महाराष्ट्र में बढ़ी राहुल की उलझन

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)कहते हैं मुसीबत जब आती है तो चारो तरफ से घेरती है। कांग्रेस के साथ आजकल यही हो रहा है। हरियाणा में जीत की संभावना के बाद भी पराजय का सामना करना पड़ा और जम्मू कश्मीर में जीत के बावजूद कांग्रेस को पराजित जैसा महसूस हो रहा होगा। राष्ट्रीय पार्टी होते हुए छेत्रीय दल के इशारे पर चलना होगा। उत्तर प्रदेश में गठबंधन के साथी अखिलेश यादव के तेवर बदल गये हैं तो महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सांसद मिलने के बाद भी महा विकास अघाड़ी एमवीए के घटक दल राहुल गांधी को नसीहत दे रहे हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी हलचल बढ़ी हुई है। माना जाता है कि 288 सीटों वाले महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। हरियाणा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस को उनके सहयोगी भी आईना दिखा रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के बाद अब शरद पवार गुट के नेता और पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भी कांग्रेस को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा से कांग्रेस को सबक लेना चाहिए। सच है कि जब वक्त बुरा होता है तब अपने भी गैर जैसा व्यवहार करने लगते हैं। शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने हरियाणा में विधानसभा नतीजों के बाद कहा था कि महाराष्ट्र में अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ना चाहती है तो वो अपनी भूमिका स्पष्ट कर दे। कांग्रेस के गर्व ने उन्हें हरियाणा चुनाव हराया है। अब एनसीपी (शरद पवार) नेता अनिल देशमुख कहते हैं हरियाणा में कांग्रेस ‘इंडिया’ अलायंस गठबंधन के साथ लड़ती तो शायद नतीजे अलग हो सकते थे। वे कहते हैं कि जो गलती हरियाणा में की गई है, वो गलती हम महाराष्ट्र में नहीं होने देंगे। अनिल देशमुख ने मामले को सुलटाने का भी प्रयास किया और कहा, उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) और उनके नेता संजय राउत ने भले ही कांग्रेस को कुछ कठोर शब्द बोले हों कि अगर कांग्रेस को अकेले चुनाव लड़ना है तो बताएं लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि महाराष्ट्र में एमवीए में कोई विवाद नहीं होगा। हम साथ में मिलकर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। शरद पवार गुट के नेता ने कहा, उद्धव ठाकरे की शिवसेना मुख्यमंत्री पद और सीएम का चेहरा घोषित करने की मांग कर रही हैं लेकिन शरद पवार साहब ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव के बाद ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय होगा। यही हमारी पार्टी की भूमिका है। देशमुख कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और सहयोगी
पार्टियों पर आरोप लगाए लेकिन यह सरासर गलत है। हम कोई देश विरोधी साजिश का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने ये भी जानकारी दी है कि महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर हमने सात घंटे बैठक की। अभी भी करीबन
15 फीसदी ( 40-45 ) सीटों पर बातचीत अटकी है। हमें विश्वास है कि हम राज्य स्तर पर ही इस का फैसला कर लेंगे। वरिष्ठ नेता तक बात पहुंचने नहीं देंगे। एनसीपी (एसपी) नेता ने कहा, हमारी बहुत ही सकारात्मक तरीके से चर्चा हुई और 288 सीटों में से 15 फीसदी सीटों पर अभी चर्चा शुरू है। अन्य सीटों पर चर्चा लगभग पूरी हो चुकी है। इसी के साथ-साथ सहयोगी दलों के
साथ भी आने वाले दिनों में चर्चा की जाएगी।
बहरहाल हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है। संजय राउत के बयान ने सूबे की सियासी हलचल तेज कर दी है। राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ना चाहती है तो अपनी भूमिका स्पष्ट कर दे। वहीं अब इस पर कांग्रेस आलाकमान ने अपना रुख साफ कर दिया है। एक तरह से करारा जवाब दिया है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी आलाकमान ने कहा है कि महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने का कोई प्रस्ताव नहीं है। हम एमवीए का हिस्सा हैं। शुरुआत में हम एनसीपी के साथ गठबंधन में थे और शरद पवार ने शिवसेना को साथ लिया था। संजय राउत के बयान पर यह भी कहा जा रहा है कि क्या यह उद्धव ठाकरे को सीएम उम्मीदवार घोषित करने के लिए दबाव की रणनीति तो नहीं है? सूत्रों का कहना है कि इसके जवाब में कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि भले ही यह दबाव की रणनीति हो, हम चुनाव से पहले किसी भी सीएम उम्मीदवार की घोषणा नहीं करेंगे। कांग्रेस कहती है कि शरद पवार का भी मानना है कि हमें नतीजों के बाद ही सीएम का चयन करना चाहिए और कांग्रेस का भी यही नियम रहा है कि चुनाव के बाद ही सीएम की घोषणा की जाए। ध्यान रहे कि शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने हरियाणा में विधानसभा नतीजों के बाद कहा कि महाराष्ट्र में अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ना चाहती है तो वो अपनी भूमिका स्पष्ट कर दे। कांग्रेस के घमंड ने हरियाणा चुनाव हराया है। उन्होंने यह भी कहा था मुख्यमंत्री पद का चेहरा महाविकास आघाडी की तीन पार्टियों को मिलकर अब अनाउंस घोषित कर देना चाहिए।
इसके जवाब में महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, किसका अहंकार बड़ा है यह आने वाले चुनाव में दिख जाएगा। उस वक्त आपको पता चलेगा कि किसका अहंकार खत्म हो गया है। उन्होंने ये भी कहा कि हम संजय राउत से पूछेंगे कि क्या उन्होंने जानबूझकर यह सब बयानबाजी की? सार्वजनिक रूप से इस तरह की बात करना या इस तरह की टिप्पणी करना उचित नहीं है। नाना पटोले ने दावा किया है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर महाराष्ट्र के चुनाव पर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में राजनीतिक हालात अलग हैं और कांग्रेस की तैयारी महाराष्ट्र में मजबूत है। कांग्रेस महाराष्ट्र में 110 से 115 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही नाना पटोले ने एमवीए को भी कहीं न कहीं संदेश दे दिया है।
नाना पटोले के अलावा महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा कि हरियाणा चुनाव के नतीजों का महाराष्ट्र में कोई असर नहीं होगा और पार्टी कार्यकर्ता उत्तरी राज्य के चुनाव परिणामों से हतोत्साहित नहीं हैं। रमेश चेन्निथला ने कहा, ष्महा विकास अघाडी (एमवीए) एकजुट होकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को हराएगी और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों से कांग्रेस का मनोबल नहीं टूटा है।
उन्होंने कहा, महाराष्ट्र और हरियाणा में राजनीतिक परिस्थितियां पूरी तरह से अलग हैं। महाराष्ट्र में लोग बदलाव के लिए और नयी सरकार लाने के लिए तैयार हैं। हम जल्द ही अपना घोषणापत्र जारी करेंगे। हमारा मनोबल ऊंचा है। मौजूदा सरकार महाराष्ट्र की जनता की सरकार नहीं है, बल्कि दलबदल के जरिए अस्तित्व में आयी है। बता दें कि 288 सीटों वाले महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। (हिफी)