राजनाथ सिंह का पाक को संदेश

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
अपने सभी पड़ोसी देशों से हम सौहार्द पूर्ण संबंध रखना चाहते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहा करते थे कि हम अपना घर तक बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते। पड़ोसी देश पाकिस्तान हमारे देश में अलगाववाद और आतंक वाद को बढ़ावा देता है। लगभग तीन दशक के बल उसने स्वीकार किया कि कारगिल में उसके सैनिक लड़ रहे थे। वह दुनिया भर में दुहाई देते फिर रहा है कि भारत उसके साथ बातचीत नहीं करता। अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बंद कर दे तो भारत उसके साथ बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है।
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। रामबन जिले के बनिहाल विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवार मोहम्मद सलीम भट के समर्थन में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को लोगों की परेशानी दूर करने और क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए हटाया गया। सिंह ने रैली में कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे। कौन पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारना नहीं चाहेगा? क्योंकि मैं इस वास्तविकता को जानता हूं कि आप अपने मित्र को बदल सकते हैं, लेकिन अपने पड़ोसी को नहीं। हम पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं, लेकिन सबसे पहले उन्हें आतंकवाद को रोकना होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि जब पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद कर देगा, तो भारत उसके साथ बातचीत शुरू करेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की चपेट में आने वालों में 85 प्रतिशत मुसलमान थे। कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं आम बात थीं। क्या आतंकवादी घटनाओं में सिर्फ हिंदू मारे जा रहे थे? मैं गृह मंत्री रह चुका हूं और मुझे पता है कि आतंकवादी घटनाओं में सबसे अधिक मुसलमानों की जान गई। ’’इससे पहले, रक्षा मंत्री ने भाजपा उम्मीदवार राकेश सिंह ठाकुर के समर्थन में निकटवर्ती रामबन में एक चुनावी रैली में कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 40,000 से अधिक लोगों की जान चली गई। भाजपा के भट का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री विकार रसूल वानी से है, जो बनिहाल सीट से जीत की हैट्रिक बनाने की कोशिश में हैं। भट को नेशनल कॉन्फ्रेंस के सज्जाद शाहीन और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के इम्तियाज शान से भी कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
राजनाथ ने कहा-पहले यहां आतंक का माहौल था। ताजिया का जुलूस भी नहीं निकल पाता था। आज यह शानदार पर्यटन स्थल है। आज कश्मीर में बच्चों के हाथों में पिस्तौल नहीं, लैपटॉप है। कश्मीर के लोग पर्यटकों का जमकर स्वागत कर रहे हैं। उन्होंने कहा पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों और वाल्मीकि समाज को वोट डालने का अधिकार नहीं था, अब उन्हें भी वोट का अधिकार मिला है। कश्मीर में पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा और गुर्जर बकरवाल और पहाड़ियों को राजनीतिक आरक्षण दिया गया। रेलवे स्टेशन बन रहे हैं। सड़कें बनाई जा रही हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम हो रहा है।
जाहिर है कि पाकिस्तान के साथ रिश्तों में सुगबुगाहट सुनाई पड़ रही है। कुछ ही दिनों पहले करगिल युद्ध को लेकर पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने वो बात कुबूल कर ली, जो अब तक सारे पाकिस्तानी जनरल पूरी दुनिया से छिपाते रहे। असीम मुनीर ने साफ-साफ कहा कि कारगिल जंग में पाकिस्तानी सेना का हाथ था। उनके सैनिकों ने शहादत दी है। इसके अगले ही दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जम्मू-कश्मीर की धरती से ये ऐलान कि अगर पाकिस्तान आतंक छोड़ दे तो उसके साथ बातचीत हो सकती है। पाकिस्तान समझ चुका है कि कश्मीर में अब उसका कुछ नहीं बचा। रही सही कसर, जम्मू-कश्मीर में हो रहे चुनावों में लोगों की जोरदार भागीदारी ने पूरी कर दी। उसकी सारी उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है, ऐसे में वह हकीकत स्वीकार करता नजर आ रहा है। इसके लिए जानना पड़ेगा कि राजनाथ सिंह ने ऐसा क्या कहा और उसके सियासी मायने क्या हैं?
रामबन में राजनाथ सिंह ने कहा, बीजेपी ने डंके की चोट पर अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर में शांति और समृद्धि का रास्ता बनाया है। कोई माई का लाल अनुच्छेद 370 वापस नहीं ला सकता। पाकिस्तान के कब्घ्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोगों को संदेश देते हुए राजनाथ ने कहा- पाकिस्तान उन्हें विदेशी मानता है, लेकिन वे हमारे लोग हैं। उन्हें हमारे साथ आ जाना चाहिए। हम कश्मीर में ऐसा माहौल बना देंगे कि एक दिन पीओके के लोग भी भारत के साथ खुद-ब-खुद आ जाएंगे।
पीओके के लोगों को संदेश पाकिस्तान के ताबूत में आखिरी कील की तरह है क्योंकि आए दिन पीओके में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। वहां का प्रशासन पाकिस्तान से संभालने से नहीं संभल रहा है। राजनाथ सिंह ने कश्मीर चुनाव का जिक्र कर पाकिस्तान के साथ पूरी दुनिया को सीधा संदेश दिया है। उन्होंने कहा- इस चुनाव पर सिर्फ भारतीयों नहीं, पूरी दुनिया की नजर है। हाल ही में मैं अमेरिका में था। वहां के प्रतिनिधियों ने भी मुझसे जम्मू-कश्मीर चुनाव के बारे में जानना चाहा। यानी उनकी भी नजर है। चुनाव में जम्मू-कश्मीर के लोग अब किस तरह जश्न मनाते हैं, उसका एक नमूना लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। जब यहां अनुच्छेद 370 लगी हुई थी, तो सिर्फ 6 फीसद से 12 फीसद तक वोटिंग होती थी। इसके हटने के बाद लोकसभा चुनाव में 58 फीसद तक वोटिंग हुई। लद्दाख में तो 72 फीसद तक लोगों ने वोट किया। पहली बार यहां के लोगों ने बेखौफ होकर वोट डाला। राजनाथ का यह संदेश इसलिए मायने रखता है क्योंकि पाकस्तिान बार-बार अनुच्छेद 370 का जिक्र कर दुनिया के सामने गाता रहता है कि 370 हटने से कश्मीर के लोग नाराज हैं। अब राजनाथ ने वोटिंग के जरिये उसका जवाब दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा-कश्मीर में शांति के लिए हमने हर संभव कोशिश की। हमारे सांसद हुर्रियत के दरवाजे पर गए, लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। हमने निर्दोष बच्चों पर से मुकदमें वापस लिये। कश्मीर में हालात सुधारने के लिए दिल खोलकर कदम उठाए, लेकिन इन लोगों ने सहयोग नहीं किया क्योंकि कश्मीरी नेता हमेशा आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखते थे।
बता दें कि कुछ वक्त पहले तक एक वर्ग हुर्रियत को अपना लीडर मानता था, लेकिन अब लोग समझ चुके हैं अब न तो उनके बुलाए बंद को समर्थन मिलता है और न ही लोग उनकी रैलियों में जाते हैं। इस मौके पर राजनाथ ने उमर अब्दुल्ला पर भी निशाना साधा। कहा-आज उमर अब्दुल्ला कहते हैं कि अफजल गुरु को फांसी नहीं होनी चाहिए थी।
क्या उसे फूल मालाएं पहनाई जानी चाहिए थीं? कश्मीर की जनता पर राजनाथ सिंह कल इन बातों का असर देखकर ही पाकिस्तान नतमस्तक हो रहा है। (हिफी)