पाकिस्तान अब चीन को छोड़ अमेरिका की गोद में

पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर के बाद अब वहां की वायुसेना के प्रमुख जहीर अहमद बाबर सिद्दू भी अमेरिका की दर पर हाजिरी लगाने पहुंचे हैं। ये दौरा न सिर्फ पाक-अमेरिका रक्षा रिश्तों की गर्माहट का संकेत है, बल्कि साउथ एशिया में नए कूटनीतिक समीकरणों के उभरने की ओर भी इशारा करता है। पिछले एक दशक में यह पहली बार है जब एक मौजूदा पाकिस्तान एयरफोर्स चीफ अमेरिका दौरे पर गए हैं। पाकिस्तानी वायुसेना ने इस दौरे को ‘रणनीतिक मील का पत्थर’ बताया है और कहा है कि इससे न सिर्फ क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर संवाद होगा बल्कि दोनों देशों के रक्षा संस्थानों के बीच सहयोग भी मजबूत होगा। इस दौरे पर भारत की भी निगाह है।
पाकिस्तान एयर फोर्स के अनुसार, एयर चीफ सिद्दू ने पेंटागन में अमेरिका के एयर फोर्स चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डेविड ऑल्विन और इंटरनेशनल अफेयर्स की सेक्रेटरी केली एल। सेयबोल्ट से मुलाकात की। चर्चा के दौरान दोनों देशों के बीच संयुक्त प्रशिक्षण, तकनीकी साझेदारी और सैन्य सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। हाल के समय में पाकिस्तान चीन के हथियारों की विश्वसनीयता को लेकर आशंकित रहा है, खासतौर पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना से मिली कड़ी टक्कर के बाद। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान अब अमेरिका से एफ-16 ब्लॉक 70 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान, हिमार्स (एचआईएमएआरएस) तोप प्रणाली और एयर डिफेंस टेक्नोलॉजी खरीदने की योजना बना रहा है। पहले खबर थी की पाकिस्तान चीन से पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान खरीदेगा लेकिन हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने
इससे इनकार कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी हथियारों की खराब परफॉर्मेंस को लेकर जब चीन के रक्षा मंत्रालय से सवाल किया गया तो उसने सीधे जवाब देने से इनकार कर दिया। भारत ने चीन की पीएल-15ई मिसाइल भी इस संघर्ष में बरामद की है, जो चीन की हवा से हवा में मार
करने वाली मिसाइल है। पाकिस्तान अब एक बार फिर अमेरिका की ओर हाथ बढ़ा रहा है।