बजट में धामी का जनमत

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
उत्तराखण्ड मंे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। वे जनता का विश्वास जीतकर ही सदन में पहुंचना चाहते हैं। इसीलिए चम्पावत से विधानसभा का उपचुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने इस उपचुनाव मंे अपना प्रत्याशी उतारकर धामी को चुनौती दी है। मुख्यमंत्री धामी प्रदेश की जनता को बताना चाहते हैं कि वे जनमत का बहुत ज्यादा सम्मान करते हैं। इसीलिए राज्य का बजट पेश करने से पहले समाज के सभी वर्गों से सुझाव मांगा गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया है कि सरकार के पास जनता के जो सुझाव आएंगे, उनको बजट मंे शामिल किया जाएगा ताकि राज्य का वास्तविक रूप से और सर्वांग विकास हो सके। इसी के तहत राज्य के वित्तमंत्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने गढ़वाल और कुमाऊँ क्षेत्र के लोगों से गत दिनों संवाद किया। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने चारधाम यात्रा को लेकर मिल रही शिकायतों पर भी ध्यान दिया है। कोरोना के प्रति भी सरकार सतर्क है और वैक्सीनेशन का काम तेजी से हो रहा है। चम्पावत मंे इसी 31 मई को उपचुनाव होना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मुकाबले में कांग्रेस ने निर्मला गहतोड़ी को चुनाव मैदान मंे उतारा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल में राज्य के 2022-23 बजट की प्रस्तुति पर संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया और यहां बजट को लेकर समाज के सभी वर्गों के सुझावों को सुना। सीएम धामी ने कहा, ‘इस साल के राज्य के बजट से पहले, हमने समाज के सभी वर्गों के सुझावों को शामिल करने के लिए यह बैठक की।’ मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि सभी के सुझावों को बजट में शामिल किया जाएगा, ताकि इससे राज्य का सर्वांगीण विकास हो सके। सीएम धामी ने कहा, ‘इन क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद करने पर हमें जो भी सुझाव मिले हैं, वे मूल्यवान हैं। इन सुझावों से आम आदमी के हित का बजट धरातल पर उतर सकेगा। उन्होंने आगे कहा, ‘बजट में सबके विचारों को शामिल किया जाएगा ताकि इसे उत्तराखंड के विकास और आकांक्षाओं के अनुरूप हासिल किया जा सके।’ बजट 2022-23 की तैयारी में जुटे उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट से पहले तमाम हितधारकों से परामर्श के लिए गढ़वाल और कुमाऊं संभाग के प्रतिनिधि समूहों के साथ पहली बार एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया था।
पहली बार उत्तराखंड के बजट 2022-23 की तैयारी में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संवाद कार्यक्रम किया गया, ताकि कल्याणकारी योजनाओं को उनकी इच्छा के अनुसार उत्तराखंड के बजट में शामिल किया जा सके। इसका संबंध उपचुनाव से भी माना जाता है। चंपावत उपचुनाव में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने निर्मला गहतोड़ी को मैदान में उतारा है। अब कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने के लिए कांग्रेस ने विधायकों की चुनाव प्रबंधन समिति बनाई है, जिसका अध्यक्ष अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी को बनाया है। तिवारी का कहना है कि महंगाई, बेरोजगारी सहित सरकार की नाकामियों को जनता के बीच ले जाकर कांग्रेस खटीमा का तरह धामी को यहां भी हराएगी। वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह चंपावत प्रचार के लिए जाएंगे हालांकि वे नामांकन में नहीं पहुंचे थे।
राज्य मंे समस्याएं तो हैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा मरीज भुगत रहे हैं। एक जनपद मंे बताया जाता है कि पहले तो आयुर्वेदिक एंव यूनानी विभाग ने दवाई ही नहीं खरीदी, अब एक साल बाद निदेशालय ने खरीदी की तो उसमें घपला हो गया। कंपनी ने पैकेट में पूरी दवाई लिखी लेकिन डिब्बे के अंदर आधी दवाइयां ही जिलों को मिलीं। अस्पतालों को दवा सप्लाई पर रोक लगाई गई है। मरीज महीनों से चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब भी उन्हें दवा मिलना मुहाल है।
देहरादून में ही एसटीएफ की एन्टी ड्रग टास्क फोर्स ने हाल में छापेमारी के दौरान एक घर से 742 नशे के इंजेक्शन, 300 नशीली गोलियों और करीब 20 हजार रुपये के साथ एक अभियुक्त लाल प्रभात भारती को अरेस्ट किया। अभियुक्त पेशे से एक वकील है जो दून जिला कोर्ट में प्रैक्टिस करता है। पुलिस के मुताबिक भारती यह नशा छात्रों को बेचता था। आरोपी के साथ कई मेडिकल शॉप और डॉक्टर भी शामिल हैं। चारधाम यात्रा पर भी सवाल उठाए गये। हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि केदारनाथ में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को फिलहाल खत्म कर दिया गया है। यह फैसला भारी भीड़ उमड़ने के मद्देनजर लिया गया। अब वीआईपी भी अगर धाम पहुंचते हैं, तो आम लोगों की तरह ही बाबा केदार के दर्शन करेंगे। इसके अलावा, खास तौर से चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि चारधामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या तक ही पंजीकरण संभव होंगे। यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु असुविधा से बचने के लिए पंजीकरण की उपलब्धता की जांच के बाद ही यहां पहुंचने का कार्यक्रम तैयार करें। प्रदेश के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चारों धामों- बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की क्षमता (कैरींग कैपेसिटी) को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दिया है। इसी के हिसाब से क्षमता के अनुरूप पंजीकरण पोर्टल पर सॉफ्टवेयर को डिजाइन कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिन तिथियों में निर्धारित सीमा तक पंजीकरण हो चुके हैं, उन तिथियों पर और अधिक पंजीकरण नहीं किया जा सकता।
इधर, उत्तराखंड में 12 साल से 14 साल के बच्चों में कोविड वैक्सीनेशन को लेकर कोई उत्साह नहीं दिख रहा है। सरकारी आकड़ों की मानें तो दूसरी डोज के लिए प्रदेश भर में 40 प्रतिशत बच्चे अब तक वैक्सीनेट नहीं हो पाए हैं। वहीं, चंपावत उपचुनाव को लेकर अपनी रणनीति बताते हुए कांग्रेस ने जीत का दावा भी किया। हरिद्वार जिले में तो मात्र 11 प्रतिशत लोगों ने ही अपने बच्चों को वैक्सीनेट करवाया है। बूस्टर डोज 35 प्रतिशत लोगों ने ही लगवाया है। हालांकि वैक्सीन प्रभारी सुधा कुकरेती का मानना है कि गर्मियों की छुट्टियों की वजह से वैक्सीनेशन ड्राइव की रफ्तार सुस्त है। (हिफी)