
(मनीषा स्वामी कपूर-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
- संजय जोशी में है अपना मार्ग बनाने की क्षमता
- संगठन क्षमता बेजोड़
- संघर्ष से कभी डरे नहीं, पूरा किया संकल्प
संजय जोशी को भाजपा में महत्वपूर्ण दायित्व देने की जरूरत महसूस की जा रही है। मोदी सरकार के कई कदम जनहितकारी थे लेकिन उनको नकारात्मक रूप से विपक्षियों ने पेश किया। किसान आंदोलन इसी प्रकार की प्रतिक्रिया थी। सरकार की मंशा को ठीक तरीके से देश के किसानों तक प्रेषित नहीं किया जा सका। इसी तरह संशोधित नागरिकता अधिनियम जैसे कदमों पर भी जनता को अच्छी तरह समझाने की जरूरत है। यह कार्य संजय जोशी जैसे नेता सहजता से कर सकते हैं, क्योंकि उनसे आज भी हजारों व्यक्ति प्रतिदिन मिलते हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 6 अप्रैल को अपना 43वां स्थापना दिवस मना रही है। इसी दिन संघ के एक ऐसे समर्पित नेता का भी जन्म हुआ था जो पर्दे के पीछे संघ और भाजपा की सेवा करते रहते हैं। वे हैं हमारे लोकप्रिय नेता संजय जोशी ।नागपुर के रहने वाले संजय जोशी ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर छात्रों को पढ़ाया। संघ के प्रति लगाव विद्यार्थी जीवन से ही था। अर्से तक संजय जोशी की पहचान एक सादा जीवन जीने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवी संघ के कार्यकर्ता के रूप में रही। पूर्णकालिक प्रचारक बनने के लिए नौकरी तो छोड़ी ही घर तक नहीं बसाया। संजय जोशी पहली बार सुर्खियों में तब आये जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 1988 में उनको गुजरात भाजपा इकाई में काम करने के लिए भेजा। उसी समय संघ के कार्यकर्ता नरेन्द्र मोदी भी गुजरात भाजपा इकाई के महत्वपूर्ण हिस्सा बने थे। नरेन्द्र मोदी को गुजरात की भाजपा इकाई का महासचिव नियुक्त किया गया था जबकि संजय जोशी गुजरात भाजपा इकाई के प्रभारी बनाए गये थे। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कुछ समय के लिए उथल-पुथल रहती है, ऐसे हालात संजय जोशी के साथ भी रहे। मौजूदा समय में वह संघ और भाजपा की निष्ठा के साथ सेवा कर रहे हैं। विशेष रूप से रूठे हुए लोगों को संघ और भाजपा से जोड़ना। उनकी संगठन क्षमता बेजोड़ है। गुजरात भाजपा के अध्यक्ष रहे गोवर्द्धन झड़फिया कहा करते थे कि ऐसा कोई कार्यकर्ता नहीं होगा जिसका नाम संजय जोशी को न मालूम हो।
6 अप्रैल 1962 को नागपुर में जन्में संजय जोशी एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, संजय जोशी की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। संजय जोशी अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण संजय जोशी में पर्याप्त विकसित हैं। संजय जोशी संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि संजय जोशी को पता लगे कि कोई निकटतम व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो संजय जोशी तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं। संजय जोशी के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। संजय जोशी के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि वे सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। संजय जोशी वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। उनके अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है।
सबसे बड़ी बात यह है कि संजय जोशी अपनी बात को प्रभावशाली तरीके से सामान्य जनता तक पहुंचाते हैं। मोदी सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए संजय जोशी ने संघ के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया और आज भी यह कार्य कर रहे हैं। संजय जोशी को पता है कि कार्यकर्ताओं से किसी प्रकार बेहतर कार्य कराया जा सकता है। इसका एक कारण यह भी है कि संजय जोशी सभी कार्यकर्ताओं की समस्या को ध्यान से सुनते हैं और उनका समाधान भी करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में संजय जोशी की इसी गुण के कारण पर्याप्त महत्व दिया जाता है। संजय जोशी को भाजपा में महत्वपूर्ण दायित्व देने की जरूरत महसूस की जा रही है। मोदी सरकार के कई कदम जनहितकारी थे लेकिन उनको नकारात्मक रूप से विपक्षियों ने पेश किया। किसान आंदोलन इसी प्रकार की प्रतिक्रिया थी। सरकार की मंशा को ठीक तरीके से देश के किसानों तक प्रेषित नहीं किया जा सका। इसी तरह संशोधित नागरिकता अधिनियम जैसे कदमों पर भी जनता को अच्छी तरह समझाने की जरूरत है। यह कार्य संजय जोशी जैसे नेता सहजता से कर सकते हैं, क्योंकि उनसे आज भी हजारों व्यक्ति प्रतिदिन मिलते है।
संजय जोशी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखते हैं और अपनी उपस्थिति भी दर्ज कराते रहते है।वह साधारण जनमानस की पीड़ा को सुनते ही नहीं बल्कि उसका समाधान भी करते हैं। संजय जोशी के जन्मदिन पर शतायु की प्रार्थना करते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं। (हिफी)