लेखक की कलमसम-सामयिक

बिहार की पोस्टर पाॅलिटिक्स

 

बिहार विधानसभा मंे जातिगत सर्वे रिपोर्ट पेश की गयी है। जाति जनगणना को लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उंगली उठाई थी। उन्हांेने कहा था कि इसमें मुसलमानों और यादवों की संख्या बढ़ाकर बतायी गयी है। राज्य के उपमुख्मयंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने गृहमंत्री को इसका जवाब दिया कि अगर केन्द्र सरकार को जनगणना रिपोर्ट पर विश्वास नहीं है तो राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना करा ले। इस तरह का विवाद चल ही रहा था, इसी बीच पटना मंे एक पोस्टर ने बहस की दिशा बदल दी है। इस पोस्टर में तेजस्वी यादव को भावी मुख्यमंत्री घोषित किया गया है। पोस्टर मंे लालू यादव का मुस्कुराता हुआ चेहरा भी है। पटना में पोस्टर पाॅलिटिक्स काफी चर्चित रही है। लगभग एक दशक पूर्व नीतीश कुमार और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक साथ फोटो लगा पोस्टर विभाजन का कारण बन गया था। राज्य में कुछ महीनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर जिस तरह की कानाफूसी चल रही है, उससे इस बात की आशंका हो रही है कि क्या वहां के राजनीतिक समीकरण फिर बदलने वाले हैं? भाजपा ने भी नीतीश कुमार की आलोचना करना स्थगित कर रखा है और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर पहले ही कह चुके हैं कि नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के लिए अगर दरवाजा खोल रखा है तो भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की तरफ उनकी खिड़की भी खुली है। इस बीच राज्य कितना पिछड़ गया है, यह जनगणना रिपोर्ट खुद बताती है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के जन्मदिन से पहले कार्यकर्ताओं ने पटना में उनके समर्थन में पोस्टर लगाए हैं। पोस्टर में तेजस्वी यादव को भावी मुख्यमंत्री बताया गया है। पोस्टर ऐसे समय लगाए गए हैं जब बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार कथित तौर पर इंडिया ब्लॉक से खुश नहीं हैं, जिसका गठन 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने के लिए किया गया था। गौरतलब है कि इससे पहले नीतीश कुमार ने कहा था कि कांग्रेस पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में व्यस्त है और इंडिया गठबंधन को आगे ले जाने के लिए बहुत उत्सुक नहीं दिख रही है। पटना में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की भाजपा हटाओ, देश बचाओ रैली को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि हां, हमने गठबंधन बनाया है लेकिन इसे मजबूत करने का काम अभी सक्रिय रूप से नहीं हो रहा है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी इसमें व्यस्त है। हम सभी कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने और इसे आगे ले जाने में मदद करने के लिए मिलकर काम कर रहे थे, लेकिन वे उतने उत्सुक नहीं दिख रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया था यह गठबंधन देश के लिए लड़ाई को जारी रखेगा। पांच राज्यों में चुनाव खत्म होने के बाद गठबंधन की बैठकें फिर से शुरू होंगी। इससे पहले, रिपोर्टों में दावा किया गया था कि जेडीयू नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश कर सकती है। हालांकि, नीतीश कुमार ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा था कि पीएम चेहरा बनने की उनकी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। इंडिया गठबंधन ने अभी तक अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।

उधर, जातिगत जनगणना के आंकड़ों को लेकर बीजेपी और आरजेडी के बीच आरोप प्रत्यारोप देखने को मिल रहा है। बीजेपी नेता और गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार में एक सभा को संबोधित करते हुए नीतीश सरकार के जातिगत आंकड़ों पर सवाल खड़ा किया और उन्होंने कहा कि मुस्लिमों और यादवों की आबादी को बढ़ाकर दिखाया गया है। अमित शाह के बयान पर अब उपमुख्यमत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने पलटवार किया। तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर बिहार के जातीय सर्वे के आंकड़े गलत है तो केंद्र सरकार पूरे देश और सभी राज्यों में जातीय गणना करा अपने आंकड़े जारी क्यों नहीं करती? तेजस्वी यादव ने कहा केंद्र सरकार में कितने कैबिनेट मंत्री है और कितने गैर ? सूची जारी करें। खानापूर्ति के लिए इक्का-दुक्का मंत्री है भी तो उन्हें गैर-महत्त्वपूर्ण विभाग क्यों दिया हुआ है? ओबीसी के कितने मुख्यमंत्री है? पिछड़ा और गैर-पिछड़ा मुख्यमंत्री का तुलनात्मक प्रतिशत बताएँ? तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा कि भाजपा के बिहार से केंद्र में कितने पिछड़ा और अतिपिछड़ा कैबिनेट मंत्री हैं? जवाब जीरो है?जवाब देंगे, तो आपके साथ-साथ हिंदुओं की, पिछड़ा और दलित आबादी की भी आंखें खुल जाएंगी।

बिहार की जातीय गणना और सामाजिक आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया गया। बिहार में पुरुष की साक्षरता 17 फीसद है और महिला की साक्षरता 22 प्रतिशत। बिहार सरकार ने विधानसभा में कहा कि बिहार के जाति आधारित सर्वेक्षण के मुताबिक, राज्य के 34.1 फीसदी परिवार गरीब हैं, जिनकी मासिक आय 6000 रुपये से कम है। वहीं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 42 प्रतिशत परिवार गरीबों श्रेणी में हैं। आंकड़ों के मुताबिक, पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के 33 फीसदी से ज्यादा परिवारों को भी गरीब की श्रेणी में रखा गया है। इससे पता चलता है कि बिहार मंे शिक्षा का स्तर नीचे है।

जातीय गणना और सामाजिक आर्थिक सर्वे बिहार विधानसभा में पेश होने पर विपक्ष के नेताओं ने कुछ आपत्ति जताई, तो इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा गया है। अभी इसके बारे में हमारे मंत्री संक्षेप में बताएंगे। इसके बाद हर दल के नेता को इस पर अपनी राय रखने का मौका मिलेगा। ये जातीय गणना सभी की रजामंदी से हुआ है। बता दें कि बिहार की जातीय गणना और सामाजिक आर्थिक सर्वे को लेकर इस समय जमकर बयानबाजी हो रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार की नीतिश सरकार पर हमला बोलते हुए उस पर तुष्टिकरण की राजनीति के तहत राज्य के जाति सर्वेक्षण में जानबूझकर मुस्लिमों और यादवों की आबादी को बढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाया था। उन्होंने मुजफ्फरपुर जिले के पताही में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, इंडिया गठबंधन वालों ने बिहार की जनता को गुमराह करने के लिए खुद के पिछड़ा समाज का हितैषी होने की बात की थी।

बिहार की राजनीति में इन दिनों इंडिया एलायंस के बीच तकरार भी देखने को मिल रही है। विपक्षी गठबंधन में शामिल मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को लेकर बयानबाजी जोरों पर हो रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इंडिया गठबंधन में कोई काम नहीं होने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया था। उब इस पर बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने करारा जवाब दिया है। पटना में पत्रकारों से चर्चा के दौरान जब उनसे नीतीश के बयान के संबंध में पूछा गया तब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि कल-परसों में ही मोदी जी हट जाएं। ऐसा थोड़े होता है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ दिन पहले भाकपा की एक रैली में इंडिया गठबंधन में कुछ काम नहीं होने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए कहा था कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी को अब इसकी चिंता नहीं है। वह पांच राज्यों के चुनाव में लगी है। नीतीश ने कहा था, ऐसा लगता है कांग्रेस पार्टी को अब इसकी कोई चिंता नहीं है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button