लेखक की कलम

झारखंड में ध्रुवीकरण का प्रयास

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
झारखंड विधानसभा चुनाव-2024 के पहले चरण में 43 सीटों के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा। प्रमुख मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच होगा। पहले चरण में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन और कई मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। बागी उम्मीदवार भी विभिन्न सीटों पर चुनौती पेश करेंगे।
झारखंड चुनावों के लिए भाजपा ने 3 नवंबर को अपना संकल्प पत्र जारी किया। इसमें भाजपा ने प्रदेश के लोगों के लिए कई बड़े वादे किए हैं। घोषणा पत्र में प्रदेश में यूसीसी लागू करने का भी वादा किया गया है। अमित शाह ने कहा कि हम झारखंड में यूसीसी जरूर लागू करेंगे लेकिन जनजातीय समुदायों को इससे बाहर रखा जाएगा। इसी बीच झामुमो के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 2 नवंबर को चुनाव आयोग पहुंचकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ शिकायत की है। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के स्टार प्रचारक हिमंता लगातार आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं। आयोग ने जांच कर इस मामले में कार्रवाई की बात कही थी। झामुमो नेता ने कहा कि हिमंता के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाना चाहिए। साथ ही सांप्रदायिक जहर फैलाने के कारण उनकी चुनावी सभा व प्रवास पर रोक लगनी चाहिए। सुप्रियो ने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा की साजिश को संरक्षण न दे। इसी संदर्भ में जपला (पलामू) से पूर्व विधायक सह हुसैनाबाद से बसपा प्रत्याशी ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेदिनीनगर के न्यायालय में असम के मुख्यमंत्री सह झारखंड सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा पर परिवाद दर्ज कराया है। परिवाद में उन्होंने जिक्र किया है कि हुसैनाबाद से भाजपा प्रत्याशी कमलेश कुमार सिंह के नामांकन के बाद कर्पूरी मैदान में आयोजित सभा में हिमंता बिस्वा सरमा ने सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने के लिए विवादित बयान दिया था।उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि यह हुसैन कौन है। यह हुसैन कहां से आया जिसके नाम पर इलाके का नाम हुसैनाबाद रखा गया है। वह उसका नाम बदल देंगे। राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर हुसैनाबाद जिला बनेगा, लेकिन उसका नाम हुसैनाबाद नहीं होगा। किसी महापुरुष के नाम पर जिला बनेगा। उन्होंने कहा कि हुसैनाबाद की जनता आपसी सौहार्द्र के साथ रहती है, यहां के लोगों में किसी संप्रदाय के प्रति द्वेष या कटुता नहीं है। सांप्रदायिक वैमनस्यता पैदा करने के लिए इस तरह का बयान देना लोगों की भावना को ठेस पहुंचता है। उन्होंने हेमंता बिस्वा सरमा पर सुसंगत धाराओं के तहत संज्ञान लेने का आग्रह किया है। इसे भाजपा के ध्रुवीकरण के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।
झारखंड के बहरागोड़ा में 30 अक्टूबर को असम के मुख्यमंत्री ने महिला सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि झारखंड की राजनीति धीरे-धीरे घुसपैठियों के हाथ में जा रही है। संथाल परगना में बड़ी संख्या में दाखिल हो चुके घुसपैठियों ने वहां का सामाजिक वातावरण खराब कर दिया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में भाजपा की सरकार बनते ही बांग्लादेश से आए इन घुसपैठियों को कानून बनाकर निकाल बाहर किया जाएगा। यहां दिनोंदिन हिंदुओं व आदिवासियों की संख्या घटती जा रही है। आलमगीर आलम और इरफान अंसारी जैसे नेता घुसपैठियों को बढ़ावा दे रहे हैं। हिमंता ने इससे पहले भी मजाकिया लहजे में कहा था कि झारखंड में एक दूजे के लिए फिल्म की शूटिंग चल रही है। हेमंत सोरेन पत्नी कल्पना सोरेन की तारीफ करते हैं और कल्पना हेमंत की। कल्पना के राजनीति में आने से हम जैसे मुख्यमंत्रियों पर दबाव बढ़ गया है। हमारी पत्नी भी अब राजनीति में आने के लिए दबाव डाल रही है लेकिन भाजपा में यह संभव नहीं है। पलामू और गढ़वा में चुनावी सभा में हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा झारखंड में सरकार नहीं, बल्कि ‘एक दूजे फिल्म’ की शूटिंग चल रही है। कभी हेमंत कल्पना को देखते हैं और कभी कल्पना हेमंत को। हिंदू संस्कृति को बचाने के लिए झारखंड में भाजपा की सरकार लानी होगी। सरमा ने कहा कि हेमंत सोरेन घुसपैठियों के बल पर राज्य में सरकार बनाने का खेल खेल रहे हैं। इसे ध्वस्त करना होगा। उन्होंने कहा कि बाबर को अयोध्या से खदेड़ा गया, अब अन्य जगहों से भी भगाना आपके हाथ में है।
दीपावली का त्योहार खत्म हो जाने के बाद अब झारखंड में चुनाव प्रचार जोर पकड़ने लगा है। इस बार चुनाव प्रचार के लिए प्रत्याशियों को सिर्फ 10-11 दिन का ही समय मिला है, आगामी 11 नवंबर की शाम को चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा। पहले चरण में दक्षिणी छोटानागपुर, उत्तरी छोटानागपुर पलामू और कोल्हान प्रमंडल के अधिकांश सीटों पर मतदान है। हालांकि इस चरण में विभिन्न दलों और निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच ही माना जा रहा है। कुछ सीटों पर जयराम महतो की पार्टी, अन्य क्षेत्रीय दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं जबकि दो सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी के बीच फ्रेंडली फाइट हो रहा है। झारखंड के पहले चरण में 13 नवंबर को जिन
क्षेत्रों में मतदान होंगे, उनमें ये 43 विधानसभा सीटें शामिल हैं। इस चरण में पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और उनके पुत्र बाबूलाल सोरेन, ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू दास और पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा की प्रतिष्ठा दांव पर है। इसके अलावा मंत्री बन्ना गुप्ता,
पूर्व मंत्री सरयू राय, मंत्री दीपक बिरुआ, रामदास सोरेन, आजसू पार्टी
प्रमुख सुदेश महतो, पूर्व मंत्री सीपी सिंह, सांसद महुआ माजी और मंत्री मिथिलेश ठाकुर भी चुनाव मैदान में हैं। पहले चरण में जिन 43 विधानसभा सीटों के लिए 13 नवंबर को मतदान है। उनमें से कई विधानसभा सीटों पर बागी उम्मीदवार एनडीए व इंडिया गठबंधन के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए चुनौती खड़ी करेंगे।
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जवाहर पासवान ने झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थाम लिया है। उनको मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पार्टी की सदस्यता दिलाई है। इसी तरह भूतपूर्व सांसद रीतलाल प्रसाद वर्मा की पत्नी चंपा वर्मा, पुत्र प्रणव वर्मा तथा प्रणव की पत्नी एवं भाजपा नेता दारा हाजरा ने भी रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झामुमो नेत्री कल्पना सोरेन, राज्यसभा सांसद महुआ माजी तथा जमुआ विधायक केदार हाजरा के समक्ष झामुमो की सदस्यता ग्रहण कर ली। हालांकि भाजपा के झारखंड अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने घोषणा पत्र जारी होने के बाद अपनी पार्टी के नेताओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि सीएम सोरेन ने पिछले 5 सालों में झारखंड की जनता को लूटा है। भाजपा जो कहती है वो करती है। हमने कहा कि गोगो दीदी योजना के तहत हम हर महीने 2100 रुपए देंगे और सभी को हमारी बातों पर भरोसा है। भाजपा की ही इस बार सरकार बनेगी। (हिफी)

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