हरियाणा में सपा-कांग्रेस में दरार!

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 37 सांसद जुटाने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अब पार्टी के विस्तार के साथ समझौता नहीं करेंगे। इसका संकेत उन्हांेने हरियाणा को लेकर दे दिया है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर मंे विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है। समाजवादी पार्टी विपक्षी दलों के महागठबंधन इंडिया की महत्वपूर्ण घटक है। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस नहीं चाहती कि कोई दूसरा साझीदार बने तो अखिलेश यादव ने भी कह दिया कि वह अकेले दम पर भी वहां चुनाव लड़ सकते हैं। उनका तर्क है कि जब उत्तर प्रदेश मंे विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस हिस्सा मांग रही है तो हरियाणा विधानसभा के चुनाव में सपा को भी हिस्सा मिलना चाहिए। इस प्रकार समाजवादी पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव मंे इंडिया गठबंधन के तहत सीटें लेने पर अड़ गयी है। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश मंे उपचुनाव में 3 से 5 सीटें मांगी हैं, तभी समाजवादी पार्टी ने हरियाणा और महाराष्ट्र में दावा ठोंका है। सपा का कहना है कि हरियाणा में 11 सीटें यादव बहुल हैं और 7 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक साबित हो सकते हैं। इनमंे से सपा 5 सीटें मांग रही है। कांग्रेस की हरियाणा इकाई के नेता सपा के साथ साझीदारी को तैयार नहीं है। इस प्रकार हरियाणा मंे सपा और कंाग्रेस के बीच दरार पड़ने की आशंकाएं स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ने लगी हैं। उधर, दुष्यंत चैटाला की पार्टी के साथ चंद्रशेखर आजाद का समझौता हुआ है।
कांग्रेस के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) ने हरियाणा के विधानसभा चुनाव तीन से पांच सीटों पर अपनी दावेदारी जताई है। यह सीटें दक्षिण हरियाणा में हैं और यादव व मुस्लिम बाहुल्य हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इन सीटों पर दावेदारी जताते हुए कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से बातचीत की है। अखिलेश यादव ने हरियाणा की इन सीटों पर दावेदारी इस संदर्भ में की है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में करीब एक दर्जन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस ने कुछ सीटें मांगी हैं।कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने अभी अखिलेश की मांग पर कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों केंद्रीय स्तर पर कांग्रेस के साथ आइएनडीआईए का हिस्सा हैं। हरियाणा में राज्य स्तर पर ऐसा कोई गठबंधन नहीं है। ऐसे में कांग्रेस राज्य में न तो आम आदमी पार्टी से कोई गठबंधन करेगी और न ही समाजवादी पार्टी को कोई सीट देने की चर्चा है।हुड्डा ने स्पष्ट कहा कि हरियाणा में कांग्रेस स्वयं के बूते विधानसभा चुनाव लड़ने में सक्षम है। हुड्डा ने आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन के सभी दावों को खारिज करते हुए कहा कि हमारा समाजवादी पार्टी के साथ भी गठबंधन है, लेकिन यह केंद्रीय स्तर का गठबंधन है, राज्य आधारित नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर हमारा बाकी कई दलों के साथ गठबंधन है, लेकिन राज्य स्तर पर ऐसी कोई चर्चा आज तक नहीं हुई है।
दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने कांग्रेस नेतृत्व को बता दिया है कि अगर हरियाणा में सपा कमजोर है तो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस भी किसी तरीके से मजबूत नहीं है। उपचुनाव वाली जिन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ने का दावा कर रही है, वर्ष 2022 के चुनाव में वहां कांग्रेस की हालत बेहद खराब रही थी। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में तीन से पांच सीटें मांगी हैं, तो समाजवादी पार्टी ने हरियाणा और महाराष्ट्र में दावा ठोंका है। समाजवादी पार्टी का मानना है कि हरियाणा में 11 सीटें यादव और सात सीटें मुस्लिम बाहुल्य हैं। इनमें से सपा ने पांच सीटें चिह्नित की हैं, जिन पर चुनाव लड़ना चाहती है। सपा के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि अगर सपा का हरियाणा में दावा नहीं बनता है तो उस आधार पर उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में भी कांग्रेस को दावा करने का अधिकार नहीं है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक कार्यक्रम में कहा था कि महाराष्ट्र और हरियाणा को लेकर कांग्रेस नेतृत्व को हमने अपनी बात बता दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की सीटों पर साझेदारी हरियाणा और महाराष्ट्र पर निर्भर करेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी भले ही हरियाणा के कांग्रेस दिग्गजों को एकजुट होकर विधानसभा चुनाव में उतरने का पाठ पढ़ा चुके हैं, लेकिन उन्होंने अपने समर्थकों के बीच मुख्यमंत्री पद की दावेदारी तेज कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तो राज्य में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं ही, साथ ही कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला ने भी मुख्यमंत्री पद की लाबिंग बढ़ा दी है। हुड्डा, सैलजा और सुरजेवाला अलग-अलग राजनीतिक कार्यक्रम कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों में कांग्रेस दिग्गजों के समर्थकों द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने हिस्से की नौ लोकसभा सीटों में से पांच पर जीत हासिल की है, जबकि एक सीट आम आदमी पार्टी के हिस्से में आई थी, जो वह हार गई। पांच लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। लोकसभा चुनाव के नतीजों का असर विधानसभा चुनाव पर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस दिग्गज लोकसभा चुनाव के नतीजों से काफी उत्साहित हैं। लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर टिकटों का आवंटन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद से हुआ था।
उधर, हरियाणा विधानसभा चुनाव में जेजीपी और आजाद समाज पार्टी के बीच गठबंधन हो गया है। हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री और जेजेपी नेता दुष्यंत चैटाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ‘किसान-कमेरों की लड़ाई, हम लड़ते रहेंगे बिना आराम, ताऊ देवीलाल की नीतियां, विचारधारा में मान्यवर कांशीराम। हरियाणा विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 90 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा। हरियाणा में 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे और चुनाव नतीजे 4 अक्टूबर को मतगणना के बाद आएंगे। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जेजेपी ने कुल 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। जननायक जनता पार्टी के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला ने पहले ही साफ कर दिया था कि वे इस चुनाव में भाजपा के साथ नहीं जा रहे हैं। इस प्रकार हरियाणा में विपक्षी दल बिखरे नजर आ रहे हैं। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)