पाक आतंकियों को नेपाल अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं करने देगा

नेपाल ने 22 अप्रैल को कश्मीर में हुए हमले को इस साल का सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया है। इसके साथ ही नेपाल के नेताओं ने पाकिस्तान के लश्कर और जैश के आतंकी संगठनों द्वारा काठमांडू की धरती का इस्तेमाल पारगमन के तौर पर भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं करने देने के लिए सख्ती अपनाने की मांग की है।
नेपाल के विशेषज्ञों ने आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए दक्षिण एशियाई देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है। विशेषज्ञों ने नेपाल में अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सहभागिता संस्थान (एनआईआईसीई) द्वारा आयोजित ‘दक्षिण एशिया में आतंकवादः क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए चुनौतियां’ विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी के दौरान यह बातें कही। नेपाल के पूर्व उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुनील बहादुर थापा ने सचेत किया कि भारत के लिए खतरा पैदा करने वाले पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे चरमपंथी समूह नेपाल को पारगमन मार्ग के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, मगर ऐसा नहीं होने देना है।
नेपाल की पूर्व महिला, बाल एवं वरिष्ठ नागरिक मंत्री चंदा चैधरी ने सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए धन शोधन पर अंकुश लगाने को एक प्रमुख रणनीति बताया। पूर्व विदेश सचिव दिनेश भट्टाराई ने भारत के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को हाल के वर्षों का सबसे घातक हमला बताते हुए कहा कि हमलावरों ने पीड़ितों से पहले उनका धर्म पूछा और फिर उन्हें सिर पर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। पूर्व विदेश मंत्री एन.पी. सौद ने दक्षिण एशिया में सभी आतंकवादी कृत्यों की निंदा की और इस खतरे से निपटने के लिए क्षेत्रीय सरकारों के बीच सहयोग मजबूत करने का आग्रह किया। आतंकवाद के मुद्दे पर नेपाल की सेना भी भारत के साथ खड़ी है।