लेखक की कलम

सरपंच हत्याकाण्ड में उलझे अजित दादा

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
अपराधी समाज के सुख चैन को छीनते हैं और जब इन जरायमपेशा लोगों को सरकार अथवा प्रशासन का वरदहस्त प्राप्त हो जाता है, तब ये नासूर बन जाते हैं । अपराधियों और राजनेताओं की साठगांठ जगजाहिर है। राजनीति में ऐसे लोग सिर्फ रुतबा ही कायम नहीं कराते, अपित वोट भी दिलाते हैं। कभी-कभी इन्हीं लोगों के चलते नेताओं के सामने मुसीबत भी खडी हो जाती है। महाराष्ट्र में सरपंच हत्याकाण्ड में इसी तरह के हालात दिखाई पड रहे हैं। सरपंच संतोष देशमुख ईमानदार और निर्भीक समाजसेवी माने जाते थे। पवनचक्की परियोजना का संचालन करने वाली ऊर्जा कंपनी से वसूली का खुला विरोध करके उन्होंने यह साबित भी कर दिया लेकिन राजनीति बहुत गिर चुकी है। सरपंच हत्याकाण्ड का मुख्य आरोपी रमेश घुले बताया जा रहा है लेकिन इस हत्याकांड में एनसीपी नेता धनंजय मुंडे की संलिप्तता भी बताई जा रही है। केज पुलिस ने मामला दर्ज किया। घुले के नेतृत्व में अराजक तत्वों के समूह ने अवाडा साइट पर हमला किया। कर्मचारियों और गार्ड पर हमला किया, जिन्होंने उन्हें अंदर जाने से रोकने की कोशिश की। सरपंच संतोष देशमुख को संदेश भेजा गया। वह कुछ ग्रामीणों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने वसूली करने वालों को गिरफ्तार करवाया लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। इन्हीं लोगों ने बाद में सरपंच का अपहरण किया। अराजक तत्वों को किसके इशारे पर छोड़ दिया गया, यह महत्वपूर्ण है।
महाराष्ट्र में बीड के मासाजोग के सरपंच संतोष देशमुख को 9 दिसंबर को अपहरण कर प्रताड़ित किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई, क्योंकि वे बीड जिले में एक पवनचक्की परियोजना का संचालन करने वाली एक ऊर्जा कंपनी पर जबरन वसूली की कोशिश को रोकने का प्रयास कर रहे थे।बीड के सरपंच की हत्या का मामला महाराष्ट्र में गरमाया हुआ है। विपक्ष के नेता मंत्री धनंजय मुंडे का इस्तीफा मांग रहे हैं तो अजित पवार ने इस मुद्दे पर बड़ी बात कही है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि जो भी सरपंच संतोष देशमुख की जघन्य हत्या में शामिल रहे हैं, उन्हें फांसी के फंदे पर लटका देना चाहिए। बीड जिले के मस्साजोग के सरपंच संतोष देशमुख की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में एनसीपी नेता धनंजय मुंडे के करीबियों का नाम सामने आने से विपक्ष हमलावर है। संतोष देशमुख की 9 दिसंबर को हत्या कर दी गई थी। हत्या से पहले उन्हें काफी प्रताड़ित भी किया गया था। शुरुआती जांच में यह पता चला है कि संतोष देशमुख एक ऊर्जा कंपनी से उगाही किए जाने का विरोध कर रहे थे। इसलिए उनकी हत्या की गई। इस मामले में कुछ गिरफ्तारियां हुई हैं। मामले में विष्णु चाटे, प्रतीक घुले, सुदर्शन घुले और वाल्मिकी कराड आरोपी हैं जबकि संदिग्ध भूमिका के कारण पीएसआई राजेश पाटिल के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया गया है। उन्हें
निलंबित कर दिया गया है। वह एक वीडियो में आरोपी के साथ नजर आ रहे थे।
पीड़ित परिवार ने मुंबई में सीएम देवेंद्र फडणवीस से महीने की शुरुआत में मुलाकात की थी। वहीं, एनसीपी-एसपी चीफ शरद पवार भी पीड़ित परिवार से मिलने बीड गए थे जबकि एनडीए में शामिल आरपीआई के नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी पीड़ित परिवार से मिल चुके हैं और उन्हें यह आश्वासन दिया था कि वह इस मुद्दे पर अमित शाह से बात करेंगे।
महाराष्ट्र के बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के बाद सामाजिक और राजनीतिक अशांति फैली हुई है। उनकी हत्या के बाद प्रदर्शनों में तेजी आई है। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध किया और एक बस जला दी। केज पुलिस ने मामले में कई आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सरपंच संतोष देशमुख (44) की हत्या तब हुई, जब 9 दिसंबर को वह अपने घर जा रहे थे। रास्ते में कुछ लोगों ने उनका किडनैप किया और लाश को 40 किलोमीटर दूर फेंक गए। संतोष देशमुख लोकप्रिय थे। उन्होंने अपने काम के लिए पुरस्कार जीते थे। बीड जिले में इसके चलते उथल-पुथल मची हुई है।
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार केज तहसील में एक निजी पवनचक्की कंपनी, अवाडा के कर्मचारियों को कुछ लोगों ने अगवा कर लिया। लोगों ने कथित तौर पर परिचालन फिर से शुरू करने के लिए उनसे 2 करोड़ रुपये की मांग की। कंपनी पवनचक्की परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में थी। मुख्य आरोपी रमेश घुले है। केज पुलिस ने मामला दर्ज किया। घुले के नेतृत्व में समूह ने अवाडा साइट पर हमला किया। कर्मचारियों और गार्ड पर हमला किया, जिन्होंने उन्हें अंदर जाने से रोकने की कोशिश की। सरपंच संतोष देशमुख को संदेश भेजा गया। वह कुछ ग्रामीणों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने समूह के साथ हाथापाई की। संतोष देशमुख ने सुदर्शन घुले नामक एक व्यक्ति के साथ हाथापाई की। इस घटना को ग्रामीणों ने मोबाइल फोन के कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया, जिन्होंने वीडियो को उपद्रवियों को संदेश के रूप में स्टेटस मैसेज के रूप में रखा। घुले को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन एक दिन बाद उसे जमानत मिल गई।दोपहर करीब 3 बजे सुदर्शन घुले के नेतृत्व में इन आरोपियों ने देशमुख की कार को रोक लिया और उसे एक एसयूवी में खींच लिया। घंटों बाद उनका शव बरामद हुआ।
बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में विरोधियों के निशाने पर आए मंत्री धनंजय मुंडे ने गत 31 जनवरी को कहा था कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है। उन्होंने साथ ही सवाल किया कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने से ज्यादा अहम उनका इस्तीफा देना है। धनंजय मुंडे के समर्थन में वंजारी समुदाय के आध्यात्मिक नेता नामदेव शास्त्री ने अपना समर्थन जताया है। उसके बाद धनंजय का यह बयान आया है। भगवानंद संस्थान के चीफ नामदेव शास्त्री ने कहा था कि धनंजय ऐसा व्यक्ति नहीं है जो कि उगाही के पैसे पर जीवन बसर कर रहा है। महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता लगातार धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग रहे हैं। इस्तीफे की मांग तब शुरू हुई है जब उनके करीब वाल्मिकी कराड़ को मासाजोग के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या मामले में उगाही से जुड़े एक केस में गिरफ्तार किया है। संतोष देशमुख की दिसंबर में नृशंस हत्या कर दी गई थी।पत्रकारों से बातचीत में मुंडे ने कहा कि मीडिया मुझे हत्या के बाद से ही निशाने पर ले रही है लेकिन मैंने इस बारे में एक शब्द भी नहीं कहा। मैंने नामदेव शास्त्री से राजनीति के बारे में भी बात नहीं की, मेरा और उनका संवाद धार्मिक मुद्दों को लेकर था। उन्होंने साथ ही कहा कि सरपंच के परिवार को न्याय दिलाना ज्यादा जरूरी है कि राजनीति लाभ के लिए एक विशेष समुदाय को निशाना बनाना और इस्तीफा देना जरूरी है। (हिफी)

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