रीता फारिया थीं भारत की पहली मिस वर्ल्ड

नब्बे के दशक में भारत की सुंदरियों ने सौंदर्य जगत में जो धमाल मचाया था उसकी शुरुआत दरअसल 1966 में मुंबई की रीता फारिया ने की थी। वर्ष 1945 में जन्मी रीता भारतीय और एशियाई मूल की पहली महिला हैं, जिन्होंने 1966 में मिस वर्ल्ड खिताब जीता। हालांकि उन्होंने सौंदर्य और ग्लैमर को अपना करियर नहीं बनाया और एक साल तक मॉडलिंग करने के बाद अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की और इसी को अपना करियर भी बनाया। लगभग दो दशक के बाद 1998 में रीता एक बार फिर फैशन की दुनिया में वापस लौटीं और उन्होंने 1998 में फेमिना मिस इंडिया की जज की भूमिका निभाई।
मिस यूनिवर्स, मिस वर्ल्ड या कोई सा भी ब्यूटी पेजेंट कॉम्पिटिशन हो। इन कॉन्टेस्ट्स में स्विमसूट राउंड बहुत कॉमन होता है। पहली बार मिस वर्ल्ड का आयोजन साल 1951 में हुआ था। उस साल स्वीडिश मॉडल किकी हकेन्सन ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था। तब हुआ ये पहला मिस वर्ल्ड कई मायनों में अब होने वाले ब्यूटी पीजेंट कॉन्टेस्ट से बहुत अलग हुआ करता था। उस दौर में बिकिनी पहनने पर किकी हकेन्सन को काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था। पोप ने भी उन की निंदा की थी। असल में एरिक मॉर्ले ने फेस्टिवल बिकिनी कॉन्टेस्ट, मिस वर्ल्ड ऑर्गेनाइज किया था। ये फेस्टिवल ऑफ ब्रिटेन में एक एडवर्टाइजमेंट की तरह था। किकी हकेन्सन एक फोटो और फैशन मॉडल थीं। उसी दौरान उन्होंने मिस स्वीडन वर्ल्ड का ताज जीता था और साथ ही साथ लंदन पीजेंट में भी जीत हासिल की थी। हकेन्सन जब फेस्टिवल बिकिनी कॉन्टेस्ट, मिस वर्ल्ड का हिस्सा बनीं तो क्राउन पहनाए जाने के वक्त भी उन्होंने बिकिनी पहनी थी। इस पर पोप ने आपत्ति जताई थी। इसके अलावा कई देशों ने भी नाराजगी जताई थी। कुछ ने तो वहां से अपने डेलिगेट्स वापस बुलाने की धमकी तक दे डाली थी। इसके साथ 1952 में इस पीजेंट से बिकिनी को बैन कर दिया गया। इनकी जगह स्विम वीयर को इंट्रोड्यूस किया गया। कुछ समय बाद बिकिनी को दोबारा इस पीजेंट में एंट्री मिली। (हिफी)