कफ्र्यू हटने के बाद नेपाल के खुले बाजार

नेपाल में हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद 12 सितम्बर को सुशीला कार्की को अंतरिम मुखिया के तौर पर शपथ दिलाने के बाद हालात सामान्य होने लगे हैं। 13 सितम्बर को नेपाल में कफ्र्यू हटा लिए जाने के बाद जेन-जी ने देश भर में सफाई अभियान शुरू कर दिया। सड़कों और डिवाइडरों की रंगाई-पुताई तक खुद से करना आरंभ कर दिया है। इसके बाद अब काठमांडू घाटी से लेकर अन्य इलाकों में जीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है। नेपाली सेना के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि अब देश में कहीं भी कर्फ्यू या कोई प्रतिबंध लागू नहीं है।नेपाल में दुकानें, किराना स्टोर, सब्जी मंडियां और शॉपिंग मॉल फिर से खुल गए हैं। सड़कों पर आम लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है। प्रमुख सरकारी इमारतों सहित कई स्थानों पर सफाई अभियान भी चलाया गया है। गौरतलब है कि इन सरकारी इमारतों को हाल ही में हिंसक प्रदर्शनों के दौरान निशाना बनाया गया था। प्रदर्शनकारियों ने इनमें तोड़फोड़ की थी और आग भी लगा दी थी।
नेपाल में बीते 8 सितम्बर को भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे। पुलिस की कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई थी। विरोध तेज होने पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री कार्यालय में घुस गए। अगले दिन प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। सरकार ने सोशल मीडिया पर लगा प्रतिबंध हटा लिया था।
नेपाल पुलिस के ताजा आंकड़ों के अनुसार इन प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 51 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक भारतीय नागरिक भी शामिल है। ये प्रदर्शन मुख्य रूप से जेनरेशन जेड (1997 से 2012 के बीच जन्मे युवा वर्ग) के नेतृत्व में हुए थे। ओली के इस्तीफे के बाद नेपाली सेना ने सुरक्षा स्थिति अपने हाथ में ले ली। स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए काठमांडू घाटी और अन्य क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू की गई थी।हालांकि, कुछ निश्चित समयावधि में लोगों को आवाजाही की अनुमति दी गई। नेपाल में जारी राजनीतिक संकट से निपटने और आगामी चुनावों की निगरानी के लिए सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है।