नए भारत का नया रेलवे

(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिफी फीचर)
नरेंद्र मोदी के न्यु इंडिया विजन में विकास और लोक कल्याण का समावेश है। भारत को विकसित बनाने का संकल्प है। संकल्प को सिद्ध करने की इच्छाशक्ति है। नौ वर्ष की यात्रा इन्हीं तथ्यों को प्रमाणित करती है। दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन ने शब्दों के जुगाड़ से अपने लिए इंडिया नाम गढ़ लिया है। लेकिन उनकी कल्पना के इस इंडिया में विकास की कोई बात नहीं होती। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित बनने की दिशा में अग्रसर है। इसकी कार्ययोजना पर कार्य प्रगति पर है। इस नए भारत का रेलवे भी नया है। क्योंकि रेलवे में विकास की द्रष्टि से भी नौ साल बेमिसाल हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा भी कि भारत विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा है। इसमें रेलवे का विकास भी शामिल है। भारतीय रेलवे के इतिहास में नया अध्याय जुड़ा। अमृत भारत रेलवे स्टेशन अभियान के अंतर्गत तेरह सौ स्टेशन विकसित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना का शुभारंभ किया। इसमें से पांच सौ आठ अमृत भारत स्टेशनों के पुनर्निर्माण का काम शुरू हो रहा है। इन अमृत भारत स्टेशन्स के नवनिर्माण पर करीब पच्चीस हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
यह नया भारत है। सभी अमृत स्टेशन्स ग्रीन बिल्डिंग्स के मानकों को पूरा करेंगे। अगले करीब छह वर्षों में भारत की रेलवे नेट जीरो एमिशन पर चलेगी। विपक्षी इंडिया विकास को मुद्दा क्यों नहीं बनाना चाहता, यह भी स्पष्ट हो गया। नरेंद्र मोदी ने नौ वर्षों के दौरान रेलवे से सम्बन्धित कार्यों का उल्लेख किया। इतने मात्र से यूपीए सरकार बहुत पीछे छुट गई। नौ वर्षों के दौरान रेलवे में रिकॉर्ड धनराशि का निवेश किया गया। चालू वर्ष के लिए रेलवे को ढाई लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट दिया गया है। ये बजट नौ वर्ष पहले की तुलना में पांच गुना ज्यादा है। रेलवे का समग्र विकास किया जा रहा है। लोकोमोटिव्स उत्पादन में भी नौ वर्ष के दौरान नौ गुना की वृद्धि हुई है। आज देश में पहले की अपेक्षा तेरह गुना ज्यादा कोच बन रहे हैं। नौ वर्षों में सोलर पैनल से बिजली बनाने वाले रेलवे स्टेशनों की संख्या भी बारह सौ से ज्यादा हो गई है। सभी स्टेशन ग्रीन एनर्जी बनाएंगे। ट्रेनों के करीब सत्तर हजार डिब्बे, सत्तर हजार कोचेस में एलईडी लाइट्स लगाई जा चुकी हैं। ट्रेनों में बायोटॉइलेट्स की संख्या नौ वर्ष पहले मुकाबले अब अट्ठाइस गुना ज्यादा हो गई है। इन तथ्यों के आधार पर विकास में पिछली सरकारों की असफलता का अनुमान लगाया जा सकता है। नरेंद्र मोदी ने विपक्षी पार्टियों पर भी हमला बोला। भ्रष्टाचार,परिवारवाद, तुष्टिकरण के चलते विकास और लोक कल्याण के कार्य उपेक्षित हुए। ऐसे लोग ही सरकार में रहते हुए अपने दायित्व का निर्वाह नहीं कर सके। आज विपक्ष में रहते हुए वही लोग नये भारत की विकास यात्रा में बाधा पैदा करने का कार्य कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि देश में विपक्ष का एक धड़ा आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है। वह खुद तो कुछ करेंगे नहीं और किसी को करने भी न देंगे। न काम करेंगे,न करने देंगे। ये रवैये पर एक हुये हैं। देश ने आज की, और भविष्य की जरूरतों की चिंता करते हुए संसद की आधुनिक इमारत बनवाई। संसद देश के लोकतन्त्र की प्रतीक होती है। उसमें पक्ष विपक्ष सबका प्रतिनिधित्व होता है लेकिन, विपक्ष के इस धड़े ने संसद की नई इमारत का भी विरोध किया। कर्तव्यपथ का विकास किया तो उसका भी विरोध किया गया। इन लोगों ने सत्तर साल तक देश वीर शहीदों के लिए वॉर मेमोरियल तक नहीं बनाया। जब हमने नेशनल वॉर मेमोरियल बनाया, उसका निर्माण किया, तो इसकी भी सरेआम आलोचना करते उनको शर्म नहीं आई। सरदार वल्ल्भ भाई पटेल स्टैच्यू ऑफ यूनिटी आज दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है। हर हिन्दुस्तानी को गर्व होता है। और कुछ राजनीतिक दल चुनाव के समय तो सरदार साहब को याद कर लेते हैं। लेकिन, आज तक इनका एक भी बड़ा नेता स्टेचू ऑफ यूनिटी में जाकर के सरदार साहब की इस भव्य प्रतिमा के ना दर्शन किए ना उन्हें नमन किया है। जबकि विगत नौ वर्षों में मोदी सरकार ने विकास और लोक कल्याण के कीर्तिमान स्थापित किए हैं। साउथ अफ्रीका, यूक्रेन, पोलैंड, यूके और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेल नेटवर्क है, उससे ज्यादा रेल ट्रैक हमारे देश में इन नौ वर्षों में बिछाए गए हैं। साउथ कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रिया जैसे देशों का जितना रेल नेटवर्क है, उससे ज्यादा ट्रैक भारत ने अकेले पिछले एक साल में बनाए हैं। भारत में आधुनिक ट्रेनों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। प्लेटफॉर्म्स पर बैठने के लिए बेहतर सीटें लग रही हैं, अच्छे वेटिंग रूम बनाए जा रहे हैं। देश के हजारों रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाईफाई की सुविधा है। सरकार ने स्टेशनों को शहर और राज्यों की पहचान से जोड़ने के लिए वन स्टेशन,वन प्रॉडक्ट योजना भी शुरू की है। इससे पूरे इलाके के लोगों को, कामगारों और कारीगरों को लाभ होगा। जिले की ब्रांडिंग भी अमृत रेलवे स्टेशन विरासत के प्रति गर्व की अनुभूति कराने वाले होंगे। इन स्टेशन्स में देश की संस्कृति और स्थानीय विरासत की झलक दिखेगी। हर अमृत स्टेशन शहर की आधुनिक आकांक्षाओं और प्राचीन विरासत का प्रतीक बनेगा। देश के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों और तीर्थ स्थानों को जोड़ने के लिए इन दिनों देश में एक भारत गौरव यात्रा ट्रेन,भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन भी चल रही है। रेलवे का कायाकल्प हो रहा है। मेट्रो का विस्तार हो रहा है। एक के बाद एक नए एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। तेजी से नए-नए एयरपोर्ट्स बनाए जा रहे हैं। नए अस्पताल और नए स्कूल बनाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में इसके लिए करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपए के खर्च से पचपन अमृत स्टेशन्स को विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने सरकारी आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मिलित हुए। उन्होंने रेलवे स्टेशनों के ‘कायाकल्प’ को सुनिश्चित करती इस लोक कल्याणकारी योजना के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। कहा कि इस योजना के द्वारा इन रेलवे स्टेशनों को अत्याधुनिक उत्कृष्ट यात्री सुविधाओं और विश्वस्तरीय आधारभूत ढांचे से लैस किया जाएगा। इन रेलवे स्टेशनों को स्थानीय कला-संस्कृति के अनुरूप सुसज्जित व सिटी सेन्टर के रूप में भी विकसित किया जाएगा। (हिफी)