भाजपा ने 102 और सीएम सुक्खू ने अकेले ही कर दीं 119 चुनावी रैलियां

शिमला। हिमाचल प्रदेश में लोकसभा की चार और छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए अंतिम 10 दिनों में जबरदस्त तरीके से प्रचार हुआ। छह चरणों का चुनाव समाप्त होते ही भाजपा और कांग्रेस के कई राष्ट्रीय नेताओं ने हिमाचल पहुंच चुनावी माहौल गरमा दिया। लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने जहां धनबल बनाम जनबल और आपदा में अनदेखी को बड़ा मुद्दा बनाया है, वहीं भाजपा के पास यहां मोदी नाम का बड़ा सहारा है। पिछले दो आम चुनाव में लगातार चारों सीटें कब्जाने वाली भाजपा इस बार भी मोदी के आसरे चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाना चाह रही है तो उपचुनाव में मंडी सीट को भाजपा से झटकने वाली कांग्रेस यहां भाजपा के इस इरादे पर पानी फेरने के कई अन्य मुद्दे उठाते हुए हमलावर है। चार लोकसभा सीटों के चुनाव और छह विधानसभा सीटों के लिए होने जा रहे उपचुनाव में कई मुद्दे बने। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले छह कांग्रेस विधायक बागी होकर भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार के लिए क्रॉस वोटिंग कर गए। उसके बाद वित्त विधेयक पारित करते वक्त व्हिप जारी होने के बावजूद गैर हाजिर रहने पर वे अयोग्य घोषित हो गए तो विधानसभा की सीटें रिक्त होने पर उपचुनाव भी घोषित हो गए।
भाजपा ने छहों अयोग्य घोषित विधायकों को टिकट दे दिए। उससे पहले से ही मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया कि धनबल का इस्तेमाल कर कांग्रेस के छहों विधायक बिक गए। तबसे लेकर चुनाव के आखिर तक सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस मुद्दे को नहीं छोड़ा। हालांकि, भाजपा इन आरोपों को बेबुनियाद बताकर कांग्रेस पर हमलावर है। इसके बावजूद भाजपा ने चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के हिमाचल से जुड़ाव व मोदी सरकार की नीतियों को प्रचारित किया और महिलाओं को वायदे के मुताबिक 1500-1500 देने जैसी कांग्रेस की गारंटियों के धरातल पर न उतरने के आरोपों को बनाए रखा। कांग्रेस ने बरसात में आई आपदा में अनदेखी को भी एक मुद्दा बनाया तो भाजपा ने आपदा राशि में बंदरबांट का आरोप लगाकर इसकी काट ढूंढी।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंडी की जनसभा में आपदा राहत राशि के आवंटन में गड़बड़ी पर जांच करने की बात कर कांग्रेस के इस मुद्दे पर पलटवार कर कहा कि केंद्र से सैकड़ों करोड़ रुपये हिमाचल को दिए गए, मगर इनका दुरुपयोग हुआ। उन्होंने कहा कि इसकी जांच होगी। राज्य में राष्ट्रीय सुरक्षा को भी भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ मुद्दा बनाने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ने भी कहा कि हिमाचल सीमाई क्षेत्र है और हिमाचल के लोग ताकतवर सरकार का मतलब जानते हैं।