योगी पर संघ का वरद् हस्त

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए उत्तर प्रदेश में 2027 का विधानसभा चुनाव बहुत खास माना जा रहा है। हालांकि इससे पूर्व भाजपा को 2026 में पश्चिम बंगाल और केरल में भी भगवा फहराने की उम्मीद है लेकिन यूपी में योगी सरकार की हैट्रिक और हिन्दुत्व के वैचारिक विस्तार का सबसे बड़ा अवसर 2027 का विधानसभा चुनाव माना जा रहा है। इसलिए राष्ट्रीय स्वयं सवेक संघ ने अभी से योगी पर वरद् हस्त रख दिया है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1 दिसंबर को भाजपा संगठन और योगी सरकार के साथ आरएसएस की मैराथन बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भगवाधारी चेहरा बताया गया। राजनीतिक पंडितों के अनुसार संघ का यह योगी आदित्यनाथ के
माध्यम से हिन्दुत्व एजेंडे को नयी धार देने का प्रयास है। इसी मुद्दे पर लखनऊ में प्रदेश संघ मुख्यालय भारती भवन से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक विचार-विमर्श होता रहा। विकास के मामले में उत्तर प्रदेश एक उदाहरण बन रहा है। सबसे ज्यादा हाईवे और एक्सप्रेस-वे यूपी में हैं। इसलिए यूपी में विकास की चाशनी में पगे हिंदुत्व को जन-जन तक पहुंचाना आसान माना जा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष दो दिन के
़प्रवास पर लखनऊ पहुंचे तो यह कोई सामान्य बात नहीं मानी जा रही है। प्रदेश के जिलों में संघ से समन्वय बढ़ाया जाएगा। प्रभारी मंत्रियों को संघ सेे समन्वय बढ़ाने को कहा गया है। माना जा रहा है कि जल्द ही संगठन और सरकार में बड़ा बदलाव भी होगा। उद्देश्य सिर्फ यही कि 2027 में योगी आदित्यनाथ सरकार की हैट्रिक लगे और योगी को हिंदुत्व का माॅडल बनाकर पेश किया जाए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी ने अब उत्तर प्रदेश को 2027 के महासंग्राम के लिए पूरी तरह सक्रिय मोड में ला दिया हैै। लखनऊ में हुई सरकार, संघ व संगठन की मैराथन बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भगवाधारी चेहरा बनाकर हिंदुत्व के एजेंडे को नई धार देने और हिंदू समाज में जातिगत विभेद मिटाकर व्यापक एकजुटता कायम करने की विस्तृत रणनीति तैयार की गई। सूत्रों के अनुसार जनवरी 2026 में लखनऊ में एक विशाल हिंदू सम्मेलन आयोजित करने की योजना है। संघ के शताब्दी वर्ष के तहत होने वाले इस आयोजन में सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण और नागरिक कर्तव्य जैसे पंच-प्रण को जन-जन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी खुद प्रमुख भूमिका में रहेंगे और हिंदुत्व के साथ-साथ सामाजिक समरसता का संदेश भी दिया जाएगा। हाल ही में हुई बैठक में विशेष जांच रिपोर्ट एसआईआर की कार्यप्रणाली पर भी गहन मंथन हुआ और जिन विधायकों और नेताओं ने एसआईआर में अपेक्षित सक्रियता नहीं दिखाई उन्हें चिह्नित कर सचेत करने की योजना बनी। प्रभारी मंत्रियों को निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने जिलों में संघ के पदाधिकारियों से नियमित समन्वय बनाए रखें। सरकार, संगठन और संघ के बीच हर स्तर पर त्रिवेणी समन्वय को और मजबूत करने पर सहमति बनी। इसके अलावा आगामी मंत्रिमंडल विस्तार और भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा के संकेत मिले हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि 2027 से पहले संगठन में कुछ बड़े फेरबदल संभव हैं ताकि चुनावी मशीनरी को और तेज किया जा सके। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार में मिली जीत ने संघ-बीजेपी गठजोड़ को नई ऊर्जा दी है और अब उत्तर प्रदेश में भी वही प्रयोग दोहराने की तैयारी है। जिसमें हिंदुत्व की मजबूत डोज के साथ सामाजिक समरसता का संदेश देकर जातिगत समीकरणों को कमजोर करना मुख्य रणनीति होगी। संघ और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि 2027 कोई साधारण चुनाव नहीं बल्कि योगी सरकार की हैट्रिक और हिंदुत्व के वैचारिक विस्तार का सबसे बड़ा अवसर होगा। इसके लिए अभी से जमीनी स्तर पर काम शुरू हो चुका है।
इसी के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष संगठन नेतृत्व और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच लगभग तीन घंटे तक एक अहम बैठक हुई। बैठक में आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चैधरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के साथ-साथ संघ के क्षेत्रीय प्रचारक भी उपस्थित रहे।
सूत्रों के अनुसार बैठक में मुख्य रूप से तीन मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष 2025-26 के राज्य स्तरीय कार्यक्रमों की रूपरेखा और उसमें सरकार व संगठन की सक्रिय भागीदारी आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में संगठन की तैयारी और सरकार व प्रशासन से अपेक्षित सहयोग और वर्ष 2027 के विधाानसभा चुनाव के लिए अभी से शुरू होने वाले मिशन-2027 की विशेष रणनीति। बैठक में संघ संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखने पर विशेष जोर दिया गया। संगठनात्मक स्तर पर बूथ सशक्तिकरण, सामाजिक समरसता अभियान और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की रणनीति पर भी विमर्श हुआ।
लगभग सवा आठ बजे शुरू हुई बैठक रात ग्यारह बजे के करीब समाप्त हुई। बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सबसे पहले बाहर निकले। इसके बाद अन्य नेता भी एक-एक कर सीएम आवास से रवाना हुए। किसी भी नेता ने मीडिया से कोई औपचारिक बात नहीं की, जिससे बैठक की गोपनीयता का पता चलता है। राजनीतिक गलियारों में इसे 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले संघ-भाजपा-सरकार के बीच सबसे महत्वपूर्ण समन्वय बैठक माना जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में इस तरह की यह तीसरी उच्चस्तरीय बैठक है, जो संगठन की आगामी चुनावी तैयारियों की गंभीरता को दर्शाती है।
भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में अपना नया अत्याधुनिक प्रदेश कार्यालय भी बनाने जा रही है। करीब 200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले इस भव्य भवन में डिजिटल वॉर रूम, हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था, मल्टी-लेवल पार्किंग और कई आधुनिक सुविधाएं होंगी। गत 30 नवम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए कार्यालय के निर्माण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए अधिकारियों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ विशेष बैठक की थी।
नया मुख्यालय लखनऊ में ही बनेगा, जिसकी लोकेशन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह कार्यालय न सिर्फ संगठनात्मक गतिविधियों का केंद्र बनेगा, बल्कि डिजिटल युग की जरूरतों
को ध्यान में रखते हुए चुनावी रणनीति, सोशल मीडिया मैनेजमेंट और डेटा एनालिटिक्स के लिए अलग से डिजिटल वॉर रूम भी होगा। जानकारी के
मुताबिक 2029 के लोकसभा चुनाव
तक यह मुख्यालय बनकर तैयार हो जाएगा।(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)



