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राहुल को मांगनी चाहिए मांफी, वह आदतन अपराधी, टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े होते हैं: रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली। मोदी सरनेम मानहानि मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी है। सेशन कोर्ट के आदेश को राहुल ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। फिलहाल खबर है कि अब राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट का रूख करेंगे। इन सब के बीच भाजपा ने आज एक बार फिर से दोहराया कि राहुल गांधी को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए। भाजपा की ओर से रविशंकर प्रसाद के एक प्रेस वार्ता की। उन्होंने राहुल पर ओबीसी समाज के अपमान का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल आदतन अपराधी हैं और वह टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े होते हैं।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम कांग्रेस से पूछना चाहते हैं – आप राहुल गांधी को नियंत्रित क्यों नहीं कर सकते? आप उसे ठीक से बोलने का प्रशिक्षण क्यों नहीं दे पाते? वह आपका नेता है। प्रसाद ने कहा कि अगर उन्होंने इस मामले में माफी मांग ली होती, तो यह खत्म हो गया होता। प्रसिद्ध नेताओं और संगठनों के खिलाफ गाली देना, बदनाम करना और लगभग सबसे खराब तरह की गालियां देना राहुल गांधी की पुरानी आदत बन गई है। उन्होंने कहा कि सावरकर को लेकर राहुल के दिल में नभरत है।
भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने 2019 के चुनाव में एक टिप्पणी की थी कि सारे चोरों के सरनेम मोदी क्यों होते हैं। देशभर में मोदी सरनेम अधिकांश पिछड़ों और अति पिछड़ों का होता है और ये घोर रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी थी। लोअर कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा दी, जिसके खिलाफ वह सेशन कोर्ट गए।
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को आज एक बार फिर झटका लगा। सेशन कोर्ट के बाद गुजरात हाई कोर्ट ने भी उन्हें आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि वे ओबीसी समुदाय का अपमान करते हैं और फिर माफी मांगने के बजाय अहंकार से काम करते हैं। राहुल गांधी को ओबीसी समुदाय से माफी मांगनी चाहिए लेकिन इसके बजाय, या तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता जज को धमकी देते हैं या कांग्रेस पार्टी न्यायपालिका पर सवाल उठाती है।
गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘‘मोदी उपनाम’’ वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने संबंधी उनकी याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि गांधी पहले ही देशभर में 10 मामलों का सामना कर रहे हैं और निचली अदालत का कांग्रेस नेता को दोषी ठहराने का आदेश ‘‘न्यायसंगत, उचित और वैध’’ है। दालत ने कहा कि दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई तर्कसंगत कारण नहीं है। यदि दोषसिद्धि पर रोक लग जाती, तो इससे राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाता।

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