प्री-पोल गठबंधन व गुड गवर्नेस

नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) के संसदीय दलों की बैठक में नरेन्द्र मोदी को ही फिर से नेता चुना गया। इसके साथ ही मोदी का नाम प्रधानमंत्री के लिए भी प्रस्तावित किया गया जिस पर सभी दलों के नेताओं ने सहमति जतायी। संसद के सेंट्रल हाल मंे नरेन्द्र मोदी ने बहुत ही सामयिक भाषण किया। उन्हांेने प्री-पोल गठबंधन और गुड गवर्नेंस का विशेष रूप से जिक्र किया। इसके माध्यम से एनडीए के दो बड़े सहयोगी, जो पूर्व मंे भी सरकार का साथ दे चुके हैं, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की जमकर तारीफ की। इन्हीं दोनों से प्री-पोल गठबंधन हुआ है। हालांकि भाजपा बिहार मंे आफ्टर पोल गठबंधन करके सरकार चला रही है और महाराष्ट्र मंे भी चुनाव के बाद ही शिंदे और अजीत पवार की पार्टी से गठबंधन करके सरकार बनी है। इसलिए नीतीश कुमार और चन्द्रबाबू नायडू के गुडगवर्नेंस अर्थात् सुशासन का जिक्र करना जरूरी था। मोदी ने सर्वसम्मत फैसलों की बात कहकर एलायंस को यह भरोसा भी दिलाया है कि भाजपा उनकी बातें सुनेगी। फिलहाल, यह परिदृश्य बना है कि 240 सांसदों वाली भाजपा को उसके सहयोगी दल मजबूती के साथ सरकार चलाने मंे मदद करेंगे लेकिन विपक्षी गठबंधन की तरफ से अब भी प्रयास हो रहे हैं कि किसी तरह एनडीए गठबंधन से नीतीश कुमार और चन्द्रबाबू नायडू को अलग किया जाए। राजनीति में भविष्य में क्या होगा, यह कहना बहुत मुश्किल होता है।
केंद्र में तीसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने वाली है। गत 7 जून को संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए के संसदीय दलों की बैठक हुई। इस बैठक में नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से गठबंधन दल का नेता चुना गया। साथ ही नरेंद्र मोदी का नाम प्रधानमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया गया। सभी दलों के नेताओं ने मंच पर आकर नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लगाई। नरेंद्र मोदी ने भी सेंट्रल हॉल के मंच में आकर संबोधन किया।संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 के जो नतीजे आए हैं, अगर हर पैरामीटर पर देखेंगे तो दुनिया ये मानती है और मानेगी कि 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए की महाविजय हुई है।
विपक्ष पर हमलावर करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 4 जून के पहले इंडिया गठबंधन के लोग ईवीएम को लगातार गाली दे रहे थे। विपक्ष के लोग यह तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र की प्रक्रिया के प्रति लोगों का विश्वास ही उठ जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें तो लगता था कि इस बार ये लोग ईवीएम की अर्थी का जुलूस निकालेंगे। 4 जून की शाम आते-आते विपक्ष के नेताओं के मुंह पर ताले लग गए। ईवीएम ने सभी विपक्षी नेताओं को चुप कर दिया। ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है। भविष्य का जिक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाले सालों में हम विकास का नया अध्याय लिखेंगे। देश में गुड गवर्नेंस और जनता-जनार्दन की भागीदारी का नया अध्याय लिखेंगे। हम सब मिलकर के विकसित भारत के सपने को साकार करके रहेंगे। संसदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस चुनाव में दक्षिण भारत में एनडीए ने एक नई राजनीति की नींव मजबूत की है। तमिलनाडु में काफी तेजी से एनडीए का वोट शेयर बढ़ा है। केरल में पहली बार बीजेपी का सांसद चुना गया है।
एनडीए संसदीय दल की बैठक में सीएम व जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने कहा कि नई सरकार में बिहार के सभी अधूरे काम किए जाएंगे। यह बहुत अच्छी बात है कि हम सभी एक साथ आए हैं। हम सभी आपके (नरेंद्र मोदी) साथ मिलकर काम करेंगे। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी आप रविवार (9 जून) को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन मैं चाहता था कि आप आज ही शपथ लें। जब भी आप शपथ लेंगे, हम आपके साथ होंगे। हम सभी आपके नेतृत्व में मिलकर काम करेंगे। इसी क्रम में एनडीए संसदीय दल की बैठक में टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हम सभी को बधाई दे रहे हैं, क्योंकि हमने शानदार बहुमत हासिल किया है। मैंने चुनाव प्रचार के दौरान देखा है कि 3 महीने तक पीएम मोदी ने कभी आराम नहीं किया। उन्होंने दिन-रात प्रचार किया। उन्होंने उसी जोश के साथ चुनाव की शुरुआत की और उसी जोश के साथ प्रचार को खत्म भी किया। भाजपा से प्री-पोल गठबंधन करने वाले चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि नरेंद्र मोदी के पास एक विजन और जोश है। उनके काम करने का तरीका बहुत बढ़िया है। वे अपनी सभी नीतियों को सच्ची भावना से पटल पर लाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज भारत के पास कोई सही नेता है तो वह नरेंद्र मोदी हैं। यह भारत के लिए बहुत अच्छा अवसर है। अगर अभी चूक गए तो हम हमेशा के लिए चूक जाएंगे।
इस प्रकार एक तरफ लोकसभा चुनाव में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अगली सरकार के गठन की तैयारियां चल रही है, दूसरी तरफ बहुमत से पिछड़ने वाला इंडिया गठबंधन अपनी उम्मीद नहीं छोड़ना चाहता। इंडिया गठबंधन के कई दलों की इच्छा है कि केंद्र में सरकार बनाने की कोशिश की जाए। महाराष्ट्र में शिवसेना उद्धव गुट पहले ही अपनी इच्छा सार्वजनिक कर चुका है। इंडिया ब्लॉक में टीएमसी, शिवसेना उद्धव गुट और आम आदमी पार्टी सरकार बनाना चाहते हैं। रिजल्ट के दिन ही टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को फोन किया था। उन्होंने उनसे एन. चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार से संपर्क करने को कहा था। चंद्रबाबू नायडू, अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी थे। 1990 के दशक में यूनाइटेड फ्रंट में दोनों ने मिलकर काम किया था। जदयू प्रमुख और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ भी अखिलेश के संबंध बेहतर हैं। 18वीं लोकसभा में इन दोनों नेताओं के पास ही सत्ता की चाबी है। भाजपा को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है। वह 240 सीटों पर सिमट गई है। वहीं टीडीपी को 16 और जेडीयू के 12 सांसद हैं। एनडीए को बहुमत दिलाने में इन दोनों की अहम भूमिका है।
दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक के अगले दिन ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओब्रायन ने भी अखिलेश से मुलाकात की। आप की राय है कि इंडिया गठबंधन को सरकार बनाने का विकल्प तलाशना चाहिए। इस सिलसिले में आप नेता संजय सिंह और राघव चड्ढा ने अभिषेक बनर्जी से मुलाकात की। दिल्ली में बैठकों का दौर खत्म करने के बाद अभिषेक बनर्जी और ओब्रायन मुंबई के लिए रवाना हो गए। वहां वे उद्धव ठाकरे और उनके बेट आदित्य ठाकरे से मिलने वाले थे। हालांकि, अखिलेश यादव का कहना है कि फिलहाल नायडू और नीतीश पाला बदलने को तैयार नहीं होंगे लेकिन, हमें भाजपा को लगातार दबाव में रखना होगा। इसके लिए नीतीश और चंद्रबाबू नायडू की पुरानी मांगों को विपक्षी दल उठाएंगे। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)