उत्तर और दक्षिण कोरिया सुधार रहे हैं रिश्ते

उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया रिश्तों को सुधारने की कोशिश में लगे हैं। जब से साउथ कोरिया में नए राष्ट्रपति ली जे-म्युंग ने सत्ता संभाली है, बयार बदले से नजर आ रहे हैं। इन दो कोरियाई देशों के बीच संबंधों को हैंडल करने वाले साउथ कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने 21 जुलाई को कहा कि साउथ कोरिया की सरकार किम जोंग के नेतृत्व वाले नॉर्थ कोरिया के साथ संबंध सुधारने के लिए अलग-अलग योजनाओं पर विचार कर रही है। सवाल है कि आखिर साउथ कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जे-म्युंग नॉर्थ कोरिया और चीन के साथ संबंधों को अच्छा करने पर जोर क्यों दे रहे हैं जबकि दोनों उसके अस्तित्व के लिए खतरा माने जाते रहे हैं। क्या उनकी यह नीति उन्हें अमेरिका और ट्रंप से दूर ले जाएगी।
जून की शुरुआत में साउथ कोरिया को आखिरकार 6 महीने की राजनीतिक उथल-पुथल के बाद एक नया राष्ट्रपति मिला। मार्शल लॉ और दो-दो पूर्व राष्ट्रपति पर चले महाभियोग ने जिस देश को राजनीतिक संकट में झोंक दिया था, उसे अब नए राष्ट्रपति ली जे-म्युंग लीड कर रहे हैं। ली जे-म्युंग खुद को विदेश नीति के मोर्चे पर व्यावहारिक (प्रैगमेटिक) कहते हैं। उनका कहना है कि वह विचारधारा के बजाय साउथ कोरिया के राष्ट्रीय हित से प्रेरित हैं और उन्होंने पद संभालते ही चीन और नॉर्थ कोरिया के साथ संबंध सुधारने की अपनी इच्छा के बारे में बात की है। अबतक के लगभग 50 दिन के शासन में उन्होंने इस दिशा में कदम भी बढ़ाया है।
दरअसल पूर्व राष्ट्रपति यूं सुक येओल के शासन में इन दोनों देशों के साथ साउथ कोरिया के संबंधों में तनाव बढ़ गया था। यून ने नॉर्थ कोरिया के प्रति टकरावपूर्ण रुख अपनाया और चीन के साथ प्रतिद्वंद्विता में खुले तौर पर अमेरिका का पक्ष लिया लेकिन अब जिस तरह से नए राष्ट्रपति ली जे-म्युंग देश का स्टैंड बदल रहे हैं, उनका यह दृष्टिकोण उनकी सरकार को ट्रंप प्रशासन के साथ टकराव में ला सकता है। साउथ कोरिया ने 1995 के रक्षा श्वेत पत्र में पहली बार नॉर्थ कोरिया को अपना मुख्य दुश्मन बताया था लेकिन जब 2004 में दोनों कोरियाई देश के बीच सुलह का माहौल बना तो दुश्मन की जगह नॉर्थ कोरिया को प्रत्यक्ष सैन्य खतरे से बदल दिया गया। साउथ कोरिया के पूर्व उदारवादी राष्ट्रपति मून जे-इन की सरकार ने 2018 और 2020 में अपने श्वेत पत्र में नॉर्थ कोरिया के लिए इस लेबलिंग को हटा दिया था लेकिन फिर यूं सुक येओल आई और उसने 2022 के रक्षा श्वेत पत्र में छह वर्षों में पहली बार नॉर्थ कोरिया को दुश्मन के रूप में लिखा था।