सम-सामयिक

जान जोखिम में डाल कर बना रहे हैं रील!

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
रील बनाने का शौक आज कल युवाओं में सिर चढ़कर बोल रहा है। अब तो हालात यहां तक खराब हो गये हैं कि जान की बाजी लगा कर भी युवा रील बना रहे हैं और हर किसी को किसी न किसी तरह चर्चा में आने की पड़ी है। ऐसे में युवक युवतियों में रील बनाकर प्रसिद्धि पाने का जुनून जोरों पर है। उनको यह भी उम्मीद है कि रील वायरल हो गई तो फेसबुक यूट्यूब से पैसा मिलने लगेगा।
सोशल मीडिया पर पॉपुलर होने के लिए लोग तरह-तरह के करतब दिखा रहे हैं। रील के चक्कर में जान जोखिम में डालने से भी नहीं चूक रहे। रील के दीवाने कभी सड़कों पर जानलेवा स्टंट करते दिखाई देते हैं तो कभी राह चलते हवाबाजी करते। कई बार तो इन सबके चक्कर में इन्हें जेल तक जाना पड़ जाता है, मगर हरकतें हैं कि रुकने का नाम नहीं ले रहीं।
रील किसी भी तरह वायरल हो, इसलिए रील बनाने वाले युवा उल्टी-सीधी हरकतों से कभी तो लोगों के मनोरंजन का साधन बनते हैं और कभी रील बनाने के चक्कर में घायल हो जाते हैं या फिर अपनी जान ही गंवा बैठते हैं, हाल ही में एक के बाद एक ऐसे सैकड़ों हादसे सामने आएं हैं जिनमें रील बनाने के चक्कर में जान गंवा गए।
16 जनवरी, 2025 को भोपाल (मध्य प्रदेश) में कोलार के इनायतपुर गांव में 3 युवक अपनी तेज रफ्तार चलती कार की खिड़की से सिर बाहर निकाल कर रील बना रहे थे कि संतुलन बिगड़ जाने से कार पुल से नीचे नहर में गिर गई जिससे 2 युवकों की मौत तथा तीसरा घायल हो गया।16 जनवरी को ही मेरठ (उत्तर प्रदेश) में पानी की टंकी पर चढ़ कर रील बना रहा एक युवक पैर फिसलने के कारण नीचे गिर कर मर गया।
6 मार्च को अहमदाबाद स्थित फतेहवाड़ी में रील बनाने के चक्कर में 3 युवकों की कार एक नदी में जा गिरी और तीनों युवक पानी में बह गए।
28 मार्च को गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) रेलवे स्टेशन के सामने रील बनाने के शौकीन चंद्रशेखर रावत नामक एक व्यक्ति ने एक चैराहे पर ई-रिक्शा की छत पर खड़े होकर वीडियो बनाना शुरू कर दिया परंतु संतुलन बिगड़ जाने के कारण जमीन पर गिर जाने से उसकी मौत हो गई।
16 अप्रैल को उत्तरकाशी (उत्तराखंड) में एक महिला अपनी 11 वर्षीय बच्ची के साथ मणिकर्णिका घाट पर स्नान करने के दौरान रील बनाते समय नदी में बह गई और घाट के किनारे खड़ी उसकी बेटी मम्मी मम्मी चिल्लाती रह गई।
18 अप्रैल को दुर्ग (छत्तीसगढ़) में रील बनाते समय तीन नाबालिगों की मोटरसाइकिल 2 वाहनों से टकरा गई जिससे 2 नाबालिगों की घटनास्थल पर ही मृत्यु और तीसरा घायल हो गया।
19 अप्रैल को सारण (बिहार) जिले के विष्णुपुर ओवरब्रिज के निकट रेलवे ट्रैक पर स्टंट करते हुए रील बना रहे 2 युवकों की सामने से आ रही एक तेज रफ्तार रेलगाड़ी से कट कर मौत हो गई।
26 अप्रैल को वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में कुर्थिया गांव के निकट चलती मोटरसाइकिल पर रील बना रहे 2 युवक सामने से आ रही एक कार से टकरा कर गंभीर रूप से घायल हो गए।
12 मई को सिवनी (मध्य प्रदेश) में रेल की पटरी पर रील बनाने के दौरान 1 युवक की रेलगाड़ी की चपेट में आ जाने से मौत हो गई।
17 मई को अमरोहा (उत्तर प्रदेश) के हसनपुर में तेज रफ्तार से मोटरसाइकिल चलाते हुए रील बना रहे 2 युवकों की मोटरसाइकिल दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के परिणामस्वरूप दोनों युवक अपनी जान से हाथ धो बैठे।
4 जून को आगरा (उत्तर प्रदेश) के नगला नाथू गांव में यमुना नदी में रील बनाते समय 6 युवतियां गहरे पानी में चली गई तथा भंवर में फंस जाने के कारण डूब जाने से उनकी मौत हो गई। इनमें से 3 युवतियां एक ही परिवार की थीं जबकि 3 अन्य इनकी रिश्तेदार थीं।
14 जून को बहराईच (उत्तर प्रदेश) में रील बनाने के लिए सड़क पर स्टंट कर रहे 2 मोटरसाइकिल सवार युवकों ने एक महिला को टक्कर मार दी और उसे दूर तक घसीटते चले गए जिससे उसकी मौत हो गई।
15 जून को सहरसा (बिहार) के विश्वकर्मा ढाला में रेलवे यार्ड में खड़ी एक मालगाड़ी के इंजन पर चढ़ कर रील बनाते समय एक युवक हाईटेंशन तारों की चपेट में आ जाने से 90 प्रतिशत झुलस गया। और अब 16 जून को हरिद्वार (उत्तराखंड) में एक युवक गंगा नदी में नहाने के दौरान रील बनाने के लिए गहरे पानी में चला गया और पानी के तेज बहाव में बह गया और डूब गया।
राजस्थान के बालोतरा में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है जहां एक युवक पर रील बनाने का ऐसा नशा चढ़ा कि वह रेलवे ट्रैक पर लेट गया। रील बनाने के चक्कर में युवक बड़े हादसे को न्योता देता नजर आया। उसने रेलवे पटरी पर सोकर ट्रेन अपने ऊपर से गुजरने की रील बनाई थी। इस रील को देखकर लोगों ने सोशल मीडिया पर कमेंट किया बालोतरा पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया है।
एक युवक ने जो हथकंडा अपनाया वह हैरान कर देने वाला था। युवक खुद को कफन से लपेटकर बीच चैराहे पर लेट गया। मौके पर मौजूद उसके दोस्त वहां ऐसा नाटक करने लगे जैसे सच में उसकी मौत हो गई है। ये देख लोगों की भीड़ लग गई लेकिन अगले ही पल कफन ओढ़े युवक उठ खड़ा हुआ और हंसते हुए निकल गया। हालांकि, सोशल मीडिया पर रील के वायरल होते ही पुलिस हरकत में आ गई और युवक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।
हरिद्वार जिले के हरिपुर टोंगिया बुग्गावाला क्षेत्र की रहने वाली वैशाली की भी इसी बढ़ते रील के पागलपन के कारण जान चली गई। वह फिलहाल रूड़की की शिवपुरम कॉलोनी स्थित अपने मामा के घर रहकर कोर इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। एक शाम करीब 6 बजे वह अपनी सहेली के साथ शिवपुरम कॉलोनी के पास रहीमपुर रेलवे फाटक घूमने गई थी। इस दौरान दोनों सहेलियां मोबाइल से रेलवे पटरी के किनारे खड़े होकर रील बनाने लगीं, तभी अचानक हरिद्वार से सहारनपुर की तरफ एक ट्रेन जा रही थी, उसकी चपेट में वैशाली आ गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
रील बनाने का एक कारण यह भी है कि बहुत अधिक बार देखी जाने वाली तथा फॉलो व फारवर्ड किए जाने पर रील बनाने वालों को सोशल मीडिया साइट के संचालकों द्वारा आकर्षक धनराशि भी मिलने लगती है।
उक्त घटनाएं सोशल मीडिया पर रील बनाने के बढ़ते चलन और इससे जुड़े खतरों को उजागर करती हैं। पिछले कुछ समय के दौरान रील बनाने के रुझान और इससे होने वाली दुर्घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है जिसने इस मामले में सावधानी बरतने के बारे में सोचने के लिए विवश किया है।
इस संबंध में हम युवाओं को यही सलाह देंगे कि वे अपनी जान जोखिम में डाल कर इस प्रकार के स्टंट न करें क्योंकि चंद पलों की भूल जिंदगी भर के लिए विकलांग बना सकती है अथवा परिवार को बड़ा दुख देकर दुनिया से अलविदा भी करा सकती है। (हिफी)

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