लेखक की कलम

मुर्मू ने बताये मोदी सरकार के लक्ष्य

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
बजट-2025 का सत्र प्रारम्भ हो गया है। इसके प्रारम्भ में राष्ट्रपति का संयुक्त संसद मंे अभिभाषण होता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने परम्परा का निर्वाह करते हुए 31 जनवरी को संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्हांेने अपने संबोधन मंे मोदी सरकार-3 के एक वर्ष के लक्ष्य बताये हैं। सामान्य जनता इन्हंे अपने जेहन में रखेगी और अगले साल सरकार से सवाल भी पूछ सकेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार के किसानों, महिलाओं, युवाओं और विकास से जुड़े मुद्दों का जिक्र किया है। उन्होंने कहा रक्षा के क्षेत्र मंे आत्म निर्भरता की तरफ सरकार बढ़ी है। देश के किसानों ने रिकार्ड 332 मिलियन टन अनाज का उत्पादन किया है। कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर को लगातार मजबूत किया जा रहा है। दुनिया भर में भारत की धमक बढ़ी है। अंतरिक्ष क्षेत्र मंे एक हजार करोड़ रुपये की लागत से कैपिटल फंड की शुरुआत हुई है। द्रौपदी मुर्मू ने बताया कि सरकार ने देश के विकास मंे मध्यम वर्ग के योगदान को सराहा है। नारी शक्ति वंदन के जरिए लोकसभा और विधानसभाओं मंे आरक्षण प्रदान किया गया है। सरकार का 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है।
राष्ट्रपति द्रौपदी ने कहा कि सरकार ने देश के विकास में मध्यम वर्ग के योगदान को स्वीकारा और सराहा है। सरकारी कर्मचारियों के लिए कल्याण के लिए आठवें वेतन आयोग का गठन किया है। केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत 50 प्रतिशत पेंशन सुनिश्चित की गई है। मध्यम वर्ग के घर का सपना पूरा कर रहे हैं। रेरा कानून बना है। घर के लिए सब्सिडी दी जा रही है। जनऔषधि केंद्र में दवाइयों पर 80 पर्सेंट की रियायत मिल रही है। देशवासियों के 30 हजार करोड़ से ज्यादा बचे हैं। सरकार ने टैक्स से जुड़े मसलों को आसान किया है। टैक्स विवादों को कम करने के लिए फेसलेस मूल्यांकन की शुरुआत कर पारदर्शिता बढ़ाई गई है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के जरिए लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण जैसा बड़ा कदम उठाया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए 91 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया और 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को जोड़ा।
राष्ट्रपति ने बताया 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। एक करोड़ 15 लाख से अधिक लखपति दीदी गरिमामयी जीवन जी रही हैं। दुनिया में भारत की धमक बढ़ी है। देश में डेढ़ लाख से अधिक स्टार्टअप हैं। इनोवेशन के स्तंभ के रूप में उभर रहे हैं। एक हजार करोड़ रुपये की लागत से स्पेस सेक्टर के लिए वेंचर कैपिटल फंड की शुरुआत की गयी है। यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल इंडेक्स 2025 भारत विश्व में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। फ्यूचर ऑफ वर्क श्रेणी में एआई और डिजिटल टेक्नॉलजी अपनाने में भारत दुनिया को रास्ता दिखा रहा है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भी भारत की रैकिंग सुधरी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए आधुनिक शिक्षा व्यवस्था तैयार हो रही है। मातृभाषा में शिक्षा का अवसर दिया जा रहा है और 13 भारतीय भाषाओं में कई परीक्षाएं हो रही हैं।
किसानों के संदर्भ में राष्ट्रपति ने कहा 2023-24 में रेकॉर्ड 332 मिलियन टन अनाज उत्पादन हुआ। आज भारत दुनिया में सबसे बड़ा दूध, दाल, मसालों का उत्पादक है। खरीफ और रबी फसलों के लिए एमएसपी में निरंतर बढ़ोतरी के साथ पिछले 6 महीने में अच्छी उपज देने वाली 109 प्रजातियां किसानों को सौंपी गयी हैं। देश मंे तिलहन उत्पादन को बढ़ावा दिया गया। किसानों को सस्ती दरों पर डीएपी की स्कीम बढ़ाई गई है और 2 हजार करोड़ की लागत से मिशन मौसम की शुरुआत हुई। सूखाग्रस्त इलाकों में सिंचाई और पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए दो ऐतिहासिक रिवर इंटरलिंकिंग परियोजनाओं पर काम आगे बढ़ा है और 40 हजार करोड़ से अधिक लागत की केन-बेतवा लिंक परियोजना से यूपी और एमपी के लाखों किसानों को फायदा होगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र के शुरू होने से पहले संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने सरकार का रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार ने तीसरी कार्यकाल ने सभी के आवास की पूर्ति के लिए ठोस कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री आवास का विस्तार करते हुए 3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को घर देने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को आज मेरी सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है। तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेज गति से काम हो रहा है। आज देश बड़े निर्णयों और नीतियों को असाधारण गति से लागू होते देख रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार करते हुए तीन करोड़ अतिरिक्त परिवारों को नए घर देने का निर्णय लिया गया है। जनजातीय समाज के पांच करोड़ लोगों के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान प्रारंभ हुआ है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सत्तर वर्ष और उससे अधिक उम्र के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा देने का फैसला हुआ है। सरकार ने स्वामित्व योजना के तहत 2 करोड़ 25 लाख स्वामित्व कार्ड जारी किए और 70 लाख स्वामित्व कार्ड पिछले 6 महीने में जारी किया गया है।
पीएम किसान सम्मान निधि के तहत करोड़ों किसानों को पिछले महीने में 41 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। जनजातीय समाज के 5 करोड़ लोगों के लिए 80 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। छोटे उद्यमियों के लिए मुद्रा ऋण की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की गयी है। युवाओं की शिक्षा और रोजगार पर विशेष फोकस दिया जा रहा है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सरकार का मंत्र है- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, इसका एक ही लक्ष्य है विकसित भारत।
मोदी सरकार फरवरी, 2025 को भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा बजट जारी करने वाली हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार 50 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का बजट जारी होगा, जो पिछले साल से करीब 3 लाख करोड़ रुपये अधिक है। भारत को हमेशा आंख दिखाने वाले पड़ोसी पाकिस्तान का बजट इसके मुकाबले ऊंट के मुंह में जीरे की तरह है। पिछले साल पाकिस्तान में 5.65 लाख करोड़ रुपये का बजट जारी हुआ था। वित्तमंत्री सीतारमण इस बार लगातार 8वां बजट पेश करने जा रही हैं।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय सहित प्रमुख अधिकारियों के साथ मिलकर 2025-26 के लिए 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट तैयार किया है। इस बार के बजट में उन्हें कई चुनौतियों का समाधान करना होगा, जिसमें आर्थिक वृद्धि में कमी, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी और उपभोग मांग में कमी शामिल है। वित्त वर्ष 2024-25 में आर्थिक वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। यह 2019 में फैली कोविड महामारी के प्रकोप के बाद से सबसे कम वृद्धि दर है। वित्तमंत्री की टीम में वित्त एवं राजस्व सचिव पांडेय, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, व्यय सचिव मनोज गोविल, निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अरुणिश चावला, वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू और मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन शामिल हैं। उनकी टीम के सामने सबसे कठिन काम राजकोषीय स्थिति को छेड़े बिना वृद्धि को बढ़ावा देना होगा। सरकार से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वह विभिन्न चुनौतियों के बावजूद वित्तवर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू
उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने के राजकोषीय लक्ष्य पर कायम रहेगी। (हिफी)

 

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