राहुल के लिए राहत और सबक

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को मोदी सरनेम वाले मामले में देश की सबसे बड़ी अदालत ने एक तरफ जहां बहुत बड़ी राहत दी है, वहीं उनके लिए बहुत बड़ा सबक भी है। ट्रायल कोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट के फैसले ने राहुल गांधी को चुनाव लड़ने से भी अयोग्य कर दिया था। वायनाड की उनकी संसद की सदस्यता छिन गयी और सरकारी आवास भी उन्हंे छोड़ना पड़ा था। यह सब उनकी अनियंत्रित जुबाने के चलते हुआ। राहुल गांधी को अब परिपक्व राजनेता की तरह व्यवहार करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी राहुल गांधी की टिप्पणी को आपत्तिजनक बताया है लेकिन अन्य कई कारण थे जिनके चलते उनको राहत मिली है। इसलिए राहुल गांधी को भविष्य में फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहिए क्योंकि उनका मुकाबला राजनीति के ऐसे धुरंधरों से है जो अपने विरोधी की जड़ में मट्ठा डाल देते हैं।
उल्लेखनीय है कि मोदी सरनेम वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए 2019 के मानहानि मामले में हाईकोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम केस में सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट में जजों की बेंच ने कहा कि राहुल गांधी ने जो टिप्पणी की थी वो गुड टेस्ट में नहीं था। उन्हें भविष्य में ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा किसी को अयोग्य घोषित करने का असर न केवल व्यक्ति के अधिकार पर, बल्कि मतदाताओं पर भी पड़ता है। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल जज ने अधिकतम सजा सुनाई है। यदि सजा एक दिन भी कम होती तो राहुल गांधी अयोग्य साबित नहीं होते। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल जज द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है। राहुल गांधी की सजा पर लगाई गई रोक के फैसले पर बीजेपी का बयान भी सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर बीजेपी लोकसभा सांसद सुब्रत पाठक ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को दी गई सजा को रोका है लेकिन राहुल गांधी को बरी नहीं किया है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को अपमानित किया, एक विशेष जाति के खिलाफ अपशब्द कहे। देश में सबसे बड़ी न्यायालय जनता की न्यायालय है, 2024 में जनता राहुल गांधी को जवाब देगी।ष् वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने वाले बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी टिप्पणी दी है। पूर्णेश मोदी ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। हम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं। हम अदालत में अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि आखिर वो कब तक बच पाएंगे, क्योंकि उनके खिलाफ और भी ऐसे केस पेंडिंग हैं। इनमें स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के परिवार का हाई प्रोफाइल मामला भी शामिल है। नेशनल हेराल्ड घोटाले में राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के साथ आरोपी हैं। दोनों फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। इनमें से किसी में भी दोषी पाए जाने पर उन्हें फिर से अयोग्य ठहराया जा सकता है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि लालू प्रसाद, जे जयललिता जैसे दिग्गज नेताओं को दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्यता का सामना करना पड़ा। राहुल गांधी यहां मुश्किल में हैं, लेकिन फिलहाल संसद कुछ नरमी बरत सकती है।
2014 में राहुल गांधी ने संघ पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था। संघ कार्यकर्ता ने राहुल पर आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज कराया। ये केस महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में चल रहा है। राहुल गांधी के खिलाफ 2026 में असम के गुवाहाटी में धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज किया गया था। ये मामला भी अभी कोर्ट में पेंडिंग है। इसी तरह 2018 में राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची में एक और केस दर्ज किया गया। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत 20 करोड़ रुपये मानहानि का केस दर्ज है। इसी साल राहुल गांधी पर महाराष्ट्र में एक और मानहानि का केस दर्ज हुआ। ये मामला मझगांव स्थित शिवड़ी कोर्ट में चल रहा है। एडीसी बैंक के चेयरमैन अजय पटेल ने अदालत में मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में संघ को कथित तौर पर जोड़ने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ मुंबई में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई गई थी और 2018 में राफेल फाइटर जेट सौदे पर राहुल ने बीजेपी का मजाक उड़ाया गया था। इस मामले में राहुल के खिलाफ एक गुड़गांव की एक कोर्ट में मानहानि का केस किया गया। राहुल ने 2019 में जबलपुर में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर हत्या का आरोप लगाया था। इसको लेकर राहुल के खिलाफ अहमदाबाद कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज करवाया गया। इसी मामले में झारखंड के चाईबासा और रांची में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस किया गया। बीते साल राहुल गांधी ने कहा कि सावरकर ने आजादी से पहले अंग्रेजों से माफीनामे पर हस्ताक्षर किया। मामले में सावरकर के पोते विनायक सावरकर ने मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है।
बहरहाल मोदी सरनेम वाले मानहानि केस में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए राहुल की सजा पर रोक लगाई है। जज ने राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा, जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं होती, तब तक दोषसिद्धि और सजा पर रोक रहेगी। कोर्ट ने सुनवाई की तारीख नहीं बताई है। सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम को लेकर की गई कथित विवादित टिप्पणी के संबंध में 2019 में दायर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि और सजा पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ कर दिया। विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के कई घटक दलों के प्रमुख नेताओं ने ‘मोदी सरनेम वाले मानहानि केस में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने का स्वागत किया है। विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने कहा कि इससे विपक्षी गठजोड़ के इस संकल्प को मजबूती मिलेगी। (हिफी)