लेखक की कलम

अजित को रामभक्तों के साथ का प्रसाद

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के अयोध्या मंे भव्य मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली भाजपा का साथ देने का प्रसाद एनसीपी नेता अजित पवार को बहुत जल्दी मिल गया। महाराष्ट्र में इस बार भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के गठन में अजित पवार की बहुत बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने खुलकर देवेन्द्र फडणवीस का समर्थन किया था और पांच दिसम्बर को उपमुख्यमंत्री की शपथ लेने के दूसरे ही दिन बेनामी सम्पत्ति ट्रिब्यूनल से बहुत बड़ी राहत मिली है। बेनामी संपत्ति मामले में 2021 मंे जब्त की गयी अजित पवार की सम्पत्तियों को मुक्त कर दिया गया है। न्यायाधिकरण ने अजित और उनके परिवार के खिलाफ बेनामी संपत्ति के स्वामित्व के आरोपों को खारिज कर दिया। ध्यान रहे 7 अक्टूबर 2021 को अजित पवार के 70 से ज्यादा ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा था। छापेमारी मंे एक हजार करोड़ रुपये की सम्पत्ति बरामद भी की गयी थी। इसका कोई हिसाब-किताब अजित पवार नहीं दे पाये थे। इसकी सुनवाई अपीलीय न्यायाधिकरण में हो रही थी।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की सीज संपत्तियां इनकम टैक्स से मुक्त कर दी गई हैं। दिल्ली की बेनामी ट्रिब्यूनल का ऑर्डर आया है। अजित पवार बेटे पार्थ पवार और पत्नी सुमित्रा पवार की संपत्ति इनकम टैक्स ने सीज की थी। इस मामले में फैसला आना अजित पवार और उनकी फैमिली के लिए काफी राहतभरा माना जा रहा है।
महाराष्ट्र में महायुति सरकार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक दिन बाद एनसीपी प्रमुख अजित पवार को बेनामी संपत्ति से जुड़े एक मामले में बड़ी राहत मिली। दिल्ली की बेनामी संपत्ति ट्रिब्यूनल ने आयकर विभाग द्वारा सीज उनकी संपत्ति मुक्त करने का आदेश दिया। साल 2021 में आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति के मामले में अजित पवार, उनके बेटे पार्थ पवार और पत्नी सुमित्रा पवार की संपत्ति सीज की थी। आयकर विभाग ने 7 अक्टूबर 2021 को विभिन्न कंपनियों पर छापेमारी के दौरान कुछ कागजात बरामद किए थे। उसका दावा था कि ये कागजात अजित परिवार और उनके परिवार की बेनामी संपत्तियों के थे। बेनामी रोकथाम अपीलीय न्यायाधीकरण ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। इसके बाद आयकर विभाग ने न्यायाधीकरण के फैसले के खिलाफ अपील की थी जिसे न्यायाधिकरण ने खारिज कर दिया। महाराष्ट्र में एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व में महायुति की सरकार बनी है। भाजपा के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जबकि उनके साथ अजित पवार और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। एनसीपी प्रमुख अजित पवार पिछले साल अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करके भाजपा-शिवसेना के साथ सरकार में शामिल हो गए थे।महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हो गया है। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। नई सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। अजित पवार महाराष्ट्र में रिकॉर्ड छठी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं।अजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शपा) के अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे हैं। वह पिछले साल जब अपने चाचा शरद पवार से अलग होकर भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे, तब भी उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद मिला था। अब एक बार फिर से अजित उपमुख्यमंत्री बने हैं।
शरद पवार के करीबी बताते हैं कि उनके पूर्वज महाराष्ट्र के सातारा जिले के रहने वाले थे। 18वीं सदी के दौरान सातारा में भयानक सूखे का कहर पड़ा। लोग एक-एक बूंद पानी के लिए मोहताज हो गए। तब बड़ी संख्या में लोगों ने सातारा से पलायन कर दिया। इन्हीं में शरद पवार के पूर्वज भी थे। पवार के पूर्वज सातारा से पलायन करके बारामती के काटेवाडी पहुंचे और यहीं बस गए। कहा जाता है कि पवार के पूर्वज सातारा के भोंसले (छत्रपति शिवाजी के वंशज) के सैनिकों के रूप में काम करते थे। जब बारामती के काटेवाडी पहुंचे तो यहां उन्होंने खेती शुरू की और बंजर जमीनों को उपजाऊ बना दिया। पवार के पूर्वजों ने गन्ने की खेती में खूब मेहनत की और जबरदस्त उत्पादन करने लगे।
अजित इस वक्त महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के नेता हैं। अजित पिछली महायुति समेत कई सरकारों में डिप्टी सीएम रह चुके हैं। उनकी शादी सुनेत्रा पवार से हुई जो महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और दबंग छवि वाले पद्मसिंह बाजीराव पाटिल की बहन हैं। सुनेत्रा ने इसी साल अपनी ननद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सुनेत्रा को महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद बनाया। अजित और सुनेत्रा के दो बच्चे हैं। पार्थ और जय। पार्थ 2019 में महाराष्ट्र के मवाला से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। रिपोर्ट के अनुसार, पार्थ पवार तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार के रुख के विपरीत, तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख को पत्र लिखकर सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सीबीआई जांच का अनुरोध किया था। अजित के छोटे बेटे का नाम जय पवार है, जो फिलहाल राजनीति में नहीं हैं। जय उद्यमिता के क्षेत्र में अपना करियर बना रहे हैं। अजित के बड़े भाई श्रीनिवास एग्रीकल्चर और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में कारोबार कर रहे हैं। बहन विजया पाटिल मीडिया के क्षेत्र में काम कर रहीं हैं।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार बारामती सीट से चुनाव लड़े। अजित पवार ने 28 अक्टूबर को नामाकंन दाखिल किया, जिससे उनकी संपत्ति को लेकर जानकारी सामने आई। अजित पवार की ओर से चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के मुताबिक उनके पास कुल 7 लाख 20 हजार रुपये नकद हैं। उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार के पास 6 लाख 65 हजार 400 रुपये नकद हैं। अजित पवार के पास बैंक में 3 करोड़ 9 लाख 69 हजार 53 रुपये जमा हैं, जबकि उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार के बैंक खाते में कुल 3 करोड़ 69 लाख 92 हजार 91 रुपये जमा हैं। अजित पवार के पास 24 लाख 79 हजार 760 रुपये के बॉन्ड है तो सुनेत्रा पवार के पास 14 लाख 99 हजार 610 रुपये के बॉन्ड है। अजित पवार ने पोस्ट ऑफिस में बचत और बीमा के तौर पर 10 करोड़ 79 लाख 2155 रुपये का निवेश किया है, जबकि सुनेत्रा पवार ने 44 लाख 29 हजार 463 रुपये का निवेश किया है। अजित पवार के पास विभिन्न कंपनियों के 8 करोड़ 50 लाख शेयर हैं। वाहनों की बात करें तो अजित पवार के पास 3 ट्रेलर, टोयोटा कैमरी, होंडा सीआरवी और ट्रैक्टर हैं वहीं सुनेत्रा पवार के पास ट्रैक्टर और दो ट्रेलर हैं। अजित पवार के पास 41.50 किलोग्राम चांदी है। सुनेत्रा पवार के पास 35 किलोग्राम चांदी, 1.30 किलोग्राम सोना और 28 कैरेट का हीरा है। पिछले पांच साल में अजित पवार की संपत्ति बढ़ी है। यह बात हलफनामे से साफ होती है। 2019 की तुलना में उनकी अचल संपत्ति में 10 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। (हिफी)

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