लेखक की कलम

बिहार में शराब बंदी पर सियासत

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
शराब का सेवन किसी भी दृष्टि से अच्छा नहीं है लेकिन इसपर रोक लगाना उतना ही कठिन है । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के राज्य गुजरात में पूरी तरह से शराब पर प्रतिबंध है लेकिन अबैध रूप से बनी दारू पीने से मरने की दुखद खबरें आए दिन पढ़ने को मिलती रहती हैं। इसी तरह एक दशक पहले नीतीश कुमार ने बिहार में शराब बंदी लागू की थी लेकिन तब से अब तक हजारों लोग अवैध रूप से बनी शराब पीकर अपनी जान गवां चुके हैं। शराब के धंधे में लिप्त कितने ही गरीब जेल में बंद हैं । हालांकि एक विधायक भी चपेट में आ चुके हैं। आरोप है कि वे दोस्तों के साथ जुआ खेल रहे थे । छापा पड़ गया तो शराब की बोतलें भी मिलीं। ऐसी शराब बंदी पर सवाल उठना स्वाभाविक है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने जिन्होंने जन सुराज के नाम से अब राजनीतिक पार्टी भी बना ली है बिहार में शराबबंदी को अनुचित बताया। स्वाभाविक है इसका विरोध दूसरे राजनीतिक दल करेंगे। नीतीश कुमार की सरकार के अंदर से विरोध हो रहा है। हालांकि बिहार में एनडीए की सरकार है और उसी के एक घटक हिंदुस्तान अवाम मोर्चा हम के नेता जीतनराम मांझी भी शराब बंदी के समर्थन में नहीं हैं ।जमुई जिले में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बिहार के थानों में दारोगा, एसपी, जज, कलेक्टर शराब पी रहे लेकिन उसे कोई गिरफ्तार नहीं कर रहा है। उनका आरोप है कि शराब बंदी की आड में गरीबों को ही परेशान किया जा रहा है। इसी मुद्दे को प्रशांत किशोर ने भी उठाया है । उन्होंने गत 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती को जन सुराज पार्टी की लॉन्चिंग की। इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी सरकार बनते ही वह एक घंटे के अंदर शराबबंदी खत्म कर देंगे। इसी के बाद शराब बंदी पर एक बार फिर सियासत तेज हो गयी है।
बिहार की परिवहन मंत्री शीला मंडल ने प्रशांत किशोर पर शराबबंदी के मुद्दे पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर शराबबंदी के फायदों से अनजान हैं और इसके हटाने की बात करके अपनी असली मानसिकता दिखाई है। मंत्री ने दावा किया कि शराबबंदी से समाज में अमन-चैन बना हुआ है। प्रशांत किशोर ने हाल ही में शराबबंदी हटाने की बात कही थी। परिवहन मंत्री शीला मंडल ने 3 अक्टूबर को कहा था कि गांधी जयंती के दिन शराबबंदी हटाने की बात कर प्रशांत किशोर ने अपनी असली मानसिकता को उजागर किया है। जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित जन सुनवाई कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के क्रम में उन्होंने यह बात कही। परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रशांत किशोर को इस बात की जानकारी नहीं है कि शराबबंदी से कितने घरों में खुशियां लौटी है। ध्यान रहे कि बिहार में सरकार के ही एक घटक के नेता केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में शराबबंदी कानून पर सवाल उठाया है। जमुई जिले में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बिहार के थानों में दारोगा, एसपी, जज, कलेक्टर शराब पी रहे लेकिन उसे कोई गिरफ्तार नहीं कर रहा है। मेहनत मजदूरी करने वाले मजदूर को पाव भर शराब पीने पर गिरफ्तार कर उसे जेल भेजा जा रहा है। साथ ही कहा कि बड़े शराब तस्कर की गिरफ्तारी नहीं की जा रही। छोटे पीने वाले को ही गिरफ्तार किया जा रहा है। हालांकि पटना में भाजपा नेता और नीतीश कैबिनेट में मंत्री जनक राम ने शराबबंदी नीति का समर्थन करते हुए इसे दलित समाज के लिए फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से दलित परिवारों को आर्थिक और सामाजिक लाभ हुआ है लेकिन दो केंद्रीय मंत्रियों के इस मामले में सुर पूरी तरह से अलग हैं। शराबबंदी नीति को ले कर सवालों के घेरे में आई दलित राजनीति पर भाजपा की गुगली आ ही गई। यह गुगली भाजपा के दलित नेता और नीतीश कैबिनेट के मंत्री जनक राम ने फेंकी। बड़ी साफगोई से जनक राम ने अपने सहयोगी दल के विरोध को सूचनात्मक बताते हुए अपरोक्ष रूप से इसका सारा दोष राजद की तरफ मोड़ दिया। आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रख कर भाजपा नेतृत्व ने बड़े सलीके से लोजपा(आर) और हम पार्टी के विरोध को सूचनात्मक बताते इसे शराबबंदी की राह में सुझाव बताया।
बिहार में चुनाव की तैयारी चल रही है । जदयू प्रदेश कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में बीते दिनों जदयू की राज्य कार्यकारिणी, प्रदेश पदाधिकारी, विधायकों व विधान पार्षदों की बैठक में मिशन 2025 यानी अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को ले यह संकल्प लिया गया कि पुनरू नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी। यह दावा भी किया गया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को आने वाले विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल होगी। विधानसभा चुनाव को ले विभिन्न स्तरों पर प्रभावकारी रणनीति और कार्यक्रम बनाने को लेकर नीतीश कुमार के नेतृत्व का समर्थन किया गया। प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी को लेकर भी मंथन हुआ।
इसी के साथ बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के हमले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तेज हो गए हैं। राज्य के लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठाने के बाद अब तेजस्वी यादव नीतीश के खासमखास अधिकारियों को लेकर हमलावर हैं। जदयू सांसद का वीडियो शेयर कर नीतीश कुमार पर हमला बोलने के बाद अब तेजस्वी यादव ने पूर्व भाजपा सांसद का एक वीडियो शेयर किया है। तेजस्वी यादव ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स (ट्विटर) पर वाल्मीकिनगर से जदयू सांसद सुनील कुमार का 8 सेकेंड का एक वीडियो शेयर किया है।वीडियो में जदयू सांसद किसी अधिकारी से बात करते दिखाई दे रहे हैं। वह फोन पर अधिकारी से कह रहे हैं कि, ष्आपको सुबह से कॉल लगा रहा हूं, लेकिन आपसे बात नहीं हो पा रही है…। क्या मजाक बनाकर रखे हैं…। सरकार की बदनामी न होती है इससे…।
उधर प्रशांत किशोर ने भी 2 अक्टूबर को जन सुराज पार्टी की लॉन्चिंग कर दी है। इस दौरान प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार बनते ही वह एक घंटे के अंदर शराबबंदी खत्म कर देंगे। प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद से उनके विरोधी उनपर हमलावर हो गए हैं। विरोधियों ने सवाल उठाया कि गांधी जी के आदर्शों पर चलने की बात कहने वाला प्रशांत किशोर गांधी जयंती के दिन ही शराबबंदी खत्म करने की बात कह रहे हैं। इस दौरान प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि शराबबंदी खत्म करने के बाद उससे जो पैसा टैक्स के रूप में आएगा उस राशि को बीस साल तक बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर खर्च किया जाएगा और बिहार की शिक्षा व्यवस्था ऐसी बनाई जाएगी जिसे देश और दुनिया देखेगी और बिहार का पुराना गौरव भी लौटेगा। प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद एनडीए ने जोरदार हमला बोला है। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता ने प्रशांत किशोर पर गांधी के आदर्शों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर के शराब बंदी पर दिए बयान पर कहा कि गांधी की तस्वीर लगा कर राजनीति शुरू करने वाले गांधी के विचारों के विरुद्ध हैं । उन्होंने कहा शराब और नशीले पदार्थ उन लोगों के नैतिक स्वास्थ्य को नष्ट कर देते हैं जो शराबी पति हैं। केवल वे महिलाएं ही जानती हैं कि शराब पीने से उन घरों में क्या बुराइयाँ पैदा होती हैं जो कभी व्यवस्थित और शांतिप्रिय थे। गांधी जी कहते थे, शराब शैतान की खोज है। शराब पीने वालों से न केवल पैसे छीनती है, बल्कि उनकी बुद्धि भी छीन लेती है। वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा कहते हैं कि प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया कि गांधी जी के विचारों की चर्चा कर गांधी जयंती के दिन पार्टी बनाने की घोषणा महज नौटंकी थी। (हिफी)

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