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प्रधानमंत्री को देना चाहिए मणिपुर पर संसद में बयान: नीतीश

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मणिपुर पर संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए बुधवार को कहा कि उन्हें पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर सदन में बयान देना चाहिए। जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान की विपक्षी दलों की मांग ‘तर्कसंगत’ है।
मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘विपक्षी दलों की मांग तर्कसंगत है… जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर प्रधानमंत्री संसद में बयान दें। निर्दोष लोगों की हत्या की जा रही है… महिलाओं को क्रूरता से प्रताड़ित किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराध ‘‘बर्बर और सदमा पहुंचाने वाले हैं।’’ नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया जा रहा है। ऐसी घटनाएं निंदनीय हैं। प्रधानमंत्री मणिपुर की स्थिति पर संसद में बयान दें।’’ मणिपुर में एक समुदाय की भीड़ द्वारा दूसरे समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाए जाने की चार मई की घटना का वीडियो सामने आने के बाद पूर्वोत्तर भारत के राज्य में स्थिति बहुत तनावपूर्ण है।
मणिपुर पुलिस ने घटना के सिलसिले में अभी तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है। राज्य में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर मेइती समुदाय द्वारा पहाड़ी जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) वाले दिन मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई और अभी तक इसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है जबकि तमाम लोग घायल हुए हैं।
मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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