अब होगा खूनी राणा से हिसाब

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
भारत मुंबई में हुए आतंकी हमले को कभी भूल नहीं पाएगा। होटल ताज में आग की जो लपटें उस दिन अर्थात् 26 नवम्बर 2008 को निकल रही थीं, उनकी तपस आज भी झुलसा रही हैं। इस आतंकी हमले का मास्टर माइंड था पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा। तहव्वुर राणा अमेरिका भाग गया था लेकिन वहां पकड़ा गया। भारत ने इस आतंकी को सौंपने की मांग की थी। राणा ने वहां की अदालत की शरण ली लेकिन भारत की धरती पर जो 166 लोग मारे गये थे, उनका आर्तनाद और भारत सरकार की तरफ से दिये गये सबूतों ने राणा को अब यहां की अदालत में खड़ा कर दिया है। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने राणा की अर्जी खारिज करके भारत को प्रत्यर्पण करने का फैसला सुनाया था। इसके बाद 30 जनवरी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के चार अफसरों की एक टीम अमेरिका गयी। अब खूनी राणा को अपने गुनाहों का हिसाब देना होगा। उसे तिहाड़ जेल मंे विशेष सुरक्षा प्रबंधों के बीच रखा जाएगा। भारत के दुश्मनों के गुनाहों का अब भारत मंे ही हिसाब होगा। तहव्वुर राणा समेत 6 लोगों को भारत प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है। इनमें अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला, लारेंस बिश्नोई का छोटा भाई अनमोल बिश्नोई, विजय माल्या और नीरव मोदी भी शामिल हैं। देर-सबेर इन सभी को भारत लाकर हिसाब बराबर किया जाएगा।
मुंबई में आतंकी हमले के दोषी तहव्वुर राणा के गुनाहों का अब बहुत जल्द भारत में ही हिसाब होगा। अमेरिका ने उसके प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। अब भारत उसके कॉलर पकड़कर घसीटने को तैयार है। एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी के चार अधिकारियों की एक टीम 30 जनवरी को अमेरिका गयी। मकसद है 26/11 मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा को भारत वापस लाना। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों आतंकी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। एनआईए ने गृह मंत्रालय को अधिकारियों के नाम सौंपे हैं और विदेश मंत्रालय को भी सूचित किया है। गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि एनआईए टीम वर्तमान में अमेरिकी अधिकारियों के साथ कॉर्डिनेट कर रही है। यह टीम विदेश मंत्रालय से यात्रा की अंतिम पुष्टि का इंतजार कर रही है। इस टीम में इंस्पेक्टर जनरल और डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल रैंक के अधिकारी शामिल हैं, जो तहव्वुर राणा की भारत वापसी की निगरानी करेंगे। इस बीच दिल्ली जेल विभाग ने तिहाड़ जेल में उनकी हिरासत के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। भारत आने के बाद आतंकी राणा को तिहाड़ के एक उच्च-सुरक्षा वार्ड में रखा जाएगा, जहां उसके सेल में उसकी गतिविधियों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। उसके ऊपर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल होने का आरोप है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे। इस मामले में वह दोषी करार है। उसे पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जोड़ा गया था, जो हमले के मास्टरमाइंड में से एक था।
आतंकी राणा के प्रत्यर्पण को उसके कानूनी चुनौतियों के खारिज होने के बाद मंजूरी दी गई, जिसमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को उनकी याचिका को खारिज कर दिया। अमेरिकी सरकार ने तर्क दिया कि राणा को प्रत्यर्पण से राहत नहीं मिलनी चाहिए। अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल एलिजाबेथ बी प्रेलोगर ने कहा कि राणा को इस मामले में कोई और कानूनी उपाय नहीं मिलना चाहिए। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। यह भारत के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है। भारत कई सालों से अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। एक साल से अमेरिकी अदालत में उसके प्रत्यर्पण की सुनवाई चल रही थी। राणा कई संघीय कोर्ट में कानूनी लड़ाई हार चुका था। यह उसका आखिरी मौका था। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की समीक्षा याचिका खारिज करके उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
तहव्वुर राणा को अमेरिकी फेडरल पुलिस ने 2009 में गिरफ्तार किया था। उसी समय से उसके प्रत्यर्पण को लेकर दोनों देशों के बीच बात चल रही थी। अेमेरिकी कोर्ट ने राणा को डेनमार्क में आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने के आरोप में दोषी ठहराते हुए 14 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन मुंबई हमले में उसे बरी कर दिया था। तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है । उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ है। वह पेशे से डॉक्टर है। पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर की सेवा दे चुका है। वह मुंबई हमले का मास्टर माइंड डेविड हेडली का करीबी बताया जाता है। ये भी कहा जाता है राणा ने ही भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में मौत के तांडव के लिए फाइनेंस किया था। हालांकि, अमेरिकी कोर्ट ने राणा को 2009 में गिरफ्तार करने के बाद मुंबई हमले से बरी कर दिया था, तब भारत ने कूटनीतिक चाल से उसके खिलाफ दोष सिद्ध करवाए और अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण की बात चलती रही। राणा ने 13 नवंबर को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद 21 जनवरी को शीर्ष अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया था।
साल 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में मौत का तांडव मचाया। कुबेर नाम की नाव पर क्रू की हत्या कर 10 आतंकी मुंबई में दाखिल हुए। 10 एके-47 के साथ 10 पिस्टल, 80 ग्रेनेड के साथ 26 नवंबर की रात 9 बजे से मुंबई में मौत का तांडव मचाना शुरू कर दिया। 60 घंटों तक मुंबई में मौत का तांडव चलता रहा। इस हमले में कुल 175 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, सिक्योरिटी फोर्सेज ने 9 आतंकियों को मार गिराया था। अजमल कसाब इकलौता जिंदा आतंकी पकड़ा गया था। अमेरिकी संघीय पुलिस एफबीआई ने 2009 में उसे गिरफ्तार किया था।
अभी तलाश है अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला कीे जो खालिस्तानी आतंकवादी है। वह प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स का नेता है। वह कनाडा में छिपा है। वह भारत में हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और आतंकवादी कृत्यों के 50 से अधिक मामलों में वांटेड है। उसे जनवरी 2004 में आतंकवादी घोषित किया गया था। इसी प्रकार अनमोल बिश्नोई जो लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई है। वह भारत में कई हाई-प्रोफाइल मामलों में वांटेड है। भगोड़े विजय माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण डिफॉल्ट का मामला है। वह 2016 में भारत छोड़कर चला गया था। नीरव मोदी और मेहुल चोकसी दोनों हीरा व्यापारी रहे हैं। दोनों 14,000 करोड़ रुपये के पीएनबी ऋण धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपी हैं। दोनों 2018 में भारत छोड़कर चले गए थे। (हिफी)