कांगो व रवांडा में भी शांति समझौता

ईरान और इजरायल में सीजफायर कराने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह जल्द ही कांगो और रवांडा के बीच भी शांति समझौता कराएंगे। अब अमेरिका को इसमें सफलता मिल गई है। अफ्रीकी महाद्वीप के दो पड़ोसी देश, कांगो गणराज्य और रवांडा ने 27 जून को अमेरिका की मध्यस्थता में एक ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया है। यह समझौता पूर्वी कांगो में दशकों से चल रही हिंसा को समाप्त करने और इस खनिज संपन्न क्षेत्र में अमेरिकी सरकार और कंपनियों की पहुंच को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस ऐतिहासिक मौके पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘व्हाइट हाउस’ में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की और कहा, “आज हिंसा और विनाश के एक लंबे अध्याय का अंत हो गया है। अब यह पूरा क्षेत्र आशा, अवसर, सद्भाव, समृद्धि और शांति का एक नया अध्याय शुरू करने जा रहा है।” यह समझौता अमेरिकी विदेश मंत्रालय के संधि कक्ष में संपन्न हुआ, जहां कांगो की विदेश मंत्री थेरेसे काइकवाम्बा वैगनर और रवांडा के विदेश मंत्री ओलिवियर नदुहुंगिरेहे ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस समझौते को ष्तीस वर्षों से चले आ रहे संघर्ष के बाद एक निर्णायक क्षणष् बताया। क्यों दोनों देशों के बीच करीब 35 वर्षों से संघर्ष चल रहा था।
कांगो मध्य अफ्रीका का एक विशाल देश है। पिछले कई दशकों से 100 से अधिक सशस्त्र समूहों की हिंसा से त्रस्त रहा है। इनमें से कई शक्तिशाली गुटों को रवांडा का समर्थन प्राप्त है। इस क्षेत्र में 1990 के दशक से लेकर अब तक लाखों लोगों की जानें जा चुकी हैं और लाखों विस्थापित हुए हैं। हालांकि यह समझौता एक आशाजनक कदम माना जा रहा है, लेकिन कई विश्लेषकों का मानना है कि यह पूरी तरह से संघर्ष को समाप्त नहीं करेगा।