केजरीवाल का एक और दांव निष्फल

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
धर्म और कर्म की बात करें तो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज मेें कुंभ की चर्चा धर्म के रूप में हो रही है तो दिल्ली में विधानसभा चुनाव मंे पुरुषार्थ आजमाए जा रहे हैं। मुख्य मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच है। केजरीवाल ने फर्जी मतदाता बनाये जाने का मामला उठाया और यूपी-बिहार का जिक्र कर दिया। भाजपा तो ऐसे मुद्दे तलाशती ही रहती है। पार्टी के नेता दिल्ली मंे बसे यूपी-बिहार के लोगों को फर्जी मतदाता बताने लगे और केजरीवाल को सवालों के कठघरे मंे खड़ा कर दिया। दिल्ली मंे यूपी-बिहार के लोग सड़क पर उतर पड़े। उनका साथ भाजपा दे रही है। इसी बीच केजरीवाल का यह आरोप भी भोथरा साबित हो गया कि दिल्ली मंे अपराध बढ़ रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने अपराध के आंकड़े जारी किये हैं। इससे पता चलता है कि अपराधों मंे गिरावट आयी है। उधर, कांग्रेस भी केजरीवाल का विजय रथ रोकने के लिए चुनाव लड़ रही है। अभी मतदान को 20-25 दिन बाकी हैं और इस बीच अरविन्द केजरीवाल और उनकी टीम कोई नया मुद्दा तलाश करने का प्रयास कर सकती है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव पांच फरवरी को होने जा रहे हैं. आम आदमी पार्टी की तरफ से केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह को निशाना बनाते हुए दिल्ली में बिगड़ती क्राइम व्यवस्था का मुद्दा बनाया था। कहा गया कि शहर में गैंगस्टर्स आए दिन किसी को भी मौत के घाट उतार रहे हैं. अपराधी बेरोकटोक घूम रहे हैं। वहीं, व्यापारी डर के साए में रहने को मजबूर हैं। दिल्ली पुलिस ने आप के आरोपों की पोल खोल दी है। पुलिस की तरफ से जारी किए गए सालाना आंकड़ों में यह दावा किया गया कि मर्डर, रेप, लूटपाट जैसी घटनाओं में शहर में कमी आई है। उधर, दिल्ली चुनाव में दोस्त अब दुश्मन हो चुके हैं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी कभी साथ मिलकर भाजपा से टक्कर लेते थे. अब खुद एक-दूसरे से लड़ रहे हैं।
यह कहना गलत नहीं होगा कि आम आदर्मी पार्टी के आरोपों की हवा दिल्ली पुलिस ने आंकड़ों के माध्यम से निकाल दी है। हालांकि जमीनी स्तर पर दिल्ली में अपराध के स्टेटस से आप सहमत हैं या नहीं, यह आप अपने खुद के अनुभव से तय करें. आंकड़े बताते हैं कि जहां 2023 में मर्डर के 506 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं, 2024 में इनकी संख्या मामूली गिरावट के साथ 504 रह गई। दिल्ली पुलिस के मुताबिक लूट के मामले 2023 में जहां 1,654 थे। वहीं, 2024 में ये घटकर 1,510 रह गए। दिल्ली पुलिस का कहना है कि राजधानी में छेड़छाड़ की घटनाओं में भी कमी आई है। साल 2023 में जहां छेड़छाड़ के 2,345 मामले दर्ज हुए थे, 2024 में ये घटकर 2037 हो गए। अगर रेप की बात की जाए तो 2023 में इनकी संख्या 2,141 थी, जो घटकर 2,076 रह गए। शहर में दंगों की बात की जाए तो 2024 में इसके तहत 33 मुकदमे दर्ज किए गए जबकि 2023 में ये 44 थे। डकैती की घटनाएं पिछले दोनों सालों में 29 पर है। देश की राजधानी दिल्ली में पिछले एक साल में घर में चोरी और सेंधमारी की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। बताया गया कि साल 2023 के मुकाबले 2024 में घर में चोरी की घटनाएं
करीब 1.60 प्रतिशत ज्यादा रही। साल 2024 में दिल्ली में घर में चोरी की 29,011 घटनाएं सामेन आई। वहीं, 2023 में यह आंकड़ा 28,557 था। इसी तर्ज पर सड़क हादसों में मौत की घटनाएं 2023 में 1,423 के मुकाबले 2024 में 1,504 रही।
इस प्रकार आप का दिल्ली में बढ़ते अपराध का दांव फेल हो गया है। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल लगातार कह रहे हैं कि दिल्ली में मुख्य मुकाबला आप और भाजपा के पीच में है। वह इस सियासी लड़ाई के फ्रेम से कांग्रेस को लगातार बाहर रख रहे हैं। वह कांग्रेस को चुनौती ही नहीं मान रहे हैं। मगर कांग्रेस आप का गेम बिगाड़ सकती है। अरविंद केजरीवाल का कांग्रेस को लेकर जो आकलन है, वह न तो पूरी तरह सही है और न ही गलत। दिल्ली में पिछले दो विधानसभा चुनावों (2015 और 2020) में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है। इन दोनों चुनावों में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल पाया था। उसका वोट शेयर तो 5 फीसदी से भी कम हो गया था। कांग्रेस की दिल्ली चुनाव में जो रणनीति दिख रही है, उससे लग रहा है कि अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस को हल्के में लेने की जरूरत कतई नहीं है. कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व दिल्ली चुनाव में अब तक एक्शन से गायब था। मगर अब खुद राहुल गांधी समेत कांग्रेस का आलाकमान चुनावी मैदान में कूदने को तैयार है।
कुछ दिन पहले आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा- दिल्ली में भाजपा ने ऑपरेशन कमल शुरू कर दिया है। वे इस बार फर्जी वोटिंग के सहारे जीतने का प्लान बना रहे हैं। पूर्व सीएम ने कहा- पिछले 15 दिनों में वोटर्स के आंकड़ों में गड़बड़ी देखने को मिली है। इस दौरान 5000 नाम कटवाने और 7500 नए नाम जुड़वाने को लेकर चुनाव आयोग को एप्लिकेशन दी गई है। केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को उम्मीदवार बनाया है।
उधर, आप सांसद संजय सिंह का दावा है कि बीजेपी ने उनकी पत्नी अनीता सिंह का भी वोटर लिस्ट से नाम कटवाने की एप्लिकेशन दी है जबकि वे नई दिल्ली विधानसभा की वोटर हैं।नई दिल्ली विधानसभा में पिछले 15 दिनों में इन्होंने (बीजेपी ने) पांच हजार वोटर्स का नाम कटवाने की एप्लिकेशन डाली है, वहीं 7500 नए वोटर्स का नाम जुड़वाने की एप्लिकेशन भी दी है। मेरी विधानसभा में कुल वोटर्स एक लाख छह हजार हैं। इसमें से 5 फीसद वोटर्स का नाम डिलीट करवा रहे हैं। 7.5 फीसद वोटर्स के नाम जुड़वा रहे हैं। ऐसे में अब चुनाव ही क्यों करा रहे हैं। संजय ने कहा चुनाव के नाम पर इस देश में खेल हो रहा है। अगर 12 फीसद वोट इधर से उधर कर देंगे तो बचेगा क्या। अगर आंकड़ों में गड़बड़ी है तो चुनाव आयोग पर बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह लग जाता है।
पश्चिमी दिल्ली में मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने के लिए लोग पहचान व आवास से जुड़े फर्जी प्रमाण पत्र जमा करवा रहे हैं। निर्वाचन विभाग ने ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया है। विभाग की छानबीन में प्राथमिक तौर पर पाया गया है कि फर्जी कागजात जानबूझकर जमा करवाए गए हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ अब निर्वाचन विभाग संबंधित थााना में एफआईआर दर्ज करवाने में जुट गया है। बिंदापुर, द्वारका नार्थ व एनआईए थाना में इस तरह के मामले में पुलिस एफआईआर दर्ज कर रही है। इस शिकायत पर कि मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए लोग फर्जी पहचान और आवास प्रमाण पत्र जमा कर रहे हैं, निर्वाचन विभाग ने ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया है और जांच में पाया गया है कि फर्जी कागजात जानबूझकर जमा किए गए हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ अब निर्वाचन विभाग संबंधित थाना में एफआईआर दर्ज करवा रहा है। बिंदापुर, द्वारका नार्थ व एनआईए थाना में इस तरह के मामले में पुलिस एफआईआर दर्ज कर रही है।
दक्षिण पश्चिम जिला निर्वाचन विभाग की ओर से जिले के दो अलग अलग थाना क्षेत्रों द्वारका नॉर्थ व बिंदापुर में इस बारे में शिकायत की गई है। दोनों ही मामलों में कापसहेड़ा की एसडीएम ने छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। बुलबुल व इंदरजीत ने मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया था। आवेदन में जो दस्तावेज अपलोड किए गए थे, उसमें आधार फर्जी पाया गया। इसी तरह का मामला द्वारका सेक्टर 17 में भी पाया गया। इस प्रकार मतदाताओं की जांच हो रही है लेकिन केजरीवाल ने यूपी-बिहार का नाम लेकर विवाद खड़ा किया। पूर्वांचल के लोग सड़क पर उतर आए। (हिफी)