लेखक की कलम

विषकन्या युग की वापसी

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
महान नाटककार विशाख दत्त ने चंद्रगुप्त मौर्य के सत्ता में आने की रोचक कहानी अपने संस्कृत नाटक मुद्राराक्षस मंे बतायी है। नाटक में चाणक्य की बुद्धिमत्ता ऐसी दिखाई गयी है कि आज भी लोग चाणक्य नीति की चर्चा करते हैं। नंदवंश को पराजित करने के लिए महाराजा नंद के वफादार मंत्री राक्षस को चंद्रगुप्त का वफादार बनाना चाणक्य की सबसे सफल कूटनीति मानी जाती है। इस राजनीतिक षड़यंत्र मंे विष कन्याओं का उपयोग किया जाता था। उस समय यह सब नाटक की कहानी भले ही माना जाता रहा हो लेकिन आज इन्हीं विष कन्याओं से सबसे ज्यादा चीन परेशान है। इन विष कन्याओं ने हनी ट्रैप बना रखा है। हनी ट्रैप का मतलब है लड़कियों को हुस्न और उनकी अदाओं से दूसरे देश की जानकारी हासिल करना। चीन इसको लेकर बहुत डरा हुआ है। चीन के राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने सख्त चेतावनी जारी की है। सोशल मीडिया पर अपनी नई वी-चाट अकाउंट के माध्यम से एमएसएस अर्थात् राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने बताया कि खूबसूरत औरतों और आकर्षक मर्दों से सावधान रहें। चीन ही नहीं भारत में भी हनी ट्रैप के शिकार होकर कई लोगों ने देश की और सेना की महत्वपूर्ण जानकारी दुश्मन देश को दी है। इसलिए इन विष कन्याओं से सावधान रहना होगा। ये विष कन्याएं आनलाइन ही नहीं आफलाइन भी डोरे डालती हैं। इसके बाद ब्लैकमेल कर जासूसी के लिए मजबूर करती हैं।
अपनी सुपरमेसी बनाए रखने के लिए कुछ देश क्या-क्या नहीं करते हैं। सिर्फ युद्ध ही नहीं सामान्य परिस्थितियों में भी देश एक-दूसरे के राज जानने के लिए तरह-तरह के तरीके इस्तेमाल करते हैं। इनमें से एक बेहद दिलचस्प तरीका है- हनीट्रैप। इसका मतलब होता है लड़कियों के हुस्न और उनकी अदाओं का इस्तेमाल करके दूसरे देश की गोपनीय जानकारी हासिल कर लेना। चीन इस वक्त इसी हनीट्रैप को लेकर डरा हुआ है। आश्चर्य है कि जो चीन अमेरिका जैसे देश को भी आंखें तरेर रहा है, वो एक ऐसी चीज के घबराया हुआ है, जिसका तोड़ उसके पास है ही नहीं। वो अपने सरकारी अफसरों को हिदायत दे रहा है कि दिल लगाने से पहले जरा जांच-पड़ताल कर लें। साफ तौर पर सरकारी चेतावनी दी गई है कि कर्मचारियों को किसी से भी रोमांस को लेकर सावधान रहने की जरूरत है ताकि वे मोहब्बत के चक्कर में देश से गद्दारी न कर बैठें।
चीन के राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने हाल ही में एक सख्त चेतावनी जारी की है। ये चेतावनी सुंदर और आकर्षक विदेशी जासूसों को लेकर है। सोशल मीडिया पर अपनी नई वी चाट अकाउंट के माध्यम से एमएसएस ने बताया कि विदेशी जासूस अपने फायदे के लिए मजबूत वैवाहिक, आर्थिक या प्रेम संबंधों के रूप में आते हैं। वो अपने मायाजाल में फंसाकर सेंसिटिव इंफॉर्मेशन उड़ा ले जाते हैं। इसके उदाहरण के तौर पर ली सी नाम के शख्स की कहानी बताई जा रही है। उसे एक विदेशी नाइटक्लब में बेहद खूबसूरत और आकर्षक लड़की के जरिये फंसाया गया। लड़की उसे अदाओं के जाल में फंसाकर बिस्तर तक ले गई और फिर उसकी तस्वीरों और वीडियो से ब्लैकमेल करके उसे जासूसी के लिए मजबूर किया गया। मंत्रालय का कहना है कि राजनयिक, वैज्ञानिक, शिक्षक और खासकर विदेशों में पढ़ाई कर रहे छात्र, जो संवेदनशील जानकारी रख सकते हैं, उन्हें इन तरीकों के पहले निशाने पर रखा जाता है। चीन ने सिर्फ खूबसूरत औरतें ही नहीं आकर्षक मर्दों के आकर्षण के प्रति सचेत रहने के लिए कहा है। एमएसएस ने वी चाट पोस्ट में बताया कि कैसे कुछ लोग पूरी तरह विवश हो कर सरकारी गोपनीयता खोल बैठते हैं। ये चेतावनी दी गई है कि हनीट्रैप में कहीं आम जीवन और ऑनलाइन चैटर्स भी शामिल हो सकते हैं। चीन अपने नागरिकों को सतर्क कर रहा है कि ये सिर्फ ऑफलाइन ही नहीं ऑनलाइन भी हो सकता है। ऐसे में बेहतर है कि अनजान लोगों, अनजान वाई फाई नेटवर्क से बचकर रहे और किसी तरह के राज को बेवजह छिपाएं नहीं। ये आपके लिए और देश के लिए खतरनाक हो सकता है।
भारत में भी हनी ट्रैप एक बार फिर चर्चा में हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि कर्नाटक में एक बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है, जब कर्नाटक विधानसभा में मंत्री के. एन. राजन्ना ने खुलासा किया कि राज्य में 48 लोग हनी ट्रैप के जाल में फंस चुके हैं, जिनमें कई नेता भी शामिल हैं। इसके बाद कर्नाटक में कई दलों के विधायकों ने आरोप लगाया कि कर्नाटक की राजनीति में श्हनी ट्रैपश् एक हथियार के रूप में इस्तेमाल हो रहा है। हनी ट्रैप एक प्रकार की जासूसी तकनीक है, जिसमें एक व्यक्ति को आकर्षित करने के लिए एक महिला या पुरुष का उपयोग किया जाता है। इसका उद्देश्य व्यक्ति से गोपनीय जानकारी प्राप्त करना या उसे किसी विशिष्ट कार्य के लिए प्रेरित करना होता है। हनी ट्रैप में अक्सर खूबसूरत लड़कियों का इस्तेमाल किया जाता है, जो अपने आकर्षण और हुस्न के जाल में टार्गेट शख्स को फंसाती हैं। इसके बाद, वे फोटो, वीडियो या मैसेज के जरिए ब्लैकमेल करती हैं और उनसे खुफिया जानकारी या पैसे की मांग करती हैं। यह एक खतरनाक और अनैतिक तकनीक है, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गोपनीयता का उल्लंघन करती है। फ्रॉड फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से आप से जुड़ जाते हैं। बातचीत करने के लिए पर्सनल नंबर मांगते हैं और फिर एक वीडियो काल के जरिए या तो अश्लील वीडियो बनाते हैं या फिर ऐसी बातचीत को रिकार्ड करते हैं जो बेहद गोपनीय होती है। फिर शुरू होता खेल। हनी ट्रैप एक पुराना खेल है, जिसका उपयोग 320 ईस्वी में राजाओं को जाल में फंसाने के लिए किया जाता था। हालांकि, समय के साथ इसका तरीका बदल गया है। पहले, राजाओं के विद्रोहियों को खत्म करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता था लेकिन आज इसका उपयोग पैसे, ब्लैकमेलिंग, खुफिया एजेंसी से जानकारी निकालने, नेताओं से जानकारी हासिल करने और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है। सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल के जरिए इसका खेल होता है, जहां लोगों को फंसाया जाता है और उनकी जानकारी हासिल की जाती है।
भारत में रहकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामले की जांच कर रही महाराष्ट्र एटीएस को जांच में पता चला कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अंतर्गत काम करने वाली पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) की महिला एजेंटों ने आरोपी रवि वर्मा को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए भारतीय सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था। सूत्रों ने दावा किया कि जांच में पता चला है कि पीआईओ की महिला एजेंटों ने जानबूझकर भारतीय सिम कार्ड का इस्तेमाल इसलिए किया, ताकि रवि वर्मा और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को यह महसूस न हो सके कि बातचीत पाकिस्तान से हो रही है। महिला एजेंटों ने खुद को भारतीय नागरिक बताकर वर्मा से संपर्क साधा और उसे बहला-फुसलाकर उससे वॉरशिप और सबमरीन जैसी संवेदनशील रक्षा सूचनाएं, फोटो और वीडियो मंगवाए। यह कोई एक मामला नहीं है। जांच में सामने आया है कि पीआईओ एजेंट सिर्फ रवि वर्मा ही नहीं, बल्कि भारत के विभिन्न हिस्सों में कई लोगों को इसी तरह भारतीय सिम कार्ड के माध्यम से निशाना बना रहे हैं। यह उनकी नई मोडस ऑपरेंडी है, जो पहलगाम हमले के बाद सामने आई है। इस बीच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 3 जून को हसन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तानी एजेंटों को भारतीय सिम कार्ड मुहैया कराने में शामिल था। अब महाराष्ट्र एटीएस दिल्ली पुलिस से लगातार संपर्क में है ताकि यह पता चल सके कि हसन का कोई लिंक रवि वर्मा केस से तो नहीं जुड़ता। सूत्रों ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया है कि नवंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच रवि वर्मा को पाकिस्तानी एजेंटों से खुफिया जानकारी साझा करने के बदले करीब 9,000 रुपये दिए। ये पैसे डेड अकाउंट से अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए, जिनका विश्लेषण जारी है। (हिफी)

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