लेखक की कलम

गहलोत के आरोप का जादू नहीं चलेगा

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

राजस्थान मंे सचिन पायलट एण्ड कम्पनी की बगावत के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार बचा ली थी, तभी से उन्हें जादूगर कहा जाने लगा। अभी पिछले दिनों जोधपुर मंे झंडा लगाने को लेकर दो समुदायों मंे जो विवाद हुआ, वो मामूली था लेकिन गहलोत की सरकार उसे सुलझा नहीं पायी और हालात काफी बिगड़ गये। सरकारी अमले ने 3 मई को सुरक्षा व्यवस्था के बीच ईद की नमाज तो अदा करवा दी लेकिन ईद के लिए जिस प्रकार का माहौल होना चाहिए था, वो बिगड़ गया था। पुलिस प्रशासन को उस क्षेत्र में कफ्र्यू लगाना पड़ा। जोधपुर के साथ ही नागोर शहर की किदवई कालोनी मंे भी पड़ोसियों के बीच मामूली कहासुनी के बाद पथराव हुआ। दोनों पक्ष एक ही समुदाय के हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस विवाद के लिए भाजपा को आरोपित करते हैं। उनके आरोपों की पुष्टि पुलिस प्रशासन की जांच कर भी सकती है लेकिन राज्य सरकार का दायित्व निभाने मंे असमर्थता का दोष तो अशोक गहलोत की सरकार पर लगेगा। इससे वे बच नहीं सकते। भाजपा पर लगाये गये आरोप भी उन्हें साबित करने होंगे। गहलोत ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि राजस्थान मंे सुशासन हुआ है। सोशल सिक्योरिटी में प्रदेश सबसे आगे है। यह सामाजिक सुरक्षा और सुशासन आम जनता को दिखाई पड़ना चाहिए।
राजस्थान में लगातार भड़क रही सांप्रदायिक हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी पर हमला बोला। गहलोत ने कहा कि बीजेपी घबराई हुई है। बीजेपी का पूरे मुल्क में टारगेट राजस्थान है। इसलिये दंगे भड़क रहे हैं। गहलोत ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनको ऊपर से निर्देश हैं राजस्थान सरकार को बदनाम करने के। राजस्थान में अस्थिरता पैदा करने के। सीएम पद के इतने उम्मीदवार हो गये हैं इसलिये इनमें प्रतिस्पर्धा हो गई है। गहलोत ने कहा कि इनको होमवर्क दे दिया गया है। इसलिये हर मामले को लंबा खींच रहे हैं। गहलोत ने आरोप लगाया कि ये लोग गरीब लोगों पर बुलडोजर चलता रहे हैं। गहलोत ने कहा कि वे तमाम राजनीतिक पार्टियों से अपील करते हैं कि वे आगे आयें और शांति व्यवस्था बनाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में जनप्रतिनिधि की ड्यूटी बनती है कि वे आगे आयें और शांति व्यवस्था बनायें लेकिन ये लोगों को भड़काते हैं। इनका पूरा टारगेट मुख्यमंत्री और सरकार को बदनाम करने का है लेकिन हम उसे कामयाब नहीं होने देंगे। गहलोत ने कहा कि करौली में जो घटना हुई वह एक डेढ़ घंटे बाद शांत हो गई। रामगढ़ की घटना इनकी खुद की हुई है। जोधपुर में जो कुछ हुआ वो ऐसा नहीं था कि वहां दंगा भड़कने की स्थिति आये लेकिन हमने यहां पुलिस को चाक चैबंद कर रखा है। इसलिये न करौली में न रामगढ़ में और न जोधपुर में कोई जनहानि हुई। हाल ही देश के सात राज्यों में दंगे भड़के हैं। बुलडोजर चले हैं गरीबों पर लेकिन राजस्थान में शांति रही। यह शांति इनको हजम नहीं हो रही है। गहलोत ने खुद की सरकार की प्रशंसा करते हुये कहा कि राजस्थान में सुशासन हुआ है। राजस्थान में कोरोना का डटकर बेहतरीन तरीके से मुकाबला किया गया। राजस्थान में अच्छे बजट आये हैं। सोशल सिक्योरिटी में हम सबसे आगे हैं। राजस्थान में एक करोड़ लोगों को हम पेंशन दे रहे हैं।
जोधपुर में 2 मई को देर रात जालोर गेट इलाके में झंडा लगाने को लेकर दो समुदायों में विवाद हो गया था। उसके बाद वहां पथराव हो गया। भारी पुलिस फोर्स ने मौके पहुंचकर हालात को संभाला। उसके बाद को सुबह भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ईद की नमाज अदा कराई गई लेकिन उसके कुछ समय बाद फिर उसी बात को लेकर दोनों समुदाय भिड़ पड़े। पथराव हुआ और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। रात को ही हालात बिगड़ने पर संपूर्ण जोधपुर जिले में आगामी आदेश तक इंटरनेट बंद कर दिया गया था। दंगा प्रभावित इलाके में कर्फ्यू भी लगा दिया गया लेकिन शाम को शहर में एक बार फिर चाकूबाजी की घटना हो गई। पथराव और भगदड़ में कई लोग चोटिल हो गये। उपद्रव में कुल 9 पुलिसकर्मियों को चोट आईं। इसके अलावा 3 घायलों का अस्पताल में इलाज कराया गया। हिंसा के दौरान कई जगह तोड़फोड़ की गई। कई वाहनों के शीशे तोड़ दिये गये। उपद्रव को लेकर मुकदमें दर्ज किये जा चुके हैं। 141 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 133 लोगों को शांतिभंग में और 8 लोगों को मुकदमों में गिरफ्तार गया है। हिंसाग्रस्त इलाके में हालात पर काबू पाने के लिये जयपुर पुलिस मुख्यालय से 5 सीनियर आईपीएस ऑफिसर जोधपुर भेजे गए हैं। वे पल-पल के घटनाक्रम पर नजर रखे हुये हैं। शांति बहाली के लिये पुलिस की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं।
जोधपुर सीएम अशोक गहलोत का गृहनगर है। वहीं केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत यहां से सांसद हैं। लिहाजा हिंसा का यह केस देशभर में सुर्खियों में आ गया। इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी अपने चरम पर पहुंच चुकी है। जोधपुर शहर में फिलहाल शांति बनी हुई है। राज्य सरकार अलर्ट मोड पर है। पुलिस और प्रशासन का दावा है कि अब किसी भी तरह की हिंसा शहर में नहीं होने दी जाएगी। लेकिन ईद वाले दिन कफ्र्यूग्रस्त सूरसागर थाना इलाके में फिर भीड़ एकत्रित हो गई। वहां एक युवक को चाकू मार दिया गया। यह घटना सीसीटीवी में भी कैद हो गई। यह सीसीटीवी पुलिस और प्रशासन के तमाम दावे की पोल खोलता नजर आ रहा है। बहरहाल, हिंसा के काबू में आने के बाद पुलिस और प्रशासन का दावा है कि कफ्र्यू की सख्ती से पालन करवाई जाएगी। कफ्र्यू क्षेत्र में सिर्फ आवश्यक मूलभूत सुविधाओं पानी, बिजली और चिकित्सा सेवा की सप्लाई होगी। कफ्र्यू क्षेत्र में स्कूल पूरी तरह से बंद रहेंगे लेकिन कर्फ्यू क्षेत्र में परीक्षा केंद्र घोषित स्कूल चालू रहेंगे। परीक्षार्थी का प्रवेश-पत्र ही कर्फ्यू क्षेत्र का पास माना जाएगा। चिकित्सा सेवा से जुड़े कर्मचारियों का परिचय-पत्र ही पास के रूप में स्वीकार होगा। डीजी लॉ एंड ऑर्डर हवासिंह घुमरिया ने बताया कि उपद्रव के बाद एक्शन में आई पुलिस ने 97 उपद्रवियों को हिरासत में लिया था। उसके बाद उनमें से 50 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। घुमरिया ने कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में नही बख्शा जाएगा। सख्ती होनी भी चाहिए। गहलोत सरकार की यह जिम्मेदारी है। (हिफी)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button