विश्व-लोक

रूस-ईरान दोनों से बात कर सकता है भारत: जयशंकर

अमेरिका यात्रा पर पहुंचे भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत और अमेरिका के रिश्तों में मतभेद और टकराव हो सकते हैं, लेकिन दोनों देशों को अपने संबंधों को लगातार आगे बढ़ाते रहना होगा। अमेरिकी मैगजीन न्यूजवीक से बातचीत में जयशंकर ने दोनों देशों के ट्रेड डील, यूक्रेन युद्ध, और इंडो-पैसिफिक में भारत की भूमिका को लेकर खुलकर अपनी बात रखी। जयशंकर ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत अपने अंतिम दौर में है, लेकिन इसमें सफलता की गारंटी नहीं दी जा सकती क्योंकि बातचीत में दूसरा पक्ष भी शामिल है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को एक साझा आधार ढूंढना होगा, और आने वाले कुछ दिनों में इस पर और तस्वीर साफ होगी।
जयशंकर ने भारत की आर्थिक प्रगति पर कहा कि देश में इस समय एक गहरा परिवर्तन हो रहा है। हमने पिछले 50-60 वर्षों की तुलना में हाल के वर्षों में दोगुनी गति से विकास किया है। जब तक यह सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन नहीं होता, भारत वैश्विक निवेश के लिए एक विश्वसनीय गंतव्य नहीं बन सकता। जयशंकर ने भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता की ओर इशारा करते हुए कहा कि बहुत कम देश हैं जो रूस और ईरान जैसे देशों से सीधे बात कर सकते हैं। भारत एक लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था है, बाजार आधारित अर्थव्यवस्था है और भविष्य की ओर देखने वाला समाज है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ‘पश्चिम विरोधी’ नहीं है और वह जी7 सम्मेलनों में भाग लेने से लेकर ब्रिक्स व क्वाड जैसे मंचों पर भी सक्रिय है। जयशंकर ने कहा कि बिल क्लिंटन से लेकर डोनाल्ड ट्रंप तक हर अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकाल के अंत में भारत-अमेरिका संबंध पहले से बेहतर हुए हैं।

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