जन्मदिन पर याद आए पंचम दा

पंचम सुर को भारतीय संगीत में बहुत अहमित दी गई है। ये दूसरे सुरों को जोड़ने का भी काम करता है। इसे साध पाना सहज नहीं होता। दिग्गज ही पंचम को साध पाते हैं। भारतीय फिल्म संगीत में भी पंचम दा यानि राहुल देव बर्मन की जगह कुछ ऐसी ही है। उन्होंने अपनी संगीत रचनाओं से भारतीयता और पश्चिमी संगीत का कुछ ऐसा कॉकटेल बनाया कि उसका नशा आज तक तारी है। ये सब सहज ही नहीं हुआ। महान संगीतकार सचिन देव बर्मन के बेटे राहुल देन ने भारतीय फिल्मों की संगीत को जुदाई की कशिश देने के लिए बहुत कड़ी साधना भी की थी। सचिन देव ने बेटे पंचम की एक धुन को फिल्म फंटूश में यूज किया- ऐ मेटी टोपी पलट के आ- उस वक्त आरडी यानि राहुल देव की उम्र महज 17 साल थी।
27 जून 1939 को जन्मे आर डी बर्मन का असर गानों तक सीमित नहीं था। उन्होंने लैटिन अमेरिकी म्यूजिक को भारतीय सिनेमा में मिलाया। उनकी धुनों में सल्सा और रुम्बा की झलक थी। यह उस वक्त नई थी। उनकी टीम में विदेशी म्यूजिशियंस भी थे। यह उनके प्रयोग को समृद्ध करता था। वे महज कहते भर नहीं थे कि संगीत की कोई सीमा नहीं होती, बल्कि बना कर दिखा दिया। यही सोच उन्हें खास बनाती थी। उनकी जिंदगी में उतार-चढ़ाव आए। 1980 के दशक में फिल्मी गानों और संगीत में बदलाव के बाद उनका करियर ठंडा पड़ा। फिर भी उन्होंने प्रयोग बंद नहीं किए। उनकी मेहनत ने उन्हें अमर कर दिया। आज उनकी धुनें सुनते हैं। लगता है वे हमारे साथ हैं। उनकी हंसी गूंजती है। उन्होंने हमें एक ऐसी दुनिया दी, जहां हर नोड में जिंदगी की खुशबू है।
कहा जाता है कि आरडी ने पिता से शिकायत की- ‘आपने मेरी धुन क्यों चुरा ली ?’ सचिन देव ने भी उम्दा जवाब दिया- ‘मैं देखना चाहता था, तुम्हारी धुन लोगों को पसंद आती भी है या नहीं।’ खैर, सुनने वालों को धुन पसंद आ गई। इस तरह आरडी अपने पिता के सहायक के तौर पर फिल्म संगीत को एक नया मुकाम देने की राह में चल पड़े। अकेले के दम पर उन्हें फिल्म तीसरी मंजिल के लिए संगीत तैयार करने का मौका मिला। यहां जब फिल्म के हीरो शम्मी कपूर ने उनसे धुन सुनी तो तुरंत कह दिया ये तो कोई लोकधुन है और उन्होंने इसे नार्थ-ईस्ट में एक चैकीदार को गाते हुए सुना है। आरडी ने भी बता दिया कि हां, ये लोक धुन ही है। बहरहार, जब इस फिल्म का गीत- ओ हसीना जुल्फों वाली… रीलीज हुआ तब से आज तक इसका जादू कायम है। उनके बहुत सारे गीतों का जिक्र किया जा सकता है। (हिफी)