रक्षाबंधन को रक्त रंजित कर गयीं सड़क दुर्घटनाएं

हमारे यहाँ भाई बहन के पवित्र रिश्तों के त्योहार रक्षाबंधन और भैया दोज पर बहनों की पीहर यानि भाई के घरों की दौड़ सैकड़ों जीवन के लिए असमय काल कवलित कर रही है। इन दोनों त्योहार पर करोड़ों बहनें अपने पति बाल गोपाल बच्चों के साथ सार्वजनिक व निजी वाहनों से भाई को राखी बांधने व तिलक करने के लिए एक नगर से दूसरे शहर कस्बे गांव का सफर तय करती हैं। इस दिन सड़कों राजमार्गों पर रोजाना से बीस गुना अधिक वाहनों का लोड हो जाता है। इनमें खचाखच भरी सार्वजनिक परिवहन बस ट्रेन के अलावा लाखों की संख्या में चैपहिया व दोपहिया मोटर साइकिल, स्कूटर बाइक सड़कों पर दौड़ती हंै। त्यौहार पर भैया के घर पहुंचने की जल्दबाजी में कुछ वाहन चालक यातायात नियमों की अनदेखी कर वाहनों को अंधाधुंध दौड़ाते हैं। लाखों वाहन एक ही दिन सड़क पर होने के कारण यातायात का लोड बढ़ जाता है औेर हर जिले में दर्जनों दुर्घटना सामने आती है। इस बार भी रक्षाबंधन को सड़कें दुर्घटना में खून से लाल हो गईं। उत्तर भारत के अनेक शहर कस्बों में सैकड़ों सड़क दुर्घटना घटित हुई और सैकड़ों बहनों की राखियाँ उनके भाईयों की कलाई तक नहीं पहुंच सकीं। कई बहनें और भाई दुर्घटना का शिकार होकर दम तोड़ गए जो अपने भाई या बहन के घर गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचने से पहले ही सड़क दुर्घटना का शिकार बन गए वहीं कितने ही बहन भाई बच्चे सड़क दुर्घटना में चोटिल होकर अस्पतालों के बिस्तर पर कष्ट भुगतने के लिए मजबूर हो गए। इस तरह त्योहार पर भागदौड़ अनजाने में ही सड़क दुर्घटना के लिए न्योता बन रही है।
आपको बता दें कि भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन अनेक परिवारों के लिए बहुत दुखद न भूलने वाले गम दे गया। इस उल्लास के पर्व पर कुछ ऐसी दुखद घटनाएं घटीं, जिन्होंने सम्बन्धित परिवारों में शोक की लहर दौड़ा दी। कई बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधे बिना ही तथा कई भाई राखी बंधवाने से पहले ही इस संसार से विदा हो गए। पिछले तीन दिनों दिनों में ऐसी ही अनेक दुर्घटनाएं घटित हुई हैं। कुछ अखबार की सुर्खियां बनीं इनमें 17 अगस्त को अपनी बहन से राखी बंधवाने सीकर से नारनौल (हरियाणा) आ रहे शेखर नामक युवक की ट्रक की चपेट में आने से मौत हो गई। 18 अगस्त को नालंदा (बिहार) से बुराड़ी स्थित अपने मायके में भाइयों को राखी बांधने नई दिल्ली आई बॉबी नामक महिला और उसके भतीजे की मोटरसाइकिल को वजीराबाद फ्लाईओवर पर एक ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे बॉबी की घटनास्थल पर ही जान चली गई।
18 अगस्त को ही औरंगाबाद (बिहार) के ‘लभरी परसावा’ गांव के निकट रक्षाबंधन के लिए खरीदारी करके लौट रहे एक परिवार को एक कार ने टक्कर मार दी जिससे एक मां-बेटी की मौत हो गई जबकि उसकी दूसरी बेटी तथा मोटरसाइकिल चला रहा देवर गंभीर रूप से घायल हो गए। 18 अगस्त को ही प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) के ‘बेलवानिया’ में अपने ससुराल से मायके में भाइयों को राखी बांधने के लिए निकली ‘सोना देवी’ नामक महिला की गांव में बना ‘चैक डैम’ पार करते समय अचानक आए पानी के तेज बहाव में बह जाने के कारण मौत हो गई। 18 अगस्त को ही सागर (मध्य प्रदेश) में एक बस ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी जिससे अपने पति और बच्चों के साथ अपने भाई को राखी बांधने जा रही महिला और उसके पति की मृत्यु हो गई। 18 अगस्त को ही फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश) में अपनी बहन को उसके ससुराल से अपने घर लाने जा रहे योगेंद्र नामक युवक की कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे उसकी तथा उसके दोस्त अनिल की मौत हो गई।
18 अगस्त को ही नगर बाजार (उत्तर प्रदेश) में एक मोटरसाइकिल को एक तेज रफ्तार वाहन ने पीछे से टक्कर मार दी जिससे उस पर सवार अपने भतीजे दुर्गेश के साथ रक्षाबंधन का सामान खरीदने जा रही महिला ‘मोना देवी’ की मृत्यु तथा उसका भतीजा गंभीर रूप से घायल हो गया। 18 अगस्त को ही समस्तीपुर (बिहार) में एक ट्रक ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी जिससे अपने पति के साथ राखी लेने जा रही महिला सुषमा के पति दीपक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि गंभीर घायल सुषमा के प्राण बचाने के लिए उसकी टांग काटनी पड़ेगी। 18 अगस्त को ही हाजीपुर (बिहार) से ट्रेन द्वारा वैशाली में अपने भाईको राखी बांधने जा रही महिला ‘मुन्नी देवी’ की ट्रेन से गिर कर मौत हो गई।
18 अगस्त को ही करनाल (हरियाणा) में अपने भाई को राखी बांधने जा रही महिला मनजीत और उसके पति मंगा सिंह की मोटरसाइकिल को गलत साइड से आ रही बस द्वारा टक्कर मार देने से मौत हो गई। 18 अगस्त को ही गरियाबंद (छत्तीसगढ़) में अपनी बहन के घर राखी बंधवाने ‘धमतरी’ जाने के लिए बस में सवार हो रहे गंगा प्रसाद को पीछे से आकर एक मोटरसाइकिल ने टक्कर मार दी जिससे गंभीर रूप से- घायल हो जाने के कारण उसकी मौत हो गई। 18 अगस्त को ही गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) से रक्षाबंधन के लिए अलीगढ़ लौट रहे एक ही परिवार के 7 सदस्यों समेत 10 लोगों की मौत हो गई।’ 18 अगस्त को ही गोराया (पंजाब) के ‘रुड़का कलां’ गांव में राखी
बंधवाने आए 2 बहनों के भाई की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। 19 अगस्त को साऊंघाट (उत्तर प्रदेश) के ‘वाल्टरगंज’ में अपने जेठ के बेटे हिमांशु के साथ मोटरसाइकिल पर अपने भाई को राखी बांधने जा रही अनुराधा नामक महिला की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
आप समझ सकते हैं कि ये घटनाएं कितनी दुखद हैं, लेकिन इनमें दूसरों के साथ-साथ वाहन चलाने में कुछ अपनी गलतियां भी शामिल होंगी। अतः ऐसे अवसरों पर सावधानी बरतनी चाहिए।एक ही समय पर एक ही दिन एक शहर से दूसरे गांव शहर की यह दौड़ जाने अनजाने सड़क दुर्घटना के लिए न्यौता है। इससे बचना चाहिए क्योंकि हमारे यातायात साधन सीमित है हमारे यहां लोगों को यातायात नियमों का उल्लंघन करने में एक अजीब आनंद की अनुभूति होती है। इसलिए एक ही दिन सड़क पर लोड बढ़ाना दुर्घटना को आहूत करना है। इससे बचना चाहिये। बहनों को भी त्योहार के दिन आवागमन से बचने के लिए एक दो दिन पहले सफर करना चाहिए जीवन है तो ही त्योहार भी है। यदि हम अपने व परिजनों के जीवन के लिए ही खतरा मोल ले रहे हैं तो त्योहार कैसे मनाएंगे। आज के जीवन की भागदौड ने कुछ लोगों के जीवन में अनावश्यक गति की अधिकता कर दी है जिसमें भावना से अधिक दिखावा हावी है। क्या राखी बांधने के लिए बहन या भाई के जीवन को दांव पर लगाना किसी भी दृष्टि से उचित है? हमें कूप मंडूक होने के स्थान पर व्यावहारिक व सुसंस्कृत संस्कार का परिचय देते हुए अपने व दूसरे के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए व्यवहार करना चाहिए ताकि पूर्ण सुरक्षा व संस्कार के साथ त्योहार मनाया जाए और हमारी बहनें भाई सभी सुरक्षित रहें ताकि दशकों तक बहनों की राखियाँ भाईयों की कलाईयों को सजाती रहंे। (हिफी)
(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)