दिल्ली की तपिश पहुंची पंजाब

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली विधानसभा चुनाव हार गयी है। उसे 70 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ 22 विधायक मिल पाये हैं। पार्टी के कई दिग्गज नेता पराजित हो गये। इनमंे अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं। दिल्ली मंे लगी इस आग की तपन पंजाब तक पहुंच गयी है जहां आम आदमी पार्टी के भगवंत सिंह मान सरकार संभाले हुए हैं। वहां सब कुछ ठीक तो नहीं है क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद पार्टी के संस्थापक अरविन्द केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों और सांसदों की बैठक दिल्ली में बुलाई। उधर, पंजाब में कांग्रेस ने दावा किया है कि वहां कांग्रेस सरकार बना सकती है। कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला ने 11 फरवरी को कहा कि आम आदमी पार्टी के कई विधायक कांग्रेस के सम्पर्क में हैं। ऐसे विधायकों की संख्या 25 से 30 बतायी जा रही है लेकिन पंजाब मंे आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत से सरकार बनायी है। वहां की 117 सदस्यीय विधानसभा में आम आदमी पार्टी के पास 94 विधायक हैं। इसके साथ कांग्रेस के पास सिर्फ 18 विधायक हैं और भाजपा के 2 विधायक हैं। शिरोमणि अकाली दल के 3 विधायक हैं और एक विधायक बसपा का है। आईएनडी के पास भी 1 विधायक है। इस प्रकार आप के 60 से अधिक विधायक जब तक नहीं टूटते, तब तक दल-बदल कर शिकंजा कसा रहेगा। भगवंत मान की सरकार को फौरी तौर पर कोई खतरा नजर नहीं आ रहा है। दिल्ली में बैठक के बाद मान ने अपनी सरकार के काम गिनाए और कहा हमें अपने काम और तेजी से करने होंगे। बैठक में सभी विधायक मौजूद थे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की हार के बाद पंजाब में सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। इसकी एक बड़ी वजह कांग्रेस का दावा है। कांग्रेस का कहना है कि सत्तारूढ़ आप के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला ने मंगलवार 11 फरवरी को कहा, आप के कई विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं। इनके 25 से 30 विधायक टच में है। आप के विधायक साथ आए तो कांग्रेस सरकार बनाएगी। मंथन दिल्ली पर करना चाहिए था, पंजाब वालों को क्यों बुलाया? वहीं कांग्रेस सांसद अमर सिंह ने कहा कि यह उनके अंदर की लड़ाई है, अरविंद केजरीवाल क्योंकि दिल्ली हार चुके हैं, आप पंजाब को अपने कंट्रोल में पूरी तरह से लेने की कोशिश में लगे हुए हैं।
कांग्रेस ने ये दावा ऐसे समय में किया है जब अरविंद केजरीवाल ने आप विधायकों की दिल्ली में बैठक बुलाई है। बैठक के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, पंजाब आप के अध्यक्ष अमन अरोड़ा और अन्य विधायक दिल्ली पहुंचे।
दिल्ली में बैठक को लेकर आप विधायक नरिंदर कौर ने कहा, यह एक नियमित बैठक है। पंजाब एलओपी (प्रताप सिंह बाजवा) के संपर्क में विधायकों के होने की चर्चाओं पर, कहा उन्हें अपने बारे में सोचना चाहिए। यह 70 साल पुरानी पार्टी (कांग्रेस) है, लेकिन दिल्ली में अपना खाता नहीं खोल पाई। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को 70 में से 22 सीटें मिली है। वहीं बीजेपी 48 सीटें जीतकर सरकार बनाने जा रही है।
आप विधायकों के साथ बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के सभी साथियों ने दिल्ली में बहुत मेहनत की। पंजाब में हमारी सरकार लोगों के हितों में काम कर रही है। दिल्ली में जिन लोगों ने काम किया है, उनके अनुभव का इस्तेमाल पंजाब में करेंगे। दिल्ली के लोगों के मत को हम स्वीकार करते हैं। हमारी पार्टी लोगों के लिए काम करने वाली है। हमारे पास दो साल का समय है। हम मॉडल राज्य बना रहे हैं। मॉडल स्टेट बनाकर पूरे देश को दिखाएंगे। हमें उम्मीद है कि हमारे वर्कर डैडेकेटेड हैं। वो किसी लालच के लिए नहीं हैं। अमृतसर नॉर्थ से आम आदमी पार्टी विधायक पूर्व आईपीएस कुंवर विजय प्रताप सिंह दिल्ली में विधायकों की मीटिंग में शामिल नहीं हुए। वो अपनी ही सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते रहे हैं। ये बैठक दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद बुलाई गई थी। आप की बैठक पर कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला ने कहा कि यह उनकी पार्टी है, उन्हें मीटिंग करनी चाहिए, लेकिन अगर वे दिल्ली में हार के तुरंत बाद मीटिंग कर रहे हैं तो इसका मतलब अलग है।
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने अरविंद केजरीवाल संग अपनी और पंजाब के सभी पार्टी एमएलए की बैठक के बाद अपनी सरकार के काम गिनाए। उन्होंने कहा कि हमें काम करना है, पहले भी करते थे। हम ग्राउंड से आए हुए लोग हैं और लोगों का दिल कैसे जीतें। चाहे खेलों में या पंजाब में जो व्यापारी हैं, उनका विश्वास जीतने में कामयाब हुए हैं। हम 50 हजार से ज्यादा नौकरी दे चुके हैं। बिना करप्शन के नौकरियां दीं दिल्ली के कपूरथला हाउस में पंजाब में आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों संग पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के संग बैठक तीस मिनट चली। इस दौरान सभी ने यह कहा कि भगवंत मान ही उनके सीएम बने रेंगे। इससे पूर्व पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता बाजवा ने यह कहते हुए खलबली मचा दी थी कि आम आदमी पार्टी के 30 से ज्यादा विधायक उनके संपर्क में हैं। यह सभी विधायक आप छोड़ना चाहते हैं। इस बात की संभावना जताई जा रही थी कि भगवंत मान को पंजाब के चीफ मिनिस्टर की गद्दी से हटाकर उनके स्थान पर अरविंद केजरीवाल खुद सीएम बन सकते हैं। बैठक में सीएम भगवंत मान, राज्यसभा सांसद संदीप पाठक, राजकुमार छब्बेवाल, और राघव चड्ढा भी मौजूद रहे। आप के मुताबिक बैठक में सभी 94 विधायक मौजूद रहे। आम आदमी पार्टी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल पंजाब के विधायकों से उन्हें धन्यवाद कहने के लिए मिल रहे हैं। इन सभी विधायकों और मंत्रियों ने दिल्ली चुनाव 2025 के दौरान प्रचार में खूब सहयोग किया था।
इधर, परवेश वर्मा नई दिल्ली सीट पर किला फतह करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह से लेकर बीजेपी चीफ जेपी नड्डा से मिल चुके हैं। दिल्ली के पूर्व सीएम साहब सिंह वर्मा के बेटे परवेश क्या राजधानी के अगले सीएम होंगे? खैर यह तो वक्त ही बताएगा। इसी बीच इस बात की चर्चा पर गर्म है कि दिल्ली का अगला सीएम पूर्वांचल से हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी साल बिहार में भी चुनाव होने हैं। इसी बीच इस बात की भी चर्चा है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व किसी सिख को भी यह बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है। ताकि आने वाले कुछ सालों में पंजाब से भी आप को खत्म किया जा सके। पंजाब के आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा ने कहा कि सभी एकजुट हैं। एक ही पार्टी के नीचे हैं अरविन्द केजरीवाल हमारे मुख्य लीडर हैं। भगवंत मान ही पंजाब के मुख्यमंत्री रहेंगे। बीजेपी नेता मजिंदर सिंह सिरसा द्वारा पंजाब में भगवंत मान सरकार का तख्तापलट के आरोपों पर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की बैठक के बाद सफाई दी। उन्होंने कहा कि सिरसा को हमारी पार्टी की मीटिंग के संबंध में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। (हिफी)