सार्थक हुआ पुलिस स्मृति दिवस

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
हम वर्ष भरा कोई न कोई दिवस मनाते रहते हैं। इनमंे से बहुत तो तभी याद आते हैं जब कोई उनका जिक्र करता है। इसके विपरीत कुछ ऐसे दिवस भी हैं जो हमें अपने कर्तव्य की याद दिलाते हैं। इनमंे पुलिस स्मृति दिवस भी शामिल हैं। यह दिन शहीद पुलिस कर्मियों की याद मंे मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस पर कुछ ऐसी घोषणा की है जिससे यह दिवस सार्थक हो गया है। शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों को सरकार की तरफ से मिलने वाली अनुग्रह राशि को लेकर कुछ शिकायतें आ रही थीं। दरअसल, इस प्रक्रिया में कुछ खामियां थीं जिसके चलते शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों को अनुग्रह राशि मिलने मंे अड़चन आ जाती थी। अब इन खामियों को दुरुस्त करने के लिए शासनादेश जारी हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कर्मियों के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि उसकी भरपाई तो कोई नहीं कर सकता है लेकिन उनके सामने कम से कम आर्थिक संकट न आए, इसका प्रबंध सरकार कर रही है। हालांकि इतना भर पर्याप्त नहीं है। शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों को पूरा समाज अपना परिवार समझे, तभी उनकी शहादत को सम्मान मिलेगा। योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के साहसी पुलिसकर्मियों के सहयोग से किये गये कुछ कार्य भी याद दिलाये।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना एक और वादा पूरा कर दिया है। 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी शहीद पुलिसकर्मियों को मिलने वाली अनुग्रह राशि देने में जो खामियां हैं उसे जल्द ही दुरुस्त किया जाएगा। अब अनुग्रह राशि को लेकर जो खामियां थी उसे ठीक करते हुए नया शासनादेश जारी कर दिया है। इसके तहत अब शहीद अविवाहित पुलिसकर्मियों के माता-पिता को अनुग्रह राशि के तौर पर 50 लाख रुपए मिलेगा। महिला पुलिसकर्मी के शहीद होने पर उसके पति या अन्य कानूनी वारिश को अनुग्रह राशि भी दी जा सकेगी।
दरअसल, अब तक जो व्यवस्था थी उसके तहत किसी भी पुलिस अफसर या पुलिसकर्मी के शहीद होने पर सरकार के द्वारा पत्नी और माता-पिता के जीवित न रहने पर अन्य आश्रितों को अनुग्रह राशि पूरी नहीं मिल पाती थी। इसी तरह विवाहित महिला पुलिसकर्मी की मृत्यु पर उसके पति को वारिस नहीं माना जाता था। शहीद के माता-पिता को भी पूरी अनुग्रह राशि नहीं मिल रही थी। अब शासनादेश के तहत इन खामियों को दूर किया गया है। नए शासनादेश में अब पत्नी की जगह जीवनसाथी शब्द का प्रयोग किया गया है। इस व्यवस्था से पति को भी समान लाभ मिलेगा। इसके अलावा शासनादेश में यह भी संशोधन किया गया है कि संबंधित कर्मचारी की मृत्यु पर जो भी अनुमन्य राशि है उसके कानूनन वारिस को मिल सकेगी। बता दें कि ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में मृत्यु पर 25 लाख तो वहीं जोखिम भरे कार्य के लिए शहीद होने पर 50 लाख की अनुग्रह राशि दी जाती है। माता-पिता जीवित नहीं तो पूरी राशि पत्नी को मिलेगी, पत्नी जीवित न होने पर पूरी राशि माता-पिता को मिलेगी। पत्नी और माता-पिता के जीवित न होने की स्थिति में पूरी राशि कानूनी उत्तराधिकारी को दी जाएगी। महिला पुलिसकर्मी के पति को और पति जीवित न होने पर वारिस को राशि दी जाएगी। अविवाहित पुलिसकर्मी के माता-पिता को पूरी राशि मिलेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर वर्दी भत्ते में 70 प्रतिशत की वृद्धि, बैरक में रहने वाले आरक्षियों के पुलिस अकोमोडेशन अलाउंस में 25 प्रतिशत की वृद्धि और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेलकूद में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, आहार समेत अन्य मदों के लिए अगले वित्तीय वर्ष के बजट में 10 करोड़ रुपये बढ़ाने की घोषणा की। इन घोषणाओं पर प्रदेश सरकार 115 करोड़ रुपये का खर्च वहन करेगी।सीएम योगी ने बहु मंजिला आवास और प्रशासनिक भवन के रखरखाव के लिए 1,380 करोड़ रुपए के कॉरपस फंड की घोषणा की। वहीं अंतरराष्ट्रीय आयोजन में पुलिस बल पर आने वाले खर्च पर प्रस्तावित शुल्क लगाने की स्वीकृति की, जो पुलिस महानिदेशक के अधीन रहेगा। साथ ही इसका सम्मान प्रस्तावित कॉरपस नियमावली के तहत किया जाएगा। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए दिवगंत शहीद पुलिस कर्मियों को याद किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में दो शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को सम्मानित भी किया। हर साल 21 अक्तूबर को प्रदेश में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की याद में पुलिस स्मृति दिवस का आयोजन किया जाता है। इस साल दो पुलिस कर्मी रोहित कुमार व सचिन राठी को श्रद्धाजंलि अर्पित की गई।
आठ जून 2024 को फतेहगढ़ जिले के नवाबगंज थाने में तैनात सिपाही रोहित कुमार साथी पुलिसकर्मियों के साथ अवैध खनन की सूचना पर दबिश देने गए थे। अवैध खनन में लगे ट्रैक्टर ट्राली को एक बाइकसवार रास्ता बता रहा था। रोहित ने बाइक सवार का पीछा किया। इस दौरान आरोपियों ने रोहित की बाइक में टक्कर मार दी थी। इससे रोहित ट्रैक्टर ट्राली की चपेट में आ गए थे। इस घटना में रोहित की मौत हो गई थी। वहीं, 25 दिसंबर 2023 को कन्नौज जिले के छिबरामऊ थाने में तैनात सिपाही सचिन राठी पुलिस टीम के साथ तस्करों के यहां दबिश देने गए थे। इस दौरान तस्करों की फायरिंग में सचिन को गोली लगी थी। सचिन की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कर्तव्यों का पालन करते हुए शहीद पुलिस कर्मी, केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों तथा भारतीय सेवा में कार्यरत उत्तर प्रदेश के 115 शहीद कार्मिकों के आश्रितों को 36 करोड़ 20 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है। वहीं जिलों में तैनात पुलिस कर्मियों की सुख सुविधा के लिए 3 करोड़ 50 लाख, कल्याण के लिए 4 करोड़, कार्यरत, सेवानिवृत पुलिसकर्मी एवं उनके आश्रितों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति संबंधी 2,66 दावों के निस्तारण के लिए 30 लाख 56,000 रुपए की राशि दी गयी। इसी तरह पांच लाख से अधिक चिकित्सा प्रतिपूर्ति संबंधी 3,12 प्रकरण के लिए 12 करोड़ 60 लाख, 135 पुलिस कर्मियों और उनके आश्रितों की गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए अग्रिम ऋण के रूप में 5 करोड़ 5 लाख, जीवन बीमा योजना के तहत 3,06 मृतक पुलिस कार्मिकों के आश्रितों की सहायता के लिए 9 करोड़ 8 लाख रुपए, पुलिस कर्मियों और उनके आश्रितों द्वारा कराए गए कैशलेस उपचार के तहत 31 लाख 16 हजार रुपए, पुलिस कार्मिकों के 205 मेधावी छात्रों को शिक्षा निधि के माध्यम से 53 लाख 30,000 रुपये की छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया। शहीद दिवस पर एक हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को अति उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित भी किया गया। (हिफी)