गरीबी मुक्त उत्तर प्रदेश अभियान

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
बीते दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को अगले एक साल में गरीबी मुक्त बनाने का नया संकल्प लिया है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को ही शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा भी शुरू हो गयी थी। हालाँकि उदया तिथि के विचार से शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर वृहस्पतिवार को प्रारंभ हुई और उसी दिन आदिशक्ति की उपासना के लिए कलश स्थापित किए गये फिर भी 2 अक्टूबर को दुर्गा माता की शक्ति का कुछ प्रभाव तो आ ही गया था। ऐसे शुभ मुहूर्त में योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को एक साल में गरीबी मुक्त प्रदेश बनाने का संकल्प लिया है तो आदिशक्ति का आशीर्वाद उसे पूर्णता भी प्रदान करेगा । इसके साथ यह भी कहा गया है कि भगवान उसी की मदद करता है जो अपनी सहायता खुद करता है। इसलिए योगी आदित्यनाथ सरकार के इस संकल्प को पूरा करने में सरकारी अमले के साथ हमारी आपकी भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
उत्तर प्रदेश में रोजगार का ग्राफ बढ़ाने और इंफ्रास्टक्चर को मजबूत कर इकोनॉमी को आगे ले जाने का प्रयास लगातार सीएम योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। इसके अलावा अब योगी सरकार एक बड़ी शुरुआत कर प्रदेश के गरीबों के स्तर को ऊपर उठाने का काम करने जा रही है। जीरो पॉवर्टी अभियान के अंतर्गत प्रदेश के जिलों में गरीब परिवारों का डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक ग्राम सभा से 25 परिवार चिह्नित किये जाएंगे। दरअसल गरीब परिवारों के उत्थान के इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ‘अंत्योदय से सर्वोदय’ की नीति को सीएम योगी ने अपना आधार बनाया है। सीएम योगी के ‘जीरो पॉवर्टी स्टेट’ के संकल्प की पूर्ति के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसमें वन फैमिली वन आईडी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी जिसके माध्यम से हर गरीब और वंचित को सरकारी योजना का शत प्रतिशत लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से योगी सरकार का लक्ष्य एक वर्ष में 15 से 25 लाख निर्धनतम परिवारों को गरीबी रेखा से बाहर लाकर उत्तर प्रदेश को पूरी तरह गरीबी से मुक्त राज्य बनाना है। योगी सरकार का दावा है कि उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से विपन्न (विपत्तिग्रस्त) जीवन जीने को विवश 6 करोड़ जनता को एक दशक में बहुआयामी गरीबी से बाहर लाकर सम्मानजनक जीवन उपलब्ध कराया गया है।
इसके लिए योगी सरकार ने आंकड़े भी दिये हैं। विगत साढ़े सात वर्ष में 56 लाख से अधिक गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास, 2.62 करोड़ गरीबों को व्यक्तिगत शौचालय, रसोई गैस के 1.86 करोड़ से अधिक निःशुल्क कनेक्शन दिए गए। इसी क्रम में 2.65 करोड़ से अधिक परिवारों में पेयजल कनेक्शन और 15 करोड़ गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का कार्य निरंतर चल रहा है। अब यूपी देश का पहला ऐसा प्रदेश होगा जो गरीबी मुक्त होगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में सबसे निर्धनतम परिवारों को चिह्नित कर उन्हें गरीबी से बाहर निकाला जाएगा। हर ग्राम पंचायत में 10 से 25 निर्धनतम परिवार चिह्नित किए जाएंगे। सभी निर्धन परिवारों को भोजन व वस्त्र की उपलब्धता के साथ-साथ मकान की सुविधा, अच्छी शिक्षा व चिकित्सा दिलाई जाएगी। उन्हें सुनिश्चित आय से जोड़ने का भी प्रबंध किया जाएगा।
ध्यान रहे कि गरीबी उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस हर साल 17 अक्टूबर को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 दिसंबर, 1992 को पारित प्रस्ताव 47/196 के जरिए इस दिन को घोषित किया था। इस दिन को मनाने का मकसद, गरीबी में रहने वाले लोगों और समाज के बीच संवाद और समझ को बढ़ावा देना है। इस दिन गरीबी में रहने वालों के प्रयासों और संघर्ष को सराहा जाता है। इस दिन गरीब लोगों को अपनी चिंताओं को व्यक्त करने का मौका मिलता है। इस दिन गरीब लोगों को ही गरीबी से लड़ने वाले पहले लोगों के तौर पर पहचाना जाता है।
इस दिन सभी लोग अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करते हैं और गरीबों के साथ एकजुटता दिखाते हैं. 22 दिसंबर 1992 को अपनाए गए संकल्प 47/196 के माध्यम से, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने 17 अक्टूबर को गरीबी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया, और सभी सदस्य देशों को राष्ट्रीय संदर्भ में उचित रूप से गरीबी और अभाव के उन्मूलन के संबंध में ठोस गतिविधियों को प्रस्तुत करने और बढ़ावा देने के लिए इस दिन को समर्पित करने के लिए आमंत्रित किया। यह दिवस गरीबी को एक बहुआयामी घटना के रूप में रेखांकित करता है जिसमें आय की कमी और गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए बुनियादी क्षमताओं की कमी दोनों शामिल हैं, जिसमें असुरक्षित आवास, पौष्टिक भोजन की कमी, स्वास्थ्य सेवा तक सीमित पहुँच, खतरनाक कार्य परिस्थितियाँ, न्याय तक असमान पहुँच और राजनीतिक शक्ति की कमी शामिल है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी को देश का पहला ‘जीरो पॉवर्टी स्टेट’ यानी गरीबी मुक्त प्रदेश बनाने की बुधवार को घोषणा कर दी। देश में गरीबी उन्मूलन के इस सबसे बड़े कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर की गई है। यूपी जल्द ही गरीब मुक्त प्रदेश बनने वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी को देश का पहला ‘जीरो पॉवर्टी स्टेट’ यानी गरीबी मुक्त प्रदेश बनाने की बुधवार को घोषणा कर दी। देश में गरीबी उन्मूलन के इस सबसे बड़े कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर की गई है। सरकार ने इस महाभियान का विस्तृत रोडमैप भी जारी कर दिया है। इसके तहत हर ग्राम पंचायत स्तर पर अधिकतम 25 निर्धनतम परिवारों को चुना जाएगा। इसमें श्रमिक, आर्थिक रूप से बहुत कमजोर परिवार, भूमिहीन परिवार, कच्चे मकान में रहने वाले और गृहहीन परिवारों को चुना जाएगा। इस अभियान को एक वर्ष में पूरा किया जाएगा। इसके लिए एक साल तक महाअभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना जारी कर दी है। उत्तर प्रदेश ऐसी पहल करने वाला देश का पहला राज्य है।
अभियान के तहत चिह्नित सभी निर्धन परिवारों को भोजन व वस्त्र के साथ-साथ अच्छी शिक्षा, चिकित्सा व मकान की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही सुनिश्चित आय से जोड़ने का प्रबंध किया जाएगा। कार्ययोजना के मुताबिक, प्रत्येक ग्राम पंचायत के निर्धनतम 10 से 25 परिवारों के विषय में सूचना एकत्रित की जाएगी। निर्धनतम परिवारों के चयन के लिए त्रिस्तरीय तथा हाइब्रिड पद्धति का उपयोग होगा। चयन प्रक्रिया पारदर्शी होगी। हर चरण तथा स्तर पर चयन में शामिल कर्मचारी, अधिकारी तथा ग्राम पंचायतों के पदाधिकारी जवाबदेह होंगे। प्रथम स्तर पर मॉप-अप मोबाइल एप पर निर्धनतम परिवारों की पहचान की जाएगी। चयन में चार मानकों को आधार माना जा सकता है। पहला गृहहीन, कच्चा मकान, दूसरा भूमिहीन वे परिवार जिनका कृषि परक आजीविका के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। तीसरा, दिहाड़ी, कृषि मजदूरी पर आश्रित वे परिवार जिनकी अनिश्चित तथा अनियमित आय है। चौथा जिन परिवारों में आर्थिक संसाधनों की कमी है और परिवार में हमेशा खाने-पहनने की तंगी रहती है। ग्राम स्तरीय कर्मचारियों, कैडर के माध्यम से ऐसे सभी परिवारों का चिह्नीकरण तथा मॉप-अप मोबाइल एप पर परिवार की वांछित सूचनाओं की एंट्री की जाएगी। (हिफी)