विश्व-लोक

तीन सितम्बर की बिक्ट्री परेड में पुतिन, जिनपिंग व किमजोंग साथ में होंगे

चीन में डिप्लोमेसी का तो चैप्टर हो गया, अब बारी है शक्ति प्रदर्शन की, पश्चिमी देशों को अपनी ताकत दिखाने की। हां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के बाद अब चीन में कुछ ऐसा बड़ा होने वाला है, जैसा उस पैमाने का कभी देखा नहीं गया। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 3 सितंबर को अपने देश के इतिहास की सबसे बड़ी सैन्य परेड की मेजबानी करने वाले हैं। मंच पर एक साथ शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और ऐसे 20 नेता और होंगे। चीन अपनी सेना दिखा रहा होगा, अपने जंगी हथियार दिखा रहा होगा। पश्चिम को मैसेज साफ दिया जाएगा। गहरी भू-राजनीतिक अनिश्चितता के इस दौर में वल्र्ड ऑर्डर को बदले के लिए चीन तैयार है और उसकी नजर अमेरिका की कुर्सी पर है। द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में जापान की हार के 80 साल पूरे होने के अवसर पर चीन में 3 सितंबर को विजय दिवस कार्यक्रम है और इसी मौके पर विजय दिवस परेड बीजिंग में आयोजित की जा रही है। व्लादिमीर पुतिन पहले से ही एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन में हैं जबकि किम जोंग अपने स्पेशल ट्रेन से चीन पहुंच गए हैं।
इस परेड को हाई लेबल पर कोरियोग्राफ किया गया है। इसके पिछले कुछ वर्षों में चीन की सबसे बड़ी परेडों में से एक होने की उम्मीद है। इसका उद्देश्य यही है कि जब ट्रंप के नेतृत्व में संयुक्त राज्य अमेरिका की वैश्विक भूमिका पर संदेह पैदा हो रहा है तब चीन की सैन्य ताकत और राजनयिक दबदबे को दुनिया के सामने दिखाना। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप विदेशी सहायता में कटौती कर रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों-संगठनों से पीछे हट रहे हैं और चाहे दोस्त हो या दुश्मन, सबके खिलाफ व्यापार युद्ध छेड़ रखा हैं। चीन इस मौके को भुनाने की फिराक में है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button