मांझी के तेवर, फिर समर्पण

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
बिहार मंे भी इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। हालांकि उससे पहले 5 फरवरी को दिल्ली में भाजपा की परीक्षा होगी लेकिन मोदी और उनकी टीम किसी प्रकार के दबाव में नहीं आएगी। यही भूल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने करके भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) को आंखें दिखाईं। उन्हांेने कैबिनेट छोड़ने तक की बात कर दी। इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया। जीतनराम मांझी ने झारखंड और दिल्ली के विधानसभा चुनाव मंे अपनी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिलने पर कहा था कि हम मांगेंगे नहीं तो क्या मिलेगा भी नहीं। ये कोई न्याय तो नहीं है। उन्हांेंने यहां तक अपना विरोध जताया और कहा हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं है क्या? मांझी यहीं नहीं रुके और एक तरह से धमकी भी दी। उन्हांेने कहा जब भीड़ और मतदाता हमारे साथ हैं तो हमंे सीट क्यों नहीं दी जा रही हैं? उन्होंने बिहार विधानसभा के चुनाव मंे 40 सीटों की मांग भी कर दी। दरअसल, मांझी को विशेष रूप से चिराग पासवान से शिकायत है, जिनको ज्यादा तरजीह दी जा रही है। भाजपा नेतृत्व ने मांझी को किनारे करने का संकेत दिया तो वे नतमस्तक हो गये। उन्हांेने अपने तेवर समेट लिये और कहा मरते दम तक मोदी का साथ नहीं छोड़ूगा। ध्यान रहे जीतनराम मांझी मोदी-2 सरकार मंे मंत्री हैं।
एनडीए में शामिल जीतन राम मांझी अपनी पार्टी हम के साथ हुए कथित बुरे बर्ताव को लेकर नाराज हैं। आरजेडी ने इस मौके का फायदा उठाते हुए मांझी को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है। इससे पहले राजद अध्यक्ष लालू यादव ने नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खोला था लेकिन बात नहीं बनी।दरअसल, जीतन राम मांझी ने एनडीए पर हम को कमजोर समझने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी ताकत दिखाने की बात कही है। मांझी के इस तेवर के पीछे एनडीए में उनकी पार्टी की कथित उपेक्षा बताई जा रही है। हाल ही में लालू यादव की लोजपा प्रमुख पशुपति पारस से मुलाकात भी चर्चा का विषय बनी हुई है। इन घटनाओं से बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है।राजद ने मांझी को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने मांझी को लालू यूनिवर्सिटी का छात्र बताया है। उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी एक अनुभवी नेता हैं। उन्हें भारतीय जनता पार्टी का चाल चरित्र पता होना चाहिए। तिवारी ने मांझी से कुर्सी छोड़कर तेजस्वी यादव के साथ दलितों, शोषितों और वंचितों की लड़ाई में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने अपने सहयोगियों को ही तोड़ा और ठगा है। मांझी क्यों चक्कर में पड़े हुए हैं। उनकी पार्टी को बीजेपी तोड़ देगी।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी का सवाल उठाते कुछ चुभती बातें क्या कह दीं महागठबंधन की बांछे खिल गईं। मीडिया में एक तरफ जहां एनडीए में दरार की खबरें छाने लगीं, वहीं महागठबंधन से ऑफर ही ऑफर मिलने लगा। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार विधान सभा में 40 सीटों की मांग के साथ यह भी कह डाला कि मांझी और भुइयां जाति की ताकत को कमतर आंका गया है। उन्हांेने कहा पटना में आयोजित रैली में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की ताकत दिखेगी। झारखंड और दिल्ली के चुनाव में पार्टी को एक भी टिकट नहीं देना एक तरह से पार्टी की अनदेखी करना है। इन दोनों राज्यों में एक भी सीट नहीं मिलना हमे धोखा देने जैसा है लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में ये धोखा नहीं चलने वाला। उधर, रोहिणी आचार्य ने कहा कि जीतन राम मांझी के बयान की अब अहमियत नहीं है। वो शराब को लेकर सुबह में कुछ बोलते हैं और शाम में कुछ बोलते हैं। रोहिणी आचार्य ने कहा कि आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यदि उनको एक सीट देते हैं तो फिर भाग कर वह उन लोगों के साथ आ जाएंगे। यह सिर्फ सत्ता के साथ बने रहने वाले लोग हैं। ये सिर्फ कुर्सी के साथ रहने वाले हैं। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा हम की अनदेखी नहीं की जा रही है। यह बेबुनियाद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को सही मायने में सम्मान दिया है। रही बात दूसरे राज्यों में सीटों के बंटवारे को लेकर, तो मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देना मेरे क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। लेकिन जहां तक जीतन राम मांझी का सवाल है, तो हमने उन्हें पहले भी सरकार में सम्मान दिया था, अभी भी सम्मान दिया है और तीसरा सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है कि अभी भी एनडीए कार्यकर्ताओं का सम्मेलन खुले मैदान में हो रहा है। इस सम्मेलन में हम पार्टी के कार्यकर्ता और नेता सभी भाग ले रहे हैं और यह हुंकार भी भर रहे हैं कि 2025 में फिर से नीतीश आएंगे।
भाजपा के प्रवक्ता कुंतल कृष्णा ने कहा कि एनडीए एक परिवार है और परिवार के लोग ही चुनाव लड़ते हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को उखाड़कर फेंकना है। वहां किसी भी दल का उम्मीदवार हो वह एनडीए के सभी दल के उम्मीदवार हैं। इसीलिए इस मामले का कोई मतलब नहीं है और हम लोग एक परिवार की तरह हैं।
केंद्रीय मंत्री और हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चा में हैं। दिल्ली और झारखंड के चुनाव में सीटें न मिलने पर जीतन राम मांझी की एनडीए से नाराजगी रह-रह कर सामने आ रही है। राजनीतिक सौदेबाजी के माहिर खिलाड़ी रहे माझी को लेकर कुछ मीडिया रिपोर्ट के हवाले से यह खबर आई कि अब जीतन राम मांझी ने कैबिनेट छोड़ने की बात कह दी है, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने इस पर सफाई दी है। केंद्रीय मंत्री ने साफ किया है कि वो मरते दम तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ नहीं छोड़ेंगे। कैबिनेट छोड़ने की बात कहने को लेकर अपनी सफाई देते हुए जीतन राम मांझी ने कहा, ‘कुछ वेब पोर्टल और समाचार चैनलों के द्वारा भ्रामक खबर प्रचारित/प्रसारित किया गया है कि जीतन राम मांझी कैबिनेट से इस्तीफा देंगे। मैंने मुंगेर की सभा में हो रही देरी को लेकर कहा था कि आप लोग लेट कर रहें हैं जिसके कारण मेरी फ्लाइट छूट जाएगी और मुझे कैबिनेट छोड़ना पड़ेगा। वैसे लोगों को मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि मैं मरते दम तक माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का साथ नहीं छोडूंगा।’ केंद्रीय मंत्री जीतनराम माझी ने कहा, ‘हम सब अभी देश और बिहार के हित का कार्यकर रहें हैं। कुछ मिडिया घराना विपक्ष के इशारे पर हमें बांटने की कोशिश कर रहा है। मैं वैसे लोगों को चेतावनी देना चाहता हूँ कि वह सचेत हो जाएं अन्यथा मैं उनके खिलाफ न्यायालय की शरण लूंगा और प्रेस काउंसिल में उनकी शिकायत दर्ज कराऊंगा।’ (हिफी)