राजनीतिलेखक की कलम

नेता प्रतिपक्ष का दायित्व और राहुल

 

लोकसभा मंे नेता सदन अर्थात् प्रधानमंत्री और नेता प्रतिपक्ष-दोनों- की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह तीसरा कार्यकाल है और उनकी क्षमता के लिए किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है लेकिन राहुल गांधी को पहली बार नेता प्रतिपक्ष का दायित्व मिला है। संसद मंे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा भी सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष करते हैं और अन्य दलों के सांसदांे की चर्चा के बाद प्रधानमंत्री सभी के सवालों का जवाब देते हैं। इस बार भी यही हुआ। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लम्बा भाषण दिया। कुछ वाजिब सवाल भी उठाये लेकिन कुछ अपुष्ट आरोप लगाकर उन्हांेने अपरिपक्वता का परिचय भी दिया। मसलन उन्हांेने अयोध्या के सांसद की बात पर यकीन करके संसद मंे आरोप लगाया कि अयोध्या मंे अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए जिन किसानों से जमीन ली गयी थी, उनको मुआवजा ही नहीं दिया गया। राहुल गांधी के इन आरोपों का उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसी दिन सप्रमाण खंडन किया। संसद में नेता प्रतिपक्ष की गलतबयानी अक्षम्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 जुलाई को संसद मंे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद देते हुए विपक्ष के आचरण पर भी सवाल उठाया। विपक्ष के व्यवहार की जिम्मेदारी भी नेता प्रतिपक्ष पर होती है। संसद मंे जब पीएम मोदी जवाब दे रहे थे तो विपक्ष लगातार शोर कर रहा था। नेता प्रतिपक्ष ने एक बार भी नहीं कहा कि विपक्षी सांसद शांत होकर प्रधानमंत्री का भाषण सुनें। राहुल गांधी अगर इतना कहते तो उनकी अच्छी छवि बनती। शोर भले ही न थमता लेकिन नेता प्रतिपक्ष की सराहना होती। इसलिए नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी को नये प्रतिमान गढ़ने होंगे।

राहुल गांधी सदन में बोलते हुए सांसदों की तरफ इशारा कर कहा कि आप हिन्दू नहीं, हिंसक हैं। राहुल गांधी के इसी बयान को बीजेपी ने मुद्दा बना लिया। मध्य प्रदेश के खंडवा में बीजेपी कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठन ने राहुल गांधी का पुतला जलाकर उनकी संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की। राहुल गांधी ने संसद में भाषण के दौरान जो कहा, उसका अर्थ निकाला गया कि हिंदू हिंसक होते हैं। दरअसल, लोकसभा सदन में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे चैबीसों घंटे हिंसा और घृणा में लगे रहते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि सभी धर्म और हमारे सभी महापुरुष अहिंसा और निर्भयता की बात करते हैं, लेकिन जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं वे केवल हिंसा, घृणा और झूठ की बात करते हैं। आप हिंदू हो ही नहीं। कांग्रेस नेता ने भगवान शिव की एक तस्वीर भी दिखाई और कहा कि उनका संदेश निर्भयता और अहिंसा का है। राहुल गांधी के बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खड़े होकर उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जताई। पीएम मोदी ने कहा कि सम्पूर्ण हिंदू समुदाय को हिंसक कहना बहुत गंभीर मामला है। इसके बाद सदन में मौजूद गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी व अन्य नेताओं ने हालांकि सफाई दी लेकिन भाजपा इसे आरोप बनाने मंे सफल रही।

लोकसभा स्पीकर ने पूरे भाषण में 14 कट लगाए हैं। यानी आसान भाषा में कहें तो उनके भाषण के 14 पॉइंट को संसद के रिकॉर्ड से निकाल दिया है। स्पीकर ने राहुल की तरफ से भाजपा के संदर्भ में हिंदू धर्म को लेकर दिए कई टिप्पणी, तीन से दो प्रमुख उद्योगपतियों का जिक्र जिनका कांग्रेस अक्सर नरेंद्र मोदी सरकार के संदर्भ में बताते है, दो अग्निपथ योजना के बारे में, एक-एक नीट विवाद के बारे में, मणिपुर के बारे में और प्रधानमंत्री के बारे में कही बातों को हटाई है। इसके अलावा सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच अभिवादन के अभाव के बारे में गांधी की टिप्पणी, जिसमें दो केंद्रीय मंत्रियों का विशेष उल्लेख था, को भी हटा दिया गया। कांग्रेस ने इसकी तीखी आलोचना की है। राहुल गांधी ने ओम बिरला को पत्र लिखकर उनके इस निर्णय पर सवाल उठाया और मांग की कि उनकी टिप्पणियों को संसदीय रिकॉर्ड में बहाल किया जाए। ओम बिरला ने हिंदू धर्म और भाजपा के बारे में राहुल गांधी के संदर्भ को हटा दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री के उस खंडन को नहीं हटाया है, जो उन्होंने राहुल गांधी के भाषण के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा था। पीएम ने राहुल के भाषण के दौरान कहा था कि यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना एक गंभीर मुद्दा है। पीएम की इस बात के बाद राहुल गांधी ने जो प्रतिक्रिया दी थी, उसे भी हटा दिया गया है।

इसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला। विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के 99 सीटें जीतने पर राहुल गांधी का नाम लिए बिना तंज कसा। उन्होंने कहा, कोई छोटा बच्चा साइकिल लेकर निकला। वह गिर गया, रोने लगा तो कोई बड़ा आकर कहता है कि देखो चींटी मर गई, चिड़िया मर गई। ऐसा कहकर बड़े बच्चे का मन बहला देते है। आजकल बच्चे का मन बहलाने का काम चल रहा है। पीएम मोदी ने राहुल पर डायरेक्ट हमला बोलते हुए कहा कि आज सहानुभूति हासिल करने का नया खेल किया है। एक बच्चा स्कूल से आया और जोर जोर से रोने लगा। उसकी मां डर गई कि क्या हो गया। उसने बोला कि आज मुझे स्कूल में मारा गया। आज मुझे स्कूल में इसने और उसने मारा। मां परेशान हो गई। मां ने पूछा कि बात क्या है, लेकिन वह बता नहीं रहा था। बस बोल रहा था कि मुझे मारा मुझे मारा। बच्चा यह नहीं बता रहा था कि आज उसने स्कूल में किसी बच्चे को मां की गाली दी थी। उसने यह नहीं बताया कि किसी बच्चे की किताबें फाड़ीं। उसने यह नहीं बताया कि किसी का टिफिन चुराकर खा गया था। टीचर को चोर कहा था। हमने कल सदन में यही बचकाना हरकत देखी है। कल यहां बालक बुद्धि का विलाप चल रहा था।

पीएम मोदी ने कहा, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए भी इस देश की जनता ने जनादेश दिया है। ये जनादेश है- वहीं बैठो। विपक्ष में ही बैठो और तर्क खत्म हो जाए तो चीखते रहो चिल्लाते रहो। कांग्रेस के इतिहास का ये पहला मौका है जब लगातार तीन बार कांग्रेस सौ का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। कांग्रेस के इतिहास में ये तीसरी सबसे बड़ी हार है। तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि संविधान सिर पर रखकर नाचने वाले लोग इसे जम्मू कश्मीर में लागू करने का साहस नहीं कर सकते थे। आज 370 की दीवार गिरी, पत्थरबाजी बंद है और लोग भारत के संविधान में भरोसा करते हुए बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं। 140 करोड़ लोगों में ये विश्वास पैदा होना, इस विश्वास ने ड्राइविंग फोर्स का काम किया है। ये विश्वास विकसित भारत, संकल्प से सिद्धि का विश्वास है। पीएम ने कहा, कल जो हुआ, देश के कोटि-कोटि देशवासी इसे माफ नहीं करेंगे। ये गंभीर बात है कि हिंदुओं पर आरोप लगाने का झूठा षड्यंत्र हो रहा है। क्या हिंदू हिंसक होते हैं? ये है आपकी सोच, आपका चरित्र। ये देश शताब्दियों इसे भूलने वाला नहीं है। इन लोगों ने हिंदू आतंकवाद गढ़ने की कोशिश की थी। इन्होंने शक्ति के विनाश की बात कही थी। देश इन्हें माफ नहीं करेगा। देश की संस्कृति-परंपरा का मजाक उड़ाना, इसे फैशन बना दिया गया है। सदन में कल का दृश्य देखकर अब हिंदू समाज को सोचना पड़ेगा कि क्या ये अपमान कोई संयोग है या बड़े प्रयोग की तैयारी है। पीएम मोदी ने कहा कि सदन में इस झूठ की परंपरा को लेकर कठोर कार्रवाई करेंगे, ऐसी अपेक्षा है। इस प्रकार नेता प्रतिपक्ष को नेता सदन ने कठघरे मंे खड़ा किया। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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