन्नता है कि आज इसका पहला बैच 5 कोर्सेज के साथ शुरू हो रहा है। गृह विभाग के साथ ही संस्थान से जुड़े लोगों को इसे वर्ल्ड क्लास इंस्टीट्यूट के रूप में स्थापित करना है। हम नए कोर्सेज लेकर आएंगे। फॉरेंसिक से जुड़े टॉप संस्थानों के साथ एमओयू हो रहे हैं। नॉलेज शेयरिंग की जा रही है। अच्छी से अच्छी फैकल्टी का चयन किया जा रहा है। यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान के प्रथम शैक्षणिक सत्र 2023-2024 के छात्रों से संवाद करते हुए कहीं। इस अवसर मुख्यमंत्री ने संस्थान के समस्त शिक्षकों एवं छात्र व छात्राओं का परिचय भी प्राप्त किया।
सीएम योगी ने कहा कि समाज में हम गुड गवर्नेंस, डेमोक्रेसी जैसे शब्दों को सुनते हैं। यदि समयबद्ध तरीके से लोगों को न्याय नहीं मिल पाता है, न्याय सुगम नहीं है, सस्ता नहीं है तो फिर यह सारे शब्द बेकार हो जाते हैं। आम जनमानस का विश्वास यदि हमारी संवैधानिक संस्थाओं से हटा, प्रशासनिक व्यवस्था से हटा तो ये किसी के हक में नहीं है। इस दृष्टि से हम लोगों को भी अपने आप को अपडेट करना होगा, समय के अनुरूप तैयार करना होगा। झारखंड का जामताड़ा और राष्ट्रीय राजधानी के करीब मेवात में साइबर क्राइम के ज्यादातर मामले पाए गए हैं। यहां के लोग अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में ले जाने के बजाए नकारात्मक दिशा की ओर ले गए, जिसका दुष्परिणाम यह है कि इस क्षेत्र में नए-नए तरीके अपनाए गए। इन क्षेत्रों के लिए लोगों का दृष्टिकोण बहुत नकारात्मक हो गया है। ये चीजें हमें बताती हैं कि लोगों में ऊर्जा थी, लेकिन उसे सकारात्मक दिशा में ले जाने की जो जरूरत थी, वो उन्हें नहीं मिल पाई या फिर उन्हें उस प्रकार का प्लेटफॉर्म नहीं मिल पाया। समय के अनुरूप हमें भी अपने आप को तैयार करना होगा।

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