साउथ कोरिया के राष्ट्रपति को पद से हटाने का आदेश

साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लगाने वाले राष्ट्रपति यून सुक येओल को बड़ा झटका लगा है। दक्षिण कोरिया की संवैधानिक कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने महाभियोग की कार्रवाई का सामना करने वाले राष्ट्रपति यून सुक येओल को पद से हटाने का फैसला सुनाया है। येओल ने चार महीने पहले मार्शल लॉ का ऐलान कर दिया था जिसके बाद देश में सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ था। संवैधानिक कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति यून की मार्शल लॉ की घोषणा ने देश के संविधान का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने कहा, ष्यून ने ना केवल मार्शल लॉ की घोषणा की, बल्कि संविधान और कानून का उल्लंघन करने वाले कार्यों को भी अंजाम दिया, जिसमें नेशनल असेंबली के अपने अधिकार के प्रयोग में बाधा डालने के लिए सैन्य और पुलिस बलों को जुटाना भी शामिल था।ष्कोर्ट का फैसला आने के बाद यून ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें जनता की उम्मीदों पर खरा ना उतर पाने का मलाल हगै। यून ने कहा कि वह देश और उसके लोगों के लिए प्रार्थना करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कोरिया गणराज्य के लिए काम करना उनके लिए बेहद सम्मान की बात रही है। दक्षिण कोरिया में यून सुक येओल का विरोध किस कदर हो रहा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोर्ट का फैसला आने के बाद पुराने शाही महल के पास यून के विरोध में रैली कर रहे लोग खुशी से नाचने लगे।
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, अब दक्षिण कोरिया को नया राष्ट्रपति चुनने के लिए दो महीने के भीतर चुनाव कराना होगा। जिस तरह के सर्वे सामने आए हैं उससे इस बात की संभावना बढ़ गई है कि मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्यांग अगले राष्ट्रपति बन सकते हैं।