…मेरी मां के बराबर कोई नहीं!

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
माँ आखिर माँ होती है क्या एक मां अपने बच्चे के सुखद भविष्य की खातिर अपनी जान तक दे सकती है? मां की ममता अनमोल है। हर माँ 9 माह तक कोख में रखने के बाद अपने बच्चे के लालन-पालन और भविष्य बनाने के लिए जितना कुछ कर जाती हैं, उसकी कोई बराबरी नहीं कर सकता। एक मां की इस सेवा और वात्सल्य की कोई कीमत नहीं हो सकती है लेकिन कोई मां अपने इकलौते बेटे के कॅरियर या भविष्य के निर्माण के लिए अपनी जान की बाजी भी लगा सकती है। यह हाल ही में चेन्नई में देखने को मिला है। मां-बेटे के प्यार की एक ऐसी कहानी सामने आई है, जिसे जानकर कठोर से कठोर दिल इंसान की आंखें नम हो जाएंगी। मां-बेटे के प्यार की यह कहानी तमिलनाडु से सामने आई है। यहां एक महिला चलती बस के आगे कूद गई। इस घटना में महिला की मौत हो गई लेकिन महिला के खुदकुशी के पीछे की जो वजह सामने आई, उसे सुनकर हर कोई हैरान है। दरअसल वह महिला बेटे की कॉलेज फीस भरने के लिए बस के आगे कूदी थी। किसी ने उसे मिसगाइड कर दिया कि हादसे में मौत के बाद सरकार मुआवजा देती है। इसी मुआवजे के लिए मां ने अपनी जान दे दी। ताकि उसके लाल का भविष्य बन सके।
आत्महत्या करने वाली महिला का नाम पपाथी था, 45 वर्षीय पापापथी 15 साल से अपने पति से अलग रह रही थी। वह कलेक्ट्रेट में सफाई कर्मचारी के तौर पर काम कर अपना और अपने बेटे का भरण-पोषण कर रही थी। पपाथी अपने बेटे को अच्छी पढ़ाई देना चाहती थी। बेटे की पढ़ाई के लिए वह जी-तोड़ मेहनत कर रही थी लेकिन फिर भी उसके कॉलेज की फीस भरने में सफल नहीं हो पा रही थी।
महिला का नाम पापापथी (46 साल) था। हाल ही में उसके पति का देहांत हुआ था। महिला के दो बच्चे एक लड़का और एक लड़की है। बेटी की कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो गई है, बेटा प्राइवेट कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रहा है। पुलिस ने बताया कि घटना की शुरुआती जानकारी में पता चला कि सेलम की सेकेंड अग्रहारम स्ट्रीट पर तेज रफ्तार बस की टक्कर से महिला की मौत हो गई। जब हमने सीसीटीवी फुटेज देखा तो पता चला कि यह हादसा नहीं, बल्कि आत्महत्या है। फुटेज से यह भी सामने आया है कि पापापथी ने पहले एक बस के सामने आने की कोशिश की, लेकिन तब वह टू-व्हीलर से टकराकर गिर गई थी। इसके कुछ देर बाद वह दूसरी बस के सामने आ गई।
पुलिस ने जब महिला के परिवार, रिश्तेदार और पड़ोसियों से बात की तो पता चला कि उसने अपने बेटे की कॉलेज फीस चुकाने के लिए 45 हजार रुपए कर्ज के तौर पर मांगे थे, लेकिन कहीं से भी पैसों का इंतजाम नहीं हो पाया। जब बेटे की पढ़ाई का खर्च उठाने में पापापथी असमर्थ हो गई तब उसने आत्महत्या करने का मन बनाया। पुलिस ने बाताया कि किसी ने महिला को बताया था कि हादसे में मौत के बाद सरकार मुआवजा देती है। महिला इस मुआवजे से बेटे की फीस भरना चाहती थी। बहरहाल पुलिस ने महिला के शव को बरामद कर लिया है। चलती बस के आगे कूद कर महिला के आत्महत्या करने का पूरा वीडियो भी सामने आया है, जिसमे एक महिला एक तेज रफ्तार बस के सामने आ जाती है। इस हादसे में महिला की मौत हो गई। महिला के सुसाइड का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो तमिलनाडु के सलेम जिला का बताया जा रहा है। आत्महत्या करने वाली महिला सलेम के जिला कलेक्टर दफ्तर में सफाई कर्मचारी के तौर पर तैनात थी।
पापापथी के सुसाइड का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ लोगों ने सरकारी सिस्टम पर तरह तरह से अपनी जमकर भड़ास निकाली। कुछ आलोचकों ने कहा कि तमाम सरकारी दावों के बाद भी अगर महिला को जान देनी पड़ी तो यह शर्मनाक है। वहीं कई ने महिला के इस कदम को बेवकूफी भरा बताया। कुछ लोगों का कहना था कि उसे पैसों की कमी को पूरा करने के लिए दूसरे उपायों पर सोचना चाहिए था। वही कुछ ने महिला के प्रति संवेदना व शासन को संवेदनहीन करार दिया है।
पूर्व में भी ऐसे मामले सामने आते रहे हैं जब मां ने अपनी संतान की खातिर अपनी जान की बाजी लगा दी। लगभग तीन महीने पहले हरियाणा के भिवानी जिले में एक मां ने अपनी जान देकर अपने बेटे की जान बचा ली। इस मां का दूधमुहा बच्चा सड़क के बीच पहुंच गया। वह तेज रफ्तार से आ रही कार की चपेट में आ रहा था। इस मां ने बच्चे को दूर धकेल दिया लेकिन खुद कार की चपेट में आकर जान गंवा गई। इस मां की ममता की चर्चा रही लेकिन यहां सवाल दूसरा है। क्या जान देकर मुआवजा हासिल कर ही पुत्र की फीस का भुगतान किया जा सकता था और कोई विकल्प ही नहीं बचा था या किसी ने जानबूझकर किसी निहित स्वार्थ के चलते एक भोली अशिक्षित मां को भटकाव के रास्ते पर धकेल कर मौत को गले लगाने की सलाह दी और महिला ने भी इस गलत सलाह को मानकर अपनी जान गंवा दी। जरूरी नहीं है कि अब पपाथी की मौत के एवज में कोई मुआवजा उसके आश्रितों को दिया जाए क्योंकि समस्त साक्ष्य पापापथी की मौत को आत्महत्या का इशारा कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में एक नासमझ महिला ने अकारण अपनी जान गंवा दी और इसके पीछे का मंतव्य भी पूरा नहीं होगा।
अब जांच का बिन्दु यह होना चाहिए कि पापापथी को किस व्यक्ति ने ऐसा गलत सुझाव दिया कि अगर किसी सफाई कर्मी की एक्सीडेंट में मौत हो जाती है, तो उसके परिवार वालों को सरकार मुआवजा देती है। यही मुआवजा मिलने की उम्मीद में पपाथि ने यह कदम उठाया। बहरहाल पपाथि अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल कर चुकी है जिसका कोई सुधार नहीं किया जा सकता है और नहीं उसका जीवन वापस लौटाया जा सकता है। कई बार परेशानी और भावनाओं के वशीभूत हुए पापापथी जैसे अतिवादी मानसिकता के लोगों को एक जरा सी गलत उकसाना उनके जीवन पर भारी पड़ जाता है। तमिलनाडु पुलिस को इस मामले की तह तक जांच करनी चाहिए ताकि घटना से जुड़े हर तथ्य को सामने लाया जाए और एक कम पढ़े लिखे महिला को बरगलाने वाले दोषी को भी गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज करना चाहिए। यही एक संतान के सुखद भविष्य के लिए चिंता में जान गंवाने वाली महिला के साथ न्याय होगा। एक गलत विचार किसी की जिंदगी लील सकता है यह अपराध है और इस तरह की करतूत करने वाले को सजा मिलनी चाहिए। (हिफी)