मिल्कीपुर में कड़ा मुकाबला

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
उत्तर प्रदेश मंे अयोध्या से लगी मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर 5 फरवरी को उपचुनाव होना है। इस सीट को कब्जे मंे करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा ने जहां मजबूत घेरेबंदी की है, वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी इस उपचुनाव की प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। सपा सांसद डिंपल यादव ने बीते दिनों रोड शो किया। सांसद अवधेश प्रसाद के साथ सपा के कई वरिष्ठ नेता मतदाताओं को हर प्रकार से रिझाने में जुटे हैं। योगी सरकार के सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर कहते हैं यहां तो सपा प्रत्याशी की जमानत ही जब्त हो जाएगी, जबकि सपा के मुखिया अखिलेश यादव कहते हैं उनके प्रत्याशी की ही जीत होगी। इस बीच प्रयागराज में महाकुंभ के चलते अयोध्मंे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भी चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकती है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार सपा और भाजपा मंे सीधी टक्कर है। भाजपा की तरफ से योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव की कमान स्वयं ही संभाल रखी है। हालांकि मतदान से 2 दिन पहले 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर महाकुंभ अमृत स्नान की व्यवस्था भी मुख्यमंत्री देख रहे थे। यहां पर ब्राह्मण मतदाता निर्णायक माना जा रहा है। इनकी संख्या 63 हजार है। यह सुरक्षित सीट है।
सपा और भाजपा के लिए मिल्कीपुर का उपचुनाव नाक का सवाल बन चुका है. सभा के वरिष्ठ नेताओं ने जहां मिल्कीपुर में चुनाव प्रचार को अंतिम रूप दिया है, तो वहीं भारतीय जनता पार्टी भी मिल्कीपुर में डेरा डालकर अपनी हार का बदला लेने की तैयारी कर रही है. ऐसे में मिल्कीपुर में सपा और भाजपा में कांटे की टक्कर है. समाजवादी पार्टी अपनी इस सीट को बचाने की कोशिश में जुटी है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी इस सीट को जीतकर अयोध्या में लोकसभा चुनाव की हार का बदला लेने की कोशिश करती दिख रही है. इसको देखते हुए यह चुनाव काफी अहम हो गया है. सपा को मिल्कीपुर में हराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कमान संभाल ली है. मिल्कीपुर उपचुनाव की
तपिश बढ़ाने के लिए हाल ही में यहां सांसद डिंपल यादव का रोड शो भी हुआ।
डिंपल यादव के रोड शो के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर में जनसभा को संबोधित किया और अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा. सीएम योगी ने अखिलेश यादव के ट्वीट को लेकर उन्हें कड़ी फटकार लगाई और कहा कि समाजवादी पार्टी कभी नहीं सुधर सकती. उन्होंने कहा, “कहावत है कुत्ते की पूंछ कभी सीधी नहीं होती।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव पर तीखे हमले किए. उन्होंने मैनपुरी की दलित बेटी के साथ हुई नृशंस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता ने यह दरिंदगी की थी. उन्होंने अयोध्या में हुई हालिया घटना का भी जिक्र किया और कहा कि जांच में भी समाजवादी पार्टी का ही कोई दरिंदा निकलेगा. योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के पिछले दो महीनों के ट्वीट्स का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने महाकुंभ के खिलाफ बयान दिए हैं. उन्होंने बताया कि अब तक महाकुंभ में 34 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं और 74 देशों के राजनेता भी इसमें शामिल हुए हैं. योगी ने कहा कि जब पूरा विश्व इस आयोजन से अभिभूत हो रहा है, तब समाजवादी पार्टी को इससे पीड़ा हो रही है. अयोध्या के विकास की चर्चा करते हुए योगी ने कहा कि 2016 में केवल 2,33,000 श्रद्धालु आए थे, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 16 करोड़ 11 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को सैफई के अलावा कुछ नहीं दिखता और सत्ता में आने पर वे केवल अपने परिवार के लिए काम करते हैं। मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या के चौमुखी विकास की बात करते हुए कहा कि आज अयोध्या विश्व की पहली सोलर सिटी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते अयोध्या में चौड़ीकरण और अन्य आवश्यक विकास कार्य नहीं हुए होते, तो आज अयोध्या इस तरह से श्रद्धालुओं को समाहित नहीं कर पाती।
अयोध्या में चुनाव प्रचार कर रहे उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने बताया कि मिल्कीपुर में भाजपा के साथ सभी मतदाता हैं। समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर उपचुनाव को टालने की कोशिश की थी, नहीं तो यह चुनाव पहले ही हो गया होता। मिल्कीपुर में समाजवादी पार्टी की जमानत जब्त होगी। बीते दिनों मिल्कीपुर में सांसद डिंपल यादव के रोड शो पर हुए बवाल पर सहकारिता मंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी अराजकता ही फैलाती है। यहां सारा दारोमदार जातीय गणित का है, जो इस सियासी लड़ाई में गेमचेंजर साबित होगी।
अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के आंकड़ों की बात करें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 58 हजार है। ऐसा माना जाता है कि इसमें सबसे अधिक अनुसूचित जाति और फिर दूसरे नंबर पर पिछड़े वर्ग के वोटर हैं। यहां अनुसूचित जाति वर्ग में पासी समाज और ओबीसी में यादव सबसे प्रभावी हैं। ओबीसी और दलित वोटबैंक के साथ ही मुस्लिम भी प्रभावी भूमिका में हैं। समाजवादी पार्टी को फौरी तौर पर इसी पीडीए समीकरण का लाभ मिलता है और इस बार के चुनाव में भी मेन फोकस इन्हीं समुदाय पर रहेगा। यहां सवा लाख दलित हैं, जिनमें पासी बिरादरी के वोट ही करीब 55 हजार हैं। इसके अलावा 30 हजार मुस्लिम और 55 हजार यादवों की तादाद है।इसके साथ ही मिल्कीपुर में सवर्ण बिरादरी में ब्राह्मण समाज के 60 हजार मतदाता हैं। क्षत्रियों और वैश्य समुदाय की तादाद क्रमशः 25 हजार और 20 हजार है। अन्य जातियों में कोरी 20 हजार, चौरसिया 18 हजार हैं। साथ ही पाल और मौर्य बिरादरी भी अहम हैं।सपा ने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को इस सीट से पहले ही प्रत्याशी घोषित कर रखा है। वहीं कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा है कि वह यूपी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी का समर्थन करेंगे यानि मिल्कीपुर सीट पर कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को प्रत्याशी बनाया है।
यों तो भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा है। सपा के बागी व आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सूरज चौधरी व कांग्रेस के बागी भोलानाथ भारती इसे बहुकोणीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव में दलित व ब्राह्मण वोट निर्णायक भूमिका में हैं जो दल इन दोनों जातियों को साधने में सफल रहेगा उसके सिर जीत का सेहरा बंधेगा। इसी वजह से दोनों दलों के क्षत्रपों ने पूरे इलाके को मथ दिया है। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद फैजाबाद संसदीय सीट पर भाजपा की हार की वजह से यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण हो गया है। (हिफी)