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न जांच की, न वाहन देखा, नंबर से बना दिया प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र

हल्द्वानी। प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र के नाम पर जमकर खेल हो रहा है। एआरटीओ के स्टिंग ऑपरेशन में एक ऐसा मामला पकड़ में आया कि केंद्र संचालक ने न वाहन देखा, न जांच की, बल्कि व्हाट्सएप पर आई नंबर प्लेट देखकर ही प्रमाणपत्र जारी कर दिया। एजेंट को पकड़ लिया गया है। साथ ही जांच केंद्र बंद करा दिया गया है। उसका लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। नैनीताल जिले में 69 प्रदूषण जांच केंद्र संचालित हो रहे हैं। संभागीय परिवहन कार्यालय हल्द्वानी को लगातार शिकायत मिल रही थी कि लालकुआं क्षेत्र में फर्जी तरीके से वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र बनाए जा रहे हैं। आरटीओ प्रशासन संदीप सैनी ने एआरटीओ प्रशासन विमल पांडेय के नेतृत्व में टीम गठित की। आरटीओ कर्मचारी अनिल सिंह को लालकुआं स्थित रॉयल रेडियम नाम की दुकान पर भेजा गया। अनिल ने एक वाहन की नंबर प्लेट दिखाते हुए दुकानदार से कहा कि इसका प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र बनवाना है। दुकानदार ने नंबर व्हाट्सएप पर प्रदूषण जांच केंद्र संचालक को भेज दिया।
कुछ देर बाद व्हाट्सएप पर ही प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र बनकर आ गया। इस पर दुकानदार ने मोहर लगाकर प्रमाणपत्र अनिल को सौंप दिया। तभी एआरटीओ प्रशासन विमल पांडे टीम के साथ दुकान पर पहुंच गए। दुकानदार ने पूछताछ में बताया कि वह फोटो भेज देता है और प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र बनकर आ जाता है। जांच में पता चला कि प्रमाणपत्र सचिन अग्रवाल के लालकुआं प्रदूषण जांच केंद्र से बना है। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई छापा मारने वाली टीम में एआरटीओ रामनगर संदीप वर्मा और वरिष्ठ सहायक हिमांशु तड़ागी थे। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी विमल पांडे ने बताया कि केंद्र संचालक सचिन अग्रवाल के जांच केंद्र बंद कर संचालक के खिलाफ कार्रवाई के लिए आला अधिकारियों को पत्र भेजा गया है।

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