…और अब मिहिर चढ़ा रैगिंग की बलि

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
केरल के कोच्चि में 15 वर्षीय स्कूली छात्र ने छब्बीस वीं मंजिल से छलांग लगा कर आत्महत्या कर ली। यह बेहद दुखद और दिल दहलाने वाला मामला है। इस नाबालिग छात्र की आत्महत्या के पीछे रैगिंग एकमात्र बड़ी वजह निकल कर सामने आ रही है।
आपको बता दें कि अभी दो माह पहले गुजरात के एक मेडिकल कॉलेज में एक छात्र पर सीनियर छात्रों की तरफ से किए गए रैगिंग की हैरान कर देने वाली खबर सामने आई थी जहां पर 18 साल के मेधावी एमबीबीएस छात्र अनिल मेथानिया की मौत हो गई थी। अनिल को उसके सीनियर्स ने रैगिंग के दौरान करीब तीन घंटे तक खड़े रखा और लगातार डांस करने के लिए मजबूर किया जिसके बाद वह बेहोश हो गया और मौत हो गई। यह घटना पाटन के धारपुर में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के हास्टल में हुई।आए दिन इंजीनियरिंग, मेडिकल व मैनेजमेंट कालिजों से छात्रों के साथ रैगिंग के नाम पर अभद्रता, शारीरिक शोषण व मानसिक प्रताड़ना के मामलों की झड़ी लगी है। सख्त कानून बनाने के बावजूद रैगिंग पर रोक नहीं लग पाना हमारे सिस्टम के नाकारापन का सबूत है, वहीं प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं के जीवन को लील रहा है। सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं द्वारा हर साल आत्महत्या की जा रही है। यह घटनाएं पूरे परिवार को दुख और अवसाद मे धकेल देती हैं जिनकी कोई भरपाई नहीं है।
कोच्चि में छात्र की आत्महत्या के बाद, उसकी मां ने आरोप लगाया है कि क्रूर रैगिंग ने उसके बेटे को तोड़ दिया और उसे मौत के मुंह में धकेल दिया। इंस्टाग्राम पर की गई एक पोस्ट में राजना ने आरोप लगाया कि उसके बेटे मिहिर अहमद को जमकर पीटा गया, गंदी गालियां दी गईं और उसे टॉयलेट सीट चाटने के लिए मजबूर किया गया। पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन मिहिर की मां ने कहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय और केरल पुलिस प्रमुख को पत्र लिखकर अपने बेटे की मौत की तत्काल और निष्पक्ष जांच की मांग की है। मिहिर ने 15 जनवरी को कोच्चि के त्रिपुनिथरा में अपने 26वीं मंजिल के फ्लैट से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। मिहिर ने यह कदम स्कूल से लौटने के करीब एक घंटे बाद उठाया। मिहिर की मां ने कहा कि उसे उसके रंग के कारण भी परेशान किया जाता था।
मिहिर की मां ने कहा, ‘बेटे की मौत के बाद मेरे पति और मैंने यह समझने के लिए जानकारी जुटानी शुरू की कि मिहिर ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया। उसके दोस्तों, क्लासमेट से बातचीत और सोशल मीडिया मैसेज की समीक्षा करके हमने उसकी भयावह सच्चाई को उजागर किया। मिहिर को स्कूल और स्कूल बस में छात्रों के एक ग्रुप की ओर से क्रूर रैगिंग, धमकियां और शारीरिक हमले का सामना करना पड़ा था। हमने जो साक्ष्य एकत्र किए हैं, वे एक भयावह तस्वीर पेश करते हैं। मिहिर को पीटा गया, उसके साथ मौखिक रूप से दुर्व्यवहार किया गया। मिहिर ने जिस दिन सुसाइड किया उस दिन सुबह भी उसे अपमान सहने के लिए मजबूर किया गया। मिहिर को जबरन शौचालय में ले जाया गया, शौचालय की सीट चाटने के लिए मजबूर किया गया और फ्लश करते समय उसका सिर शौचालय में धकेल दिया गया। क्रूरता के इन कृत्यों ने उसे इस तरह से तोड़ दिया कि हम समझ नहीं सकते।”
राजना पीएम ने कहा कि मिहिर के दोस्तों ने न्याय की मांग को बढ़ाने के लिए ‘जस्टिस फॉर मिहिर’ नाम से एक इंस्टाग्राम पेज शुरू किया था। “हालांकि, अब पेज हटा दिया गया है, और ऐसी खबरें हैं कि स्कूल सच्चाई को दबाने के लिए छात्रों को डरा रहा है। जब मैंने सबूतों के साथ स्कूल अधिकारियों से संपर्क किया और जवाबदेही की मांग की, तो उन्होंने मुझे केवल यह बताया कि सूचना पुलिस को भेज दी गई है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि वे स्कूल की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए इन घटनाओं को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं,” उन्होंने कहा। किशोर की मां ने कहा कि उन्होंने तत्काल कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय और डीजीपी से संपर्क किया है। “मुझे डर है कि डिजिटल साक्ष्य एकत्र करने में देरी से अपराधी अपने निशान मिटा सकते हैं।” उन्होंने लिखा, “उसकी मौत के बाद भी उन्होंने क्रूरता नहीं रोकी। एक चौंकाने वाला चैट स्क्रीनशॉट उनकी क्रूरता की हद को दर्शाता है। उन्होंने संदेश भेजा ‘वह वास्तव में मर गया’ और उसकी मौत का जश्न मनाया।”
राजना पीएम ने कहा कि उन्होंने इस घटना की शिकायत केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग से भी की है। जानकारी के अनुसार, बाल अधिकार निकाय के अध्यक्ष ने पुष्टि की है कि पैनल ने किशोर की दुखद मौत पर ध्यान दिया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि स्कूल के उप-प्रधानाचार्य ने मिहिर को परेशान किया। मातृभूमि की रिपोर्ट के अनुसार, केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने इस भयावह घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं।
सामंथा रूथ प्रभु, कीर्ति सुरेश और पृथ्वीराज समेत कई फिल्म जगत की कई मशहूर हस्तिओं ने रैगिंग के खिलाफ आवाज उठाई है। मिहिर की मौत पर शोक व्यक्त किया है। सामंथा रूथ प्रभु ने कहा, ‘इस खबर ने उन्हें पूरी तरह से तोड़ दिया है। हमने एक उज्ज्वल युवा जीवन खो दिया है, जो कुछ व्यक्तियों द्वारा, घृणा और विष से भरे होने के कारण समाप्त हो गया!” उन्होंने कहा, ‘मिहिर की मौत याद दिलाती है कि बदमाशी, उत्पीड़न और रैगिंग केवल ‘हानिरहित परंपराएं’ या ‘संस्कार’ नहीं हैं। मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और कभी-कभी शारीरिक हिंसा का रूप भी लेती हैं। हमारे पास स्पष्ट रूप से सख्त रैगिंग विरोधी कानून हैं, फिर भी हमारे छात्र चुपचाप पीड़ित होते रहते हैं, बोलने से डरते हैं। वे परिणामों से डरते हैं, डरते हैं कि कोई उनकी बात नहीं सुनेगा। हम कहां चूक रहे हैं?” अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन ने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा, “माता-पिता, घर, शिक्षक, स्कूल, सहानुभूति ही पहला सबक है।” अभिनेत्री कीर्ति सुरेश ने किशोर की मौत को “दिल दहला देने वाला” बताया। कीर्ति सुरेश ने कहा, “अगर स्कूल में रैगिंग शुरू हो जाती है और बच्चों के एक समूह ने एक लड़के को इस हद तक प्रताड़ित किया है कि उसने अपनी जान ले ली, तो यह कितनी शर्म की बात है! दुखी माँ और उसके परिवार के बारे में सोचना बंद नहीं कर पा रही हूं।”
क्या हमारे कालेज शिक्षा के स्थान पर रंग व नस्ल भेद, क्षेत्रवाद के आधार पर बच्चों के शोषण का अड्डा बनाए जाएंगे। ऐसी शिक्षा का क्या फायदा है जो छात्रों को इंसान ही नहीं बना पा रही है और उनके हैवानियत भरे अपराधों पर परदा डालने वाला प्रबंधन व सरकार भी बराबर के जिम्मेदार हैं जरूरत इन घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो ऐसा इंतजाम सुनिश्चित करने की है ताकि एक अभिभावक सुरक्षा के अहसास के साथ अपनी संतान को शिक्षा के लिए भेज सके। (हिफी)